घरों में विराजे गणेश जी, श्रद्धालुओं ने किया महाभिषेक
प्रथमपूज्य श्रीगणेश के पूजन का उत्सव शनिवार से रोहतक में आरंभ हो गया। कोरोना महामारी के चलते इस बार शहर में पंडाल नहीं लगाए और घरों में ही विघ्नहर्ता विराजे हैं।
जागरण संवाददाता, रोहतक : प्रथमपूज्य श्रीगणेश के पूजन का उत्सव शनिवार से रोहतक में आरंभ हो गया। कोरोना महामारी के चलते इस बार शहर में पंडाल नहीं लगाए और घरों में ही विघ्नहर्ता विराजे हैं। विधि-विधान के तहत श्रद्धालुओं ने गणपति का महाभिषेक किया। गणपति बप्पा मोरया के जयकारे लगाते हुए भक्तों ने गजानन की प्रतिमाएं स्थापित की और पूजा-अर्चना की। किला रोड के श्रद्धालुओं भरत व हर्षिता ने बताया कि वे पिछले पांच साल से घर में ही गणपति की पूजा करते आ रहे हैं। वहीं, डीएलएफ कालोनी निवासी सन्नी ने बताया कि उन्होंने भी इस बार घर में ही भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित की हैं। वहीं, डीएलएफ कालोनी निवासी बिदू व भानू ने भी घर में ही बप्पा को स्थापित किया। श्रद्धालुओं ने बताया कि गणेश उत्सव 10 दिनों तक मनाया जाएगा। इसमें प्रत्येक दिन सुबह-सांय गणपति की आरती की जाएगी। विभिन्न प्रकार के घर पर निर्मित प्रसाद का भोग लगाया जाएगा। इसमें उनका प्रिय भोग मोदक भी होगा। ज्यादातर श्रद्धालुओं ने सुबह साढ़े नौ बजे से दोपहर बाद दो बजे तक भगवान गणेश की प्रतिमा की स्थापना की। पूजन सामग्री में जल कलश, लाल कपड़ा रोली सुपारी, लोंग, मेवा, नारियल, दूब व कपूर आदि सामग्री का प्रयोग कर मंत्रोच्चारण के साथ पूजन किया गया। पूजन के उपरांत आरती, मंत्र, भजन आदि से गणपति का स्वागत किया गया।
कोरोना काल में नहीं लगे पंडाल :
कोरोना महामारी के कारण इस बार कहीं गणेश उत्सव का पंडाल नहीं सजाया गया है। न ही गलियों में गणेश उत्सव की कोई चहल-पहल देखी जा रही है। अनेक श्रद्धालु घरों में श्रीगणेश की छोटी मूर्ति स्थापित करके पूजन कर रहे हैं। बड़ी प्रतिमाओं की मांग श्रद्धालुओं ने इस बार नहीं की है।