एमडीयू ने टीम चयन को लेकर बीसीसीआइ को भेजा लीगल नोटिस
जागरण संवाददाता रोहतक भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआइ) की ओर से आयोजित विजी
जागरण संवाददाता, रोहतक : भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआइ) की ओर से आयोजित विजी ट्राफी क्रिकेट टूर्नामेंट के लिए चयनित टीम के आठ खिलाड़ियों को वापस लौटने के मामले में एमडीयू रोहतक ने अदालत में जाने की तैयारी कर दी है। बाकायदा, एमडीयू की तरफ से बीसीसीआइ और भारतीय विश्वविद्यालय संघ को लीगल नोटिस भेज दिया है ताकि आगे की लड़ाई की रूपरेखा तैयार की जा सके। उधर, टीम में खेल रहे सात खिलाड़ियों के खिलाफ भी अनुशासनात्मक कार्रवाई करने का निर्णय लिया है।
बता दें कि अखिल भारतीय अंतर विश्वविद्यालय क्रिकेट प्रतियोगिता के बाद भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड द्वारा विजी ट्राफी के लिए एमडीयू रोहतक को नॉर्थ जोन टीम के चयन और प्रशिक्षण शिविर की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। एमडीयू ने प्रशिक्षण शिविर के लिए पहले 23 सदस्यीय टीम चुनी और बाद में 15 खिलाड़ियों का चयन किया गया। इस टीम को एमडीयू रोहतक ने ग्वालियर में खेलने के लिए भेजा। वहां भारतीय विवि संघ और बीसीसीआइ द्वारा 15 सदस्यीय अन्य टीम को टूर्नामेंट में उतार दिया, जिसमें एमडीयू द्वारा चयनित टीम के सात खिलाड़ी भी शामिल थे। आठ खिलाड़ी और टीम के साथ गए कोच व मैनेजर को वापस लौटना पड़ा। इनकी मौजूदगी में किया था टीम का चयन
बीसीसीआइ की ओर से मनोनीत सदस्य बंटू सिंह, एआइयू की ओर से मनोनीत पर्यवेक्षक प्रदीप यादव, एमडीयू खेल बोर्ड के अध्यक्ष डा. सतीश आहूजा, एमडीयू खेल निदेशक डा. देवेंद्र सिंह ढुल व एक्सपर्ट मनोज गोयल शामिल थे। 23 सदस्यीय टीम पर समिति के सभी पदाधिकारियों के हस्ताक्षर भी हैं। लेकिन 15 सदस्यीय टीम के चयन के दौरान बीसीसीआइ की तरफ से चयनकर्ता बंटू सिंह नहीं पहुंचे। अन्य सदस्यों ने टीम का चयन कर खेलने के लिए भेज दिया। एआइयू ने नॉर्थ जोन टीम के चयन की जिम्मेदारी एमडीयू रोहतक को सौंपी थी। लेकिन ग्वालियर में आयोजित वीजी ट्राफी में अन्य टीम को मैदान में उतारा गया। यह चयन प्रक्रिया के खिलाफ था और पात्र खिलाड़ियों के साथ धोखा किया गया है। इसको लेकर भारतीय विवि संघ और बीसीसीआइ को लीगल नोटिस भेजा गया है। उधर, जो सात खिलाड़ी टीम में खेल रहे हैं, उनके खिलाफ भी विवि की तरफ से अनुशासनात्मक कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। खिलाड़ियों को विवि के बैनर तले खेलना चाहिए न कि अपने फायदे के लिए अन्य टीम में। हम इसकी लड़ाई अदालत में लड़ेंगे।
डा. देवेंद्र सिंह ढुल, खेल निदेशक, एमडीयू, रोहतक