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डिजिटलाइजेशन की राह में रोड़ा, नहीं चल रहे चार में से एक भी एलईडी बोर्ड

जागरण संवाददाता, रोहतक : पीजीआइ को कंप्यूटरीकृत करने के दावों की हकीकत जमीनी स्तर पर

By JagranEdited By: Published: Tue, 20 Mar 2018 03:04 AM (IST)Updated: Tue, 20 Mar 2018 03:04 AM (IST)
डिजिटलाइजेशन की राह में रोड़ा, नहीं चल रहे चार में से एक भी एलईडी बोर्ड
डिजिटलाइजेशन की राह में रोड़ा, नहीं चल रहे चार में से एक भी एलईडी बोर्ड

जागरण संवाददाता, रोहतक :

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पीजीआइ को कंप्यूटरीकृत करने के दावों की हकीकत जमीनी स्तर पर अलग है। करीब 6000 मरीजों वाली ओपीडी में एलईडी बोर्ड बंद पड़े हैं। ये बोर्ड मरीजों के नंबर लगाने और उन्हें बोर्ड पर डिस्प्ले कराने के लिए लगाए गए थे, लेकिन अब ये बोर्ड चलते ही नहीं है। ऐसे में मरीजों को लंबी कतार में लगना पड़ता है।

चौधरी रणबीर ¨सह ओपीडी में इलाज कराने के लिए प्रतिदिन करीब छह हजार मरीज आते हैं। लगभग इतने ही मरीज के साथ उनके परिजन होते हैं। सुबह आठ बजे ओपीडी का पर्चा बनवाकर डाक्टर को दिखाने और परामर्श लेने के साथ ही लैब से टेस्ट कराने का संघर्ष होता है, जो सफल हुए तो ठीक वरना मरीजों को उन्हें अगले दिन की तारीख मिल जाती है। अब लैब की जांच कराने और डॉक्टर को दिखाने के बाद दवाई काउंटर पर भी लाइन लगाना पड़ता है। लैब के सामने भी नंबर आने के लिए बोर्ड लगाया गया है लेकिन वह बंद है। साथ ही, जब व्यक्ति दवाई लेने के लिए मुफ्त दवा काउंटर पर पहुंचता है तो वहां पर भी लाइन लगती है। बोर्ड वहां पर भी लगा है लेकिन चलता नहीं है। इसमें सिफारिशी परिजन और पुलिस वाले कैदियों को लेकर आते हैं और प्राथमिकता के आधार पर ही दवाई लेकर चले जाते हैं। यहां का भी डिस्प्ले काम नहीं करता है। इसके साथ ही, ओपीडी में प्रवेश करते ही मुख्य द्वार पर एलईडी बोर्ड लगा हुआ है। लेकिन यह भी बंद है। ऐसे में ये सिर्फ कंप्यूटरीकृत के नाम पर दिखावा ही साबित हो रहे हैं।

नेत्र विज्ञान संस्थान की ओपीडी में भी बंद है बोर्ड

नेत्र विज्ञान संस्थान की ओपीडी में भी यह बोर्ड खराब पड़ा है। नाम न छापने की शर्त पर लोगों ने बताया कि ये कई दिनों से ऐसे ही है। किसी ने इसे ठीक नहीं किया। ऐसे बोर्ड ओपीडी की पर्ची देने वाले और डॉक्टर को दिखाने के लिए सामने बने कमरे के ऊपर भी लगे हुए हैं। लेकिन एक भी एलईडी बोर्ड काम नहीं करता है।

पीजीआइ को पूरी तरह से ही कंप्यूटरीकृत करने के लिए लगाया था बोर्ड

जानकारी के मुताबिक, पीजीआइ को पूरी तरह से कंप्यूटरीकृत करने के लिए ये बोर्ड लगाए गए थे। सिस्टम ऐसा था कि जब काउंटर पर ओपीडी का पर्चा बनवाने के लिए मरीज या उसके परिजन आएंगे तो नंबर के लिए एलईडी बोर्ड में डिस्पले किया जाएगा ताकि मरीजों को सुविधा हो। इसके साथ ही, लैब के सामने भी बोर्ड लगाया गया था। सिस्टम ऐसा है कि कुछ लैब में सिर्फ गिनती के ही टेस्ट होते हैं।

यहां-यहां मौजूद हैं बोर्ड

स्थान स्टेटस

ओपीडी में प्रवेश द्वार पर बंद

ओपीडी में दवा काउंटर बंद

ओपीडी में ग्राउंड तल पर लैब में बंद

नेत्र विज्ञान संस्थान की ओपीडी में बंद

हम पीजीआइ को कंप्यूटरीकृत करने पर जोर दे रहे हैं। अभी हमने रजिस्ट्रेशन वाले भाग को पूरा किया है। अब हमने लैब के सिस्टम पर काम शुरु कर दिया है। अभी कुछ ¨बदुओं पर काम करना बाकी है।

- डा. प्रशांत कुमार, प्रोफेसर इंचार्ज, जनसंपर्क अधिकारी, पीजीआइएमएस, रोहतक।


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