क्लर्क भर्ती परीक्षा : अभ्यर्थियों को नहीं मिले वाहन, बसों की छतों व खिड़कियों पर लटककर परीक्षार्थियों ने किया सफर
फोटो --- 18 - विभिन्न जिलों में आयोजित परीक्षा में लाखों की संख्या में अभ्यर्थियों ने लिया हिस्स
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- विभिन्न जिलों में आयोजित परीक्षा में लाखों की संख्या में अभ्यर्थियों ने लिया हिस्सा
- तीन दिन की परीक्षा के दौरान सोमवार को समाप्त हो गई क्लर्क भर्ती परीक्षा
- अभ्यर्थियों की भीड़ के कारण रोडवेज ने तीन दिनों में कमाया 83 लाख का राजस्व
जागरण संवाददाता, रोहतक : तीन दिन चली क्लर्क भर्ती परीक्षा का सोमवार को समापन हो गया। तीसरे व अंतिम दिन बड़ी संख्या में अभ्यर्थी परीक्षा देने पहुंचे। तड़के चार बजे से सुबह 11 बजे तक बस स्टैंड पर अभ्यर्थियों की भीड़ रही। जबकि इसके बाद दोपहर तीन बजे तक बस स्टैंड पर स्थिति सामान्य रही। इसके बाद एक बार फिर से अभ्यर्थियों की भीड़ बस स्टैंड पर बढ़ना शुरू हो गई। देर रात तक अभ्यर्थी बसों के लिए भटकते रहे, लेकिन बसों की कमी के कारण अभ्यर्थियों को निजी वाहनों में सफर करने के लिए मजबूर होना पड़ा।
सोमवार को तीसरे व अंतिम दिन क्लर्क भर्ती परीक्षा के लिए हजारों की संख्या में अभ्यर्थियों ने हिस्सा लिया। इस दौरान एक बार फिर गत दिनों की तरह बसों की कमी के कारण अभ्यर्थियों को परेशानी जेलनी पड़ी। स्थिति यह रही कि सोमवार की तड़के चार बजे बस स्टैंड से 11 बजे तक 120 से अधिक बसों को अभ्यर्थियों को लेकर रवाना किया जा चुका था। इसके बाद निजी बस चालकों ने जमकर चांदी काटी। शाम होते ही बस स्टैंड पर एक बार फिर से यात्रियों की भीड़ लगने लगी। यात्रियों की भीड़ और अधिकतर बसों के रूटों पर रवाना होने के कारण एक बार फिर निजी बसों के सहारे काम चलाना पड़ा। तीन दिन में औसत से दोगुना पहुंचा राजस्व
क्लर्क भर्ती परीक्षा के तीन दिनों में रोडवेज विभाग को औसत से दोगुना राजस्व मिला है। रोडवेज अधिकारियों के मुताबिक परीक्षा के पहले दिन 25 लाख, दूसरे दिन 30 लाख और तीसरे व अंतिम दिन 28 लाख रुपये का राजस्व मिला है। औसत से दोगुना राजस्व मिलने पर रोडवेज अधिकारी खुशी से फूले नहीं समां रहे हैं। बसों की छतों और खिड़कियों पर लटककर किया सफर
क्लर्क भर्ती परीक्षा के अभ्यर्थियों को बसों की छतों और खिड़कियों पर लटककर सफर करने के लिए मजबूर होना पड़ा। जींद, भिवानी, हिसार, झज्जर समेत अन्य लोकल रूटों पर बसों की कमी के कारण बड़ी संख्या में अभ्यर्थी जान जोखिम में डालकर सफर करने के लिए मजबूर हुए। वर्जन ---
सोमवार को अन्य दिनों की अपेक्षा अभ्यर्थियों की भीड़ कम रही। अभ्यर्थियों की मांग के हिसाब से बसों का संचालन किया गया था।
--- धर्मवीर, स्टैंड अधीक्षक