सीएचसी व पीएचसी में चिकित्सकों का अभाव, जनता का स्वास्थ्य रामभरोसे
जागरण संवाददाता, रोहतक : सरकार स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर बड़े-बड़े दावे कर रही है। ले
जागरण संवाददाता, रोहतक : सरकार स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर बड़े-बड़े दावे कर रही है। लेकिन हकीकत में जनता का स्वास्थ्य चिकित्सकों की बजाय भगवान के भरोसे चल रहा है। प्रदेश के सामुदायिक, प्राथमिक व उपमंडलीय अस्पतालों में चिकित्सक व तकनीकी स्टाफ की भारी कमी है। जब अस्पतालों में चिकित्सक ही नहीं होंगे तो मरीजों का मर्ज कौन देख पाएगा।चिकित्सकों के पदों को लेकर सूचना अधिकार अधिनियम के तहत मांगी गई जानकारी में हकीकत सामने आई है। रोहतक जिले में स्थित सभी सीएचसी और पीएचसी में चिकित्सकों के कुल 83 पद मंजूर 83 हैं। इनमें से 27 पद खाली हैं। 56 पदों पर चिकित्सकों की नियुक्ति है। सीएचसी कलानौर में चिकित्सकों के 11 पद मंजूर हैं छह खाली हैं। जबकि सामान्य अस्पताल महम में 11 में 7 पद चिकित्सकों के खाली हैं। सबसे खराब स्थिति तो ट्रामा सेंटर रेवाड़ी की है। ट्रामा सेंटर में चिकित्सकों के 44 पद मंजूर हैं। इनमें से केवल 12 पद ही भरे हुए हैं जबकि 32 पद खाली हैं। सामान्य अस्पताल रेवाड़ी में 106 पदों में से 69 खाली हैं। हरियाणा सूचना अधिकार मंच के संयोजक सुभाष ने स्वास्थ्य विभाग हरियाणा से स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर छह ¨बदुओं पर जानकारी मांगी थी। जिसमें हरियाणा कुल कितने सीएचसी एवं पीएचसी हैं। इनमें कुल कितने चिकित्सक नियुक्त हैं और कितने पद खाली है। कुल कितने तकनीकी कर्मचारी नियुक्त हैं तथा कितने पद खाली हैं। अप्रैल 2014 से नव बर 2017 सीएचसी और पीएचसी में कुल कितने सिजेरियन ऑपरेशन
ऑपरेशन हुए। 17-11-2017 को स्वास्थ्य विभाग हरियाणा के महानिदेशक ने स्वयं जानकारी देने की बजाय राज्य के सभी सिविल सर्जन को सूचना आवेदन भेज कर जानकारी उपलब्ध करवाने को कहा। उन्होंने जानकारी देने की बजाय इस आवेदन को वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों को भेज दिया। सूचना अधिकार कार्यकर्ता सुभाष के अनुसार पूरी जानकारी स्वाथ्य विभाग हरियाणा के पास होगी। लेकिन जानबूझ कर सूचना आवेदन को सभी जिलों और सीएचसी तथा पीएचसी तक भेज दिया गया। अलग-अलग जिलों से जो जानकारी प्राप्त हुई है उसमें अनुसार राज्य में स्थित सीएचसी और पीएचसी में चिकित्साधिकारियों के अलावा तकनीकी स्टाफ की भारी कमी है।
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यह है स्थिति
जिला रिक्त पद
हिसार 53 फीसद चिकित्सक का तकनीकी कर्मचारियों के पद खाली हैं।
फतेहाबाद 52 फीसद चिकित्साधिकारियों के पद रिक्त हैं।
भिवानी 58 फीसद चिकित्सकों के पद खाली हैं।
करनाल 43 फीसद
रोहतक 32 फीसद चिकित्सों के पद खाली हैं।
पानीपत 42 फीसद पद खाली हैं।
जीन्द 56 फीसद पद खाली हैं।
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केंद्रीय मंत्री डूमरखां के गांव में दो पद, दोनों खाली
केंद्रीय इस्पात मंत्री चौधरी बीरेंद्र ¨सह डूमरखां के गांव में स्थित पीएचसी में चिकित्सकों के दो पद मंजूर हैं। यह दोनों ही पद रिक्त हैं। नागरिक अस्पताल जींद में चिकित्साधिकारियों के 55 में से 30 पद खाली हैं। यही हाल नरवाना के नागरिक अस्पताल का है जहां केवल आठ चिकित्साधिकारी नियुक्त हैं जबकि दो वरिष्ठ चिकित्साधिकारियों सहित 36 पद चिकित्साधिकारियों के रिक्त हैं। बहुत हैरानी की बात है कि जीन्द में जीव वैज्ञानिक का तकनीकी पद जून 2006 से ही खाली हैं।
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सिरसा की सीएचसी हुए सिजेरियन ऑपरेशन
हरियाणा में केवल सिरसा जिला ऐसा है जहां सीएचसी में सिजेरियन ऑपरेशन
ऑपरेशन हुए हैं। एक अप्रैल 2014 से एक नवंबर 2017 तक पीएचसी एवं सीएचसी में सिजेरियन सीएचसी डबवाली में 2014-15 में 115, 2015-16 में 95 तथा 2016-17 में 73 हुए। सीएचसी ऐलनाबाद में 2014-15 में 8 तथा 2017-18 में 1 सिजेरियन ऑपरेशन हुआ।
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पंचकूला के सीएचसी शीशववाल में सभी आठ पद खाली
पंचकूला जैसे जिले के सीएचसी शीशववाल में चिकित्सकों के आठ पद भरे हुए और आठ पद ही खाली हैं। इनमें वरिष्ठ चिकित्साधिकारी का एक पद भी जो खाली है। चिकित्साधिकारियों के सात पद मंजूर हैं इनमें से केवल दो पर चित्सिक नियुक्त है, बाकी पांच खाली हैं। झज्जर जिले से प्राप्त जानकारी के अनुसार ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित 18 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर एंबुलैंस की सुविधा उपलब्ध नहीं है। इस जिले में ग्रामीण क्षेत्रों में कुल 22 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र हैं।