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रोहतक में जाट आंदोलन जारी, खुला रोहतक-बहादुरगढ़-दिल्ली मार्ग

जाट आरक्षण को लेकर रोहतक में प्रदर्शन करने वाले आंदोलनकारियों ने साफ कर दिया है कि वह बिना लिखित आश्वासन के वहां से नहीं हटने वाले हैं। उन्होंने इस दौरान मारे गए लोगों के परिजनों को मुआवजा देने की भी मांग की है। हालांकि रोहतक-दिल्ली मार्ग को खोल दिया गया

By Kamal VermaEdited By: Published: Mon, 22 Feb 2016 11:51 AM (IST)Updated: Mon, 22 Feb 2016 07:35 PM (IST)
रोहतक में जाट आंदोलन जारी, खुला रोहतक-बहादुरगढ़-दिल्ली मार्ग

पानीपत। जाट आरक्षण की मांग कर रहे आंदोलनकारियों की मांगों को मान लेने के बाद कई जगहों पर स्थिति सामान्य होती प्रतीत हो रही है। इसके बावजूद रोहतक में आंदोलनकारियों ने साफ कर दिया है कि वह बिना किसी लिखित आश्वासन के वहां से नहीं हटेंगे। लिहाजा रोहतक में सांपला और मदवि गेट के सामने बैठे आंदोलनकारियों ने अपने घरों को लौटने से इंकार कर दिया है। हालांकि आज सुबह रोहतक-बहादुरगढ़-दिल्ली मार्ग को खोल दिया गया है।

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उन्होंने कहा कि अभी तक कोई लिखित आदेश या आश्वासन नहीं मिला है। इसके अलावा फायरिंग में मारे गए और घायल आंदोलनकारियों के संबंध में भी कोई घोषणा नहीं की गई है। 84 खाप के प्रधान हरदीप अहलावत ने कहा कि जब तक सरकार के तरफ से लिखित में आरक्षण के लिए नहीं दिया जाता और गोलीबारी में मरने वालों को शहीद का दर्जा नहीं मिलता तब तक आंदोलन जारी रहेगा। इसके अलावा मृतकों के परिजनों को 50 लाख रुपये व घायलों के परिजनों को 10 लाख रुपये आर्थिक मदद नहीं मिलने तक शांतिपूर्ण धरना जारी रहेगा। इनसो के प्रदेशाध्यक्ष प्रदीप देशवाल ने कहा कि जब तक सभी मुद्दों पर स्थिति स्पष्ट नहीं हो जाती तब तक पंचायत में आंदोलन जारी रखने का फैसला लिया गया है।

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ओबीसी कोटे के तहत राज्य में जाटों को आरक्षण देने की मांग मान लिये जाने के बाद स्थिति धीरे-धीरे सामान्य होने लगी है। पानीपत में सिवाह के पास शनिवार सुबह दस बजे से लगा जाम रविवार रात 11.07 बजे हटा लिया गया। हालांकि सोनीपत के कुंडली और मुरथल के कमासपुर मोड़ पर आंदोलनकारी जमे हुए थे।

कुरुक्षेत्र में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के थर्ड गेट पर चार दिन से लगा जाम हटा लिया गया है। यमुनानगर में सभी मार्गों से आंदोलनकारी हट गए हैं। पानीपत में हरिद्वार रोड और गोहाना व जींद स्टेट हाईवे भी खाली हो गया है। अंबाला में कैथल मार्ग पर जाम लगाए आंदोलनकारी दोपहर बाद ही हट गए थे।

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