सुभाष पार्क में गुरुद्वारा प्रबंधन समिति ने ताला तोड़कर शुरू कराया निर्माण कार्य,- नगर निगम की टीम ने पुलिस बल के साथ पहुंचकर रुकवाया काम
जागरण संवाददाता रोहतक सुभाष नगर स्थित गुरुद्वारा प्रबंध और मंदिर का फिर से विवाद शुरू ह
जागरण संवाददाता, रोहतक : सुभाष नगर स्थित गुरुद्वारा प्रबंध और मंदिर का फिर से विवाद शुरू हो गया। शनिवार को गुरुद्वारा प्रबंधन पर ताला तोड़कर निर्माण कार्य शुरू कराने की निगम टीम को सूचना मिली। नगर निगम प्रशासन मौके पर पहुंचा तो निर्माण कार्य चल रहा था। निर्माण कार्य को रोकने के लिए बाद में पुलिस बल को भी बुलाया गया। नगर निगम ने पार्क की जमीन बताते हुए निर्माण कार्य बंद कराने के साथ ही एक-एक फीट तक नींव भरने का कार्य को ढहा दिया। वहीं, गुरुद्वारा प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाए। एपसी जश्नदीप रंधवा और मॉडल टाउन चौकी को दी गई शिकायत में दावा किया कि टीम के साथ अभद्रता की गई। ईंट से हमला भी किया गया।
हालांकि गुरुद्वारा प्रबंधन ने खुद के खिलाफ साजिश बताते हुए निर्माण कार्य को सही बताया। यह भी कहा कि हमारी तरफ से कोई अभद्रता या फिर हमला नहीं किया गया।
प्रबंध समिति को समझाया गया तो कुछ पदाधिकारियों व अन्य लोगों ने हमला करने की कोशिश की। एक व्यक्ति ने तो ईंट से हमला करने की कोशिश की। इसके साक्ष्य भी पुलिस को सौंपे गए हैं। निर्माण कार्य बंद कराने के दौरान भी हाईवोल्टेज ड्रामा हुआ। करीब दो घंटे तक चले हंगामे के बाद काम बंद करा दिया गया। गुरुद्वारा प्रबंध कमेटी और मंदिर प्रबंधन एक बार फिर से आमने-सामने आ गए हैं। पिछले करीब आठ-दस साल से विवाद चल रहा है। हमने पुलिस को शिकायत दी है। किसी भी स्थिति में गलत कार्य नहीं होने देंगे। पुलिस में शिकायत देकर नगर निगम टीम के साथ अभद्रता करने वालों व टीम पर हमला करने की कोशिश करने वालों के खिलाफ कराएंगे।
आरएस वर्मा, आयुक्त, नगर निगम
--
हमने नगर निगम की टीम पर कोई हमला नहीं किया और मारपीट भी नहीं की। पूरा मामला हाईकोर्ट में चल रहा है। जिस स्थान पर निर्माण कार्य शुरू करा रहे थे वह जमीन हमारे लंगर की है। मंदिर वाली जमीन भी हमारी हे।
गुरुबचन सिंह, प्रेसीडेंट, गुरुद्वारा सुभाष नगर
--
नगर निगम प्रशासन पूरे मामले को देख रहा है। यह तो गुरुद्वारा प्रबंधन की दबंगई हो गई कि पार्क की जमीन पर निर्माण कार्य कराया जा रहा है। नगर निगम प्रशासन ने ठोस कार्रवाई नहीं की तो हम आंदोलन के लिए मजबूर होंगे।
कपिल नागपाल, व्यापारी नेता