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691 दिन जेल में रहने के बाद धुला युवक पर लगा ISI Agent होने का दाग, कोर्ट ने किया बरी

पाक की ISI एजेंट महिला को सुरक्षा से जुड़ी सूचनाएं भेजने के आरोपित गौरव को 691 दिन जेल में रहने के बाद अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश रितू वाइके बहल की कोर्ट ने बरी कर दिया।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Fri, 06 Mar 2020 09:43 AM (IST)Updated: Fri, 06 Mar 2020 03:54 PM (IST)
691 दिन जेल में रहने के बाद धुला युवक पर लगा ISI Agent होने का दाग, कोर्ट ने किया बरी
691 दिन जेल में रहने के बाद धुला युवक पर लगा ISI Agent होने का दाग, कोर्ट ने किया बरी

जेएनएन, रोहतक। पाकिस्तान की महिला ISI एजेंट को देश की सुरक्षा से जुड़ी सूचनाएं भेजने के आरोपित सोनीपत गन्नौर निवासी गौरव को 691 दिन जेल में रहने के बाद अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश रितू वाइके बहल की कोर्ट ने बरी कर दिया। इसके साथ ही कोर्ट ने टिप्पणी की कि जिन सूचनाओं को लीक किए जाने की बात कही गई है, वह तो गूगल पर भी उपलब्ध है। ऐसे में युवक को दोषी करार नहीं दिया जा सकता।

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कोर्ट की टिप्पणी

अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश रितू वाईके बहल की कोर्ट ने कहा, जिन सूचनाओं को लीक किए जाने की बात पुलिस ने कही है, वह गूगल पर भी उपलब्ध है। ऐसे में युवक को दोषी नहीं ठहराया जा सकता। 

15 अप्रैल 2018 में केंद्रीय और प्रदेश की खुफिया एजेंसी ने मिलकर रोहतक के मॉडल टाउन से गन्नौर के गांधी नगर निवासी गौरव को गिरफ्तार किया था। वह शीला बाईपास स्थित एक एकेडमी में सेना भर्ती की तैयारी कर रहा था। आरोप था कि करीब एक साल से वह फेसबुक के माध्यम से अमित उर्फ सोनू और अमिता आहुलवालिया नाम की महिला के संपर्क में थे। गौरव भी खुद को फौजी बताता था। वह करीब 18 बार सेना भर्ती में जा चुका था। आरोप था कि वह वीडियो कॉलिंग के माध्यम से महिला एजेंट को भर्ती की लोकेशन दिखाता था और वहां के फोटो भी भेजता था। सिविल लाइन थाने में यह केस दर्ज किया गया था। इसके बाद से केस अदालत में विचाराधीन था।

दो बार जमानत याचिका हुई थी खारिज

पुलिस की तरफ से मामले में 7 जुलाई 2018 को चालान पेश किया गया था। इस दौरान पुलिस ने गौरव और महिला एजेंट के बीच हुई चैटिंग के 33 पेज के स्क्रीन शॉट भी कोर्ट में पेश किए थे। आरोपित पक्ष की तरफ से अधिवक्ता मोहित वर्मा कोर्ट में केस लड़ रहे थे। गौरव की ओर से जमानत के लिए दो बार याचिका भी लगाई गईं, लेकिन दोनों बार खारिज कर दी गईं। हाई कोर्ट ने कुछ समय पहले इस केस में छह माह में फैसला देने के आदेश दिए थे।

पुलिस ने कर दी मेरी जिंदगी बर्बाद : गौरव

कोर्ट से राहत मिलने के बाद गौरव और उसके पिता जयकिशन की आंखों में आंसू छलक पड़े। गौरव का कहना था कि पुलिस की लापरवाही के कारण उसकी जिंदगी बर्बाद हो गई है। वह निर्दोष होते हुए भी इतने दिनों तक जेल में बंद रहा। उसे मानसिक यातनाएं झेलनी पड़ी। वह और उसके परिजन बार-बार कहते रहे कि उसका कोई दोष नहीं है।उस पर लगा आरोप तो धुल गया, लेकिन इस केस की वजह से उसका कॅरियर खत्म हो गया। जो अब वापस नहीं आ सकता।

बिना वजह गौरव पर ISI एजेंट होने का आरोप लगाया

गौरव के अधिवक्ता मोहित वर्मा का कहना है कि न्यायपालिका पर पूरा विश्वास था कि निर्दोष को सजा नहीं होगी। पुलिस ने बिना वजह गौरव पर ISI एजेंट होने का आरोप लगा दिया, जबकि कोर्ट में ऐसा कोई ठोस सबूत पेश नहीं कर सकी। पुलिस की लापरवाही से एक युवक का कॅरियर बर्बाद हो गया। इस मामले में अब मानहानि का केस दायर किया जाएगा।

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