Move to Jagran APP

नगर निगम हाउस की 28 सितंबर की बैठक में कुछ पार्षदों ने लगाए थे विभिन्न कार्यो में भ्रष्टाचार के आरोप, तीन दिनों तक धरना भी दिया था एसटीपी ने की जांच शुरू, कहा-आयुक्त को देंगे रिपोर्ट

नगर निगम के पार्षदों द्वारा लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच शुरू हो गई है। वीरवार को नगर निगम के सीनियर टाउन प्लानर(एसटीपी) ने पहले दिन पार्षदों की तरफ से प्रापर्टी आइडी के मामले में की गई शिकायत पर जांच की। हालांकि पार्षदों से यही कहा गया है कि जांच बिदुवार होगी। रिपोर्ट नगर निगम के आयुक्त को ही सौंपी जाएगी।

By JagranEdited By: Published: Fri, 15 Oct 2021 05:04 AM (IST)Updated: Fri, 15 Oct 2021 05:04 AM (IST)
नगर निगम हाउस की 28 सितंबर की बैठक में कुछ पार्षदों ने लगाए थे विभिन्न कार्यो में भ्रष्टाचार के आरोप, तीन दिनों तक धरना भी दिया था
  एसटीपी ने की जांच शुरू, कहा-आयुक्त को देंगे रिपोर्ट
नगर निगम हाउस की 28 सितंबर की बैठक में कुछ पार्षदों ने लगाए थे विभिन्न कार्यो में भ्रष्टाचार के आरोप, तीन दिनों तक धरना भी दिया था एसटीपी ने की जांच शुरू, कहा-आयुक्त को देंगे रिपोर्ट

जागरण संवाददाता, रोहतक : नगर निगम के पार्षदों द्वारा लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच शुरू हो गई है। वीरवार को नगर निगम के सीनियर टाउन प्लानर(एसटीपी) ने पहले दिन पार्षदों की तरफ से प्रापर्टी आइडी के मामले में की गई शिकायत पर जांच की। हालांकि पार्षदों से यही कहा गया है कि जांच बिदुवार होगी। रिपोर्ट नगर निगम के आयुक्त को ही सौंपी जाएगी। इस दौरान आरोप लगाने वाले पार्षदों ने भी अपना पक्ष रख दिया है।

loksabha election banner

नगर निगम हाउस की 28 सितंबर को बैठक हुई थी। उस दौरान पार्षदों ने भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए बैठक के बहिष्कार का फैसला लिया था। इसके बाद तीन दिनों तक धरना दिया था। बाद में जांच के आश्वासन पर ही धरना समाप्त हो सका था। पार्षदों ने उस दौरान सात बिदुओं पर जांच और उनका ब्योरा मांगा था। पहला बिदु अमृत योजना के तहत हुए विकास कार्यों का ब्योरा मांगा था। सीवरेज-पानी के कार्यों का पूरा ब्योरा मांगा था। इसके साथ ही नगर निगम में प्रापर्टी आइडी, एनडीसी यानी नो ड्यूज सर्टिफिकेट और नक्शों के पास कराने में गड़बड़ियों के आरोप लगाए थे। इसी तरह से सेक्टरों में बरसाती पानी की निकासी के साथ ही सीवरेज-पानी की आपूर्ति के बेहतर इंतजाम की मांग की थी। यह भी कहा था कि इन सभी कार्यों को अलग-अलग कराया जाए। पार्षदों ने सभी 22 वार्डों में हुए विकास कार्यों का ब्योरा मांगा था। इन सभी मामलों की निष्पक्षता से जांच हो। नगर निगम क्षेत्र में पिछले तीन साल में निर्मित कराए गए शौचालयों के निर्माण की लागत का ब्योरा मांगा था। वहीं, सभी वार्डों में पिछले दो साल से विकास कार्य ठप होने का दावा करते हुए 100-100 करोड़ रुपये का प्रत्येक वार्ड के लिए विशेष बजट मांगा था। जांच में शामिल हुए पार्षद, कहा निष्पक्षता से जांच होगी तभी फंसेंगे अधिकारी

वार्ड-8 के भाजपा पार्षद सुनील कुमार सोनू व वार्ड-10 के भाजपा पार्षद राहुल देशवाल जांच में शामिल हुए। पार्षद सोनू के मुताबिक, पहले दिन एसटीपी वाष्र्णेय ने सिर्फ प्रापर्टी आइडी को लेकर जांच की। इन्होंने बताया कि बीते साल नवंबर-दिसंबर में एडीसी रजिस्ट्री के लिए जारी हो गईं। उनकी जांच हो, गड़बड़ियों के आरोप लगाए हैं। इसी तरह से कुछ अवैध कालोनियों में नक्शे पास होने के साथ ही एक मकान की दो प्रापर्टी आइडी बनने का मामला रखा। पार्षद सोनू का कहना है कि निष्पक्षता से जांच होगी तो अधिकारी फंसेंगे। हमने साक्ष्यों के साथ अपना पक्ष रख दिया है। यह भी शक है कि कहीं पहले की तरह मामलों को ठंडे बस्ते में न डाल दिया जाए।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.