ग्रामीणों को दी सूचना अधिकार अधिनियम की जानकारी
-जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की तरफ से निशुल्क कानूनी सहायता क्लीनिक का आयोजन संवाद सहयोगी
-जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की तरफ से निशुल्क कानूनी सहायता क्लीनिक का आयोजन
संवाद सहयोगी, कलानौर : जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की तरफ से रविवार को सिविल अस्पताल परिसर में सूचना अधिकार अधिनियम विषय पर कार्यक्रम का आयोजन किया। इस अवसर पर सूचना अधिकार अधिनियम के साथ-साथ निशुल्क कानूनी सहायता के बारे में लोगों को जागरूक किया।
वरिष्ठ अधिवक्ता राजबीर कश्यप ने बताया गया कि भारतीय संसद द्वारा सन 2005 में राइट टू इन्फॉर्मेशन अधिनियम पारित किया गया। इस अधिनियम के जरिए सरकार हम सब नागरिकों को वो सभी सूचनाएं देने का वादा करती है, जो हमारे लिए जरूरी तो हों, लेकिन यह सूचनाएं किसी भी तरह से देश और उसकी अखंडता के लिए खतरा न हो। भारतीय संविधान की स्थापना लोकतंत्र के आधार पर हुई है। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 19(1)(ए)के तहत नागरिकों को फ्रीडम आफ स्पीच एंड एक्सप्रेशन (भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता) का अधिकार देता है, इसी अनुच्छेद के तहत संविधान आपको सूचना का अधिकार भी देता है। अक्सर लोग भ्रष्टाचार और धांधली के चक्कर में अपने अधिकारों और सुविधाओं का फायदा नहीं उठा पाते हैं। उन्होंने बताया कि आपकी कोई फाईल नहीं मिल रही है या कोई कार्य लम्बे समय से रूका हुआ है, ऐसे में आपको अधिकार है कि आप संबंधित विभाग से जानकारी ले सकते हैं कि, आपके कार्य में इतना समय क्यों लग रहा है। यदि कोई आपको आपके दस्तावेजों से संबंधित जानकारी देने से मना करता है, तो आप सूचना के अधिकार का इस्तेमाल करके जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। अगर कोई अधिकारी आपको जानकारी न दे तो उस पर कानूनी कार्रवाई भी होती है।