भारत ने पक्षियों के लिए चलाया दाना-पानी अभियान, वितरित कर रहे सकोरे
डीएलएफ कालोनी के युवक पांच साल से कर रहे हैं सकोरे वितरित दूसरों को भी कर रहे गर्मी में पशु पक्षियों के लिए दाना-पानी के लिए प्रेरित
रतन चंदेल, रोहतक : भीषण गर्मी में बेजुबान पशु व पक्षियों की प्यास बुझाने के लिए रोहतक के एक युवक ने दाना-पानी अभियान चलाया दिया। जिसके तहत उनकी ओर से लोगों को सकोरे वितरित किए जा रहे हैं। डीएलएफ कालोनी के युवक भारत गिरधर ने यह अभियान चलाया है। उनका दावा है कि वे पांच साल से गर्मियों में लोगों सकोरे वितरित कर रहे हैं। पांच साल पहले उन्होंने 50 सकोरे वितरित कर इस अभियान की शुरुआत की थी। लेकिन उसके बाद से अब हर साल लगभग 300 सकोरे लोगों को निश्शुल्क वितरित करते हैं। इतना ही नहीं वे दूसरों को भी गर्मी में पशु पक्षियों के लिए दाना-पानी के लिए प्रेरित कर रहे हैं। उनके इस अभियान की सराहना आसपास के लोग भी करते हैं।
भारत गिरधर बताते हैं कि पांच साल पहले उन्होंने दो मई को अपने माता-पिता की शादी की 27वीं सालगिराह पर दाना पानी मुहिम शुरू की थी। जिससे कि बेजुबान पशु व पक्षियों की प्यास बुझाई जा सके और कोई भी पशु पक्षी प्यासा नहीं रहे। उस समय उन्होंने मात्र 50 सकोरे से इसकी शुरुआत की थी। उन्होंने सकोरों को सबसे पहले अपनी गली के बाहर सभी घरों एवं कालोनी के पार्कों में रखना शुरू किया। समय के साथ-साथ अब प्रतिवर्ष अपने माता-पिता के आशीर्वाद से वे लगभग 300 सकोरे निश्शुल्क वितरण करते हैं। एक निजी कंपनी में एकाउंटेंट के रूप में सेवाएं दे रहे भारत सभी से आग्रह भी करते हैं कि जो भी इन सकोरों को लेकर जाता हैं, वे उन्हें घरों या घरों के बाहर रखें और उनमें रोजाना पानी आदि की व्यवस्था करें। ताकि बेजुबान पशु पक्षियों की प्यास बुझाई जा सके। साथ ही समय समय पर इन सकोरों की सफाई भी करनी आवश्यक है। वे तभी से लगातार इस मुहिम को जारी रखे हुए हैं। लोगों को भी ऐसे करने के लिए प्रेरित करते हैं। खुद जाकर मुहैया कराते हैं सकोरे :
उनकी कोशिश रहती है कि शहर में जहां से सकोरे के लिए लोग उनसे संपर्क करते हैं तो वे खुद जाकर उनको सकोरे मुहैया कराते हैं। हाल ही में पटेल नगर से महिलाओं ने जब उनसे संपर्क किया तो वहां खुद जाकर उन्होंने सकोरे दिए। अनेक लोग उनके घर से भी सकोरे ले जाते हैं। इसके अलावा और भी कई सामाजिक संगठनों से जुड़े भारत अन्य सामाजिक कार्यों में भी आगे रहते हैं। वे अब तक 29 बार रक्तदान भी कर चुके हैं। इसके अलावा वैक्सीनेशन शिविर भी उन्होंने लगवाए हैं।