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2022 में कैसे होगी किसानों की आय दोगुनी, सरकार के पास नहीं ब्लू ¨प्रट : योगेंद्र यादव

जागरण संवाददाता, रोहतक : स्वराज इंडिया के संस्थापक योगेंद्र यादव ने कहा कि केंद्र में भाजपा

By JagranEdited By: Published: Tue, 04 Sep 2018 07:53 PM (IST)Updated: Tue, 04 Sep 2018 07:53 PM (IST)
2022 में कैसे होगी किसानों की आय दोगुनी, सरकार के पास नहीं ब्लू ¨प्रट : योगेंद्र यादव
2022 में कैसे होगी किसानों की आय दोगुनी, सरकार के पास नहीं ब्लू ¨प्रट : योगेंद्र यादव

जागरण संवाददाता, रोहतक : स्वराज इंडिया के संस्थापक योगेंद्र यादव ने कहा कि केंद्र में भाजपा सरकार किसानों की आय 2022 में दोगुना करने की बात करती है। लेकिन हकीकत यह है कि सरकार के पास आय दोगुनी करने का अभी तक ब्लू¨प्रट तक तैयार नहीं है। ऐसे में किसानों की आय दोगुनी कैसे की जा सकती है। पिछले दिनों फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य सरकार ने घोषित करके खूब वाहवाही लूटने का काम किया, लेकिन जब स्वराज इंडिया ने आंकड़े पेश कर सरकार के एमएसपी की पोल खोली तो किसानों को सच्चाई समझ में आई। यादव मंगलवार को दिल्ली बाईपास स्थित एक निजी होटल में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।

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योगेंद्र यादव ने कहा कि किसान की फसल का लागत से डेढ़ गुना मूल्य को लेकर कानूनी अधिकार होना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार ने बाजरा के न्यूनतम समर्थन मूल्य 1950 रुपये कर दिया है। लेकिन मंडी में बाजरे की खरीद एक अक्टूबर से सरकार शुरू करने जा रही है। जबकि बाजरा मंडी में सितंबर में ही आना शुरू हो जाता है। इसलिए मंडी में बाजरा की खरीद 10 सितंबर से होनी चाहिए। लेकिन सरकार ने अभी तक इसको लेकर कोई गाइडलाइन तक जारी नहीं की है। वहीं, सरकार एक बार फिर से किसानों को ठगने जा रही है। स्वराज इंडिया 13 सितंबर को रेवाड़ी अनाज मंडी में चेतावनी रैली करेगी। अगर सरकार इसके बावजूद भी नहीं चेती तो 20 सितंबर से अनिश्चितकालीन संघर्ष शुरू कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि देशभर के किसान अपनी मांगों को लेकर 30 नवंबर को दिल्ली में अखिल भारतीय किसान समन्वय समिति के बैनर तले एकत्रित हो रहे हैं। जहां से सरकार के खिलाफ बिगुल फूंकने का ऐलान किया जाएगा। इस अवसर पर उनके साथ प्रदेशाध्यक्ष परमजीत ¨सह और राज्य महासचिव एसपी ¨सह मौजूद थे। --सरकार नशे के केंद्र खोलना बंद कर दें तो नशा बंद हो जाएगा योगेंद्र यादव ने कहा कि सरकार एक तरफ तो नशे को लेकर पांच जिलों में नशा मुक्ति केंद्र बनाना चाहती है, लेकिन दूसरी तरफ नशे के केंद्र खोले जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 2015-16 में शराब की खपत 26.5 करोड़ लीटर थी, जो 2016-17 में 34 करोड़ लीटर हो गई है। उन्होंने कहा कि पंचायतों के प्रस्ताव के आधार पर ही शराब की दुकानों खोल सकते थे। लेकिन सरकार ने पंचायतों के प्रस्ताव को एक वर्ष के लिए मान्य कर दिया। उन्होंने कहा कि सरकार शराब की दुकानें खोलना बंद कर दें तो नशा खुद ही खत्म हो जाएगा।


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