एचसीएमएस चिकित्सकों, फार्मासिस्टों की हड़ताल से मरीज रहे बेहाल
जागरण संवाददाता रोहतक हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विसेज के चिकित्सकों व फार्मासिस्टों की
जागरण संवाददाता, रोहतक : हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विसेज के चिकित्सकों व फार्मासिस्टों की हड़ताल के कारण शुक्रवार को अस्पतालों में मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ा। स्थिति यह रही कि अस्पतालों में उपचार के लिए सुबह जल्दी पहुंचे मरीजों को दस बजे तक उपचार नहीं मिल सका। दो घंटे तक लाइन में लगने के बाद जब चिकित्सकों ने उपचार शुरू किया तो कमरों के बाहर मरीजों की कतार लग गई। इसके बाद फार्मासिस्टों की हड़ताल के कारण दवाइयां लेने के लिए भी घंटों तक लाइन में लगना पड़ा। वहीं चिकित्सकों ने सांकेतिक प्रदर्शन करते हुए मांगों को पूरा किए जाने का आह्वान किया।
शुक्रवार को सरकारी अस्पतालों में उपचार के लिए आने वाले मरीजों को चिकित्सकों से परामर्श के लिए कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। सुबह आठ से दस बजे तक एचसीएमएस चिकित्सकों की हड़ताल और फार्मासिस्टों की लगातार चौथे दिन तक हड़ताल चलने के कारण अस्पतालों में मरीजों को बेहतर ढंग से उपचार नहीं मिल सका। सुबह आठ बजे सिविल व देहात के अस्पताल पहुंचे मरीज काफी देर तक चिकित्सकों के कक्ष के बाहर खड़े रहे, लेकिन चिकित्सक नहीं आए। जानकारी करने पर चिकित्सकों की हड़ताल के बारे में पता चला तो मरीज अस्पताल के हॉल में ही बैठकर इंतजार करने लगे। इस दौरान एचसीएमएस चिकित्सकों ने ओपीडी के गेट पर एकत्रित होकर सरकार से मांगों को पूरा करने का आह्वान किया। एचसीएमएस के राज्य प्रधान डा. जसवीर परमार ने सरकार को चेतावनी दी कि यदि मांगों को पूरा नहीं किया गया तो रविवार को बैठक कर आगे के आंदोलन की रणनीति बनाई जाएगी।
सिविल अस्पताल में बने हॉल में सैकड़ों की संख्या में मरीजों के एक साथ एकत्रित होने से भीषण गर्मी में मरीजों को परेशानी हुई। हॉल में बनी बेंचों पर स्थान न होने के चलते मरीज हॉल से बाहर घूमते दिखाई दिए। दिनभर वार्ता के परिणाम का इंतजार करते रहे फार्मासिस्ट
सिविल सर्जन कार्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन कर रहे फार्मासिस्ट दिन भर पंचकूला में अधिकारियों के साथ वार्ता का इंतजार करते रहे, लेकिन कोई परिणाम न मिलने के चलते धरना प्रदर्शन जारी रहा। फार्मासिस्ट एसोसिएशन के प्रधान शम्मी वर्मा ने कहा कि सरकार फार्मासिस्टों का शोषण कर रही है। फार्मासिस्टों की गैर मौजूदगी में अप्रशिक्षित कर्मचारियों से दवाओं का वितरण करा रही है, जिससे मरीजों के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। उन्होंने मांग की कि शीघ्र ही उनकी मांगों को पूरा किया जाए, जिससे वह काम पर लौट सकें। पहले परामर्श फिर दवाओं के लिए भटकते रहे मरीज
सरकारी अस्पतालों में उपचार के लिए पहुंचे मरीज पहले चिकित्सकों से परामर्श और फिर दवाओं के लिए भटकते रहे। प्रेम नगर निवासी शांति देवी, गोहाना अड्डा निवासी रमेश, झंग कालोनी निवासी राकेश कथूरिया ने बताया कि चिकित्सकों की हड़ताल के चलते करीब दो घंटे में परामर्श का नंबर आया। इसके बाद जब दवाई लेने पहुंचे तो वहां पर भी घंटों तक लाइन में लगना पड़ा। शुक्रवार को केवल दो घंटे की सांकेतिक हड़ताल की गई थी। रविवार को बैठक कर आगे की रणनीति तैयार की जाएगी। यदि सरकार ने मांगें नहीं मानी तो मजबूरीवश हड़ताल की जाएगी।
डा. जसवीर परमार, प्रदेश अध्यक्ष, एचसीएमएस