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20 एकड़ में हरियाणा का पहला एमएसएमई टेक्नोलॉजी सेंटर शुरू

अरुण शर्मा रोहतक मिनिस्ट्री आफ माइक्रो स्मॉल एंड मीडियम इंटरप्राइजेज(एमएसएमई) का हरियाण

By JagranEdited By: Published: Fri, 15 Mar 2019 07:33 PM (IST)Updated: Fri, 15 Mar 2019 07:33 PM (IST)
20 एकड़ में हरियाणा का पहला एमएसएमई टेक्नोलॉजी सेंटर शुरू
20 एकड़ में हरियाणा का पहला एमएसएमई टेक्नोलॉजी सेंटर शुरू

अरुण शर्मा, रोहतक

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मिनिस्ट्री आफ माइक्रो, स्मॉल एंड मीडियम इंटरप्राइजेज(एमएसएमई) का हरियाणा के इकलौते टेक्नोलॉजी सेंटर की शुरुआत हो गई। शुरुआती तौर पर अभी सिर्फ एक ही कोर्स की शुरूआत हो सकी है। अगले चार-पांच माह के अंदर पूरी तरह संचालन होगा। आइएमटी स्थित करीब 20 एकड़ जमीन में अभी निर्माण कार्य चल रहा है। व‌र्ल्ड बैंक की मदद करीब 174 करोड़ रुपये खर्च होने हैं। टेक्नोलॉजी सेंटर के पूरी तरह से संचालन के बाद प्रशिक्षण लेने वाले विद्यार्थी टू‌र्ल्स, डाई, मोल्डिग(डिजाइन) व दूसरे उपकरणों का उत्पादन करेंगे। उद्यमियों को सस्ती दरों पर नई तकनीकी से विकसित उपकरण सब्सिडी पर मुहैया कराए जाएंगे। युवाओं को प्रशिक्षण के साथ ही अत्याधुनिक तकनीकी को सीखने और समझने का मौका मिलेगा। यहां बता दें कि केंद्र सरकार के इस सेंटर में सीएडी-सीएएम, एनालाइसिस सॉफ्टवेयर, स्किल डेवलपमेंट कोर्स आदि कोर्स होंगे। अभी तक यह सेंटर लुधियाना(पंजाब) में है। फुलटाइम से लेकर पार्टटाइम तक के कोर्स होंगे। कुछ दिन लैब में लगवाई क्लास, अब आइटीआइ में शिफ्ट

प्रशिक्षण से जुड़े शिक्षकों का कहना है कि कुछ माह पहले कई दिनों तक आइएमटी कम्प्यूटर लैब में ही प्रशिक्षण दिया गया। अभी आइटीआइ की इमारत में ऑटो सीएडी मेकेनिकल के प्रशिक्षण की शुरूआत की गई थी। आवागमन के बेहतर इंतजाम न होने के कारण सेक्टर-5 स्थित आइटीआइ में प्रशिक्षण का इंतजाम किया गया है। करीब 12-14 ही विद्यार्थी हैं। आइटीआइ में पढ़ाई कर रहे विद्यार्थी भी यहां इसी सप्ताह से प्रशिक्षण लेंगे। यहां करीब 40 कोर्स तक होंगे। ट्रेनिग ब्लॉक में आठ लैब, प्रोडक्शन के लिए खुद की मशीनें होंगी

योजना पर पिछले दो साल से कार्य चल रहा है। ट्रेनिग सेंटर में आठ अत्याधुनिक कम्प्यूटर लैब होंगे। इनमें एक लैब का संचालन शुरू हो गया है। एक लैब में 28 से 32 विद्यार्थियों के बैठने की व्यवस्था होगी। आठ क्लासरूम होंगे। हॉस्टल, लाइब्रेरी, कैंटीन, पार्क, खेल मैदान के भी यहां इंतजाम होंगे। सबसे खास बात यह है कि प्रोडक्शन ब्लॉक भी होगा। सेंटर के पास खुद की मशीनें होंगी। इन्हीं मशीनों पर काम सीख सकेंगे। मशीनें लगाने का कार्य इसी सप्ताह से शुरू होगा। नासा-इसरो में उपयोग होने वाले सॉफ्टवेयर पर काम सीखने को मिलेगा

मशीनों में उपयोग होने वाले प्रत्येक उपकरण का सॉफ्टवेयर पर डिजाइन तैयार किया जाता है। प्रशिक्षण के दौरान 2डी और 3डी ड्राइंग का प्रशिक्षण मिलेगा। प्रशिक्षण से जुड़े कुछ शिक्षकों का दावा है कि नासा (नेशनल एरोनॉटिकल एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन) और इसरो (भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन) में उपयोग होने वाले सॉफ्टवेयर पर कम्प्यूटर लैब में काम सीखने का मौका मिलेगा। अभी एमएसएमई टेक्नोलॉजी सेंटर के प्रोडक्शन ब्लॉक, हॉस्टल आदि का निर्माण कार्य चल रहा है। मशीनें लगाने का कार्य जल्द शुरू होगा। देशभर में ऐसे 10 केंद्र निर्मित हो रहे हैं। अभी तक लुधियाना में यह केंद्र है। हरियाणा का यह पहला केंद्र होगा।

बिजेंद्र कुमार, डायरेक्टर, एमएसएमई टेक्नोलॉजी सेंटर, आइएमटी


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