पंचतत्व में विलीन हुए हरियाणवी लोक गायक पंडित जगन्नाथ, याद में बनेगी रंगशाला
गुरु पंडित जगन्नाथ का गत रात्रि लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। कई दिनों से उनका इलाज पीजीआइ में चल रहा था।
जेएनएन, सांपला (रोहतक)। हरियाणा साहित्य अकादमी की तरफ से विशिष्ट साहित्य सेवा सम्मान से पुरस्कृत एवं गायकी में कई कलाकारों के गुरु पंडित जगन्नाथ का गत रात्रि लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। कई दिनों से उनका इलाज पीजीआइ में चल रहा था। रात को तबीयत बिगड़ने पर परिजन उन्हें निजी अस्पताल लेकर गए, जहां उन्होंने अंतिम सांस ली। आज गांव समचाना में ही पंडित जगन्नाथ का अंतिम संस्कार किया गया। उनके पौत्र अमित ने मुखाग्नि दी। उनकी मौत की सूचना मिलते ही उनके घर के बाहर हरियाणवी कलाकारों व अन्य लोग जुट गए। सभी ने उन्हें श्रद्धांजलि दी।
पंडित जगन्नाथ का जीवन परिचय
समचाना गांव निवासी प्रसिद्ध रागिनी गायक एवं लेखक जगन्नाथ का जन्म 24 जुलाई 1939 को हुआ था। जगन्नाथ प्रतिभा के इतने धनी थे कि उन्होंने अपने पिता की अनुपस्थिति में चार वर्ष की आयु में ही एक दंपती के फेरे तक करवा दिए थे। पंडित जगन्नाथ को परिजनों ने छह वर्ष की आयु में प्राथमिक स्कूल में शिक्षा के लिए दाखिल करवा दिया। स्कूल में उनका पंजीकरण करने वाले पंडित रामभगत को ही पंडित जगन्नाथ ने अपना गुरु मान लिया था। उन्हीं के मार्गदर्शन में संगीत की भी शिक्षा ली। पंडित जगन्नाथ प्रसिद्ध गायक पंडित लख्मीचंद से भी प्रभावित हुए।
घड़वा-बैंजू का करते थे प्रयोग
पंडित जगन्नाथ ने उस समय में सभ्य समाज में प्रचलन न होने व इसे गलत मानने के बावजूद वर्ष 1970 में घड़वा-बैंजू को अपनाया। उन्हीं के साथ धार्मिक, साहित्यिक व ऐतिहासिक रचनाओं को गायन के माध्यम से प्रस्तुत किया। पंडित जगन्नाथ ने इन्हीं वाद यंत्रों से आकाशवाणी व दिल्ली दूरदर्शन पर भी प्रस्तुति दी। सूर्य कवि की उपाधि से नवाजे गए पंडित जगन्नाथ के पास करीब आठ सौ भजनों का संग्रह है।
पंडित जगन्नाथ को मिला चुका है सम्मान
पंडित जगन्नाथ को उनकी उपलब्धियों के कारण ही हरियाणा साहित्य अकादमी की तरफ से विशिष्ट साहित्य सेवा सम्मान, फौजी जाट मेहर सिंह हरियाणा आदि दर्जनों अवार्डों से सम्मानित किया गया। पंडित जगन्नाथ को मुख्यमंत्री मनोहरलाल ने भी सम्मानित किया था।
क्या कहते हैं लोक गायक
पंडित जगन्नाथ की अंतिम यात्रा में शामिल होने आए उनके शिष्य रणबीर बड़वासनियां, बाली शर्मा, विकास पासौर, देव कुमार देवा व नरेंद्र कौशिक आदि ने बताया कि पंडित जगन्नाथ उनके ही गुरु नहीं थे, बल्कि वह सभी कलाकारों के लिए आदर्श थे। उनके निधन से एक अध्याय का अंत हुआ है।
पंडित जगन्नाथ के नाम पर बनेगी रंगशाला : प्रो. रामबिलास
हरियाणा के महान कवि एवं गायक पंडित जगन्नाथ के नाम पर रंगशाला बनाई जाएगी, ताकि युवा पीढ़ी उन्हें लंबे समय तक याद रखें। यह घोषणा राज्य के शिक्षा मंत्री प्रो. रामबिलास शर्मा ने की। वह शनिवार को गांव समचाना में पंडित जगन्नाथ के निधन पर शोक व्यक्त करने पहुंचे थे। उन्होंने कहा कि भिवानी में पंडित लख्मीचंद भवन का निर्माण कार्य कराया जा रहा है। इस भवन के अंदर ही दिवंगत पंडित जगन्नाथ के नाम से रंगशाला का निर्माण होगा।
प्रो. रामबिलास शर्मा ने श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि दिवंगत जगन्नाथ उच्च कोटि के कवि थे। उन्होंने पंडित लख्मीचंद के शिष्य होने के नाते कालजयी और भारतीय आध्यात्मिक दर्शन की कविताओं को न केवल लिखा बल्कि उनका गायन भी किया। शिक्षा मंत्री ने पंडित जगन्नाथ के तीनों पुत्रों सुभाष, अशोक व नरेश से मुलाकात कर उनके प्रति संवेदना व्यक्त की।
सहकारिता मंत्री मनीष ग्रोवर ने भी पंडित जगन्नाथ के निधन पर शोक संदेश में कहा कि पंडित जगन्नाथ से शिक्षा ग्रहण कर हरियाणा के अनेक कलाकारों ने लोक गायन के क्षेत्र में अपनी पहचान बनाई है।
ऐसे महान कवि का समाज हमेशा याद रखेगा : डा. तंवर
इसके अलावा कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष डा. अशोक तंवर ने भी गांव समचाना पहुंचकर उनके निधन पर शोक जताया। उन्होंने कहा कि पंडित जगन्नाथ के निधन से समाज को खासकर गायकी के क्षेत्र में बड़ी क्षति पहुंची है।
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