गुरुद्वारे की दुकानों को लेकर निगम कोर्ट में आज पेश करेगा जवाब
जागरण संवाददाता, हिसार नागोरी गेट के पास सालों पुराने गुरुद्वारे की दुकानों को लेकर सी¨लग की कार्
जागरण संवाददाता, हिसार
नागोरी गेट के पास सालों पुराने गुरुद्वारे की दुकानों को लेकर सी¨लग की कार्रवाई कागजों से बाहर नहीं आई है। सोमवार को नगर निगम अधिकारियों को हाईकोर्ट में जवाब देना है। उनकी ओर से सी¨लग को लेकर क्या कार्रवाई हुई। वहीं दुकानदारों को जमीन संबंधी अपना मालिका हक के दस्तावेज पेश करने है। जिस प्रकार का निगम का रवैया बना हुआ है, उससे अधिकारियाों को फटकार सुननी पड़ सकती है। क्योंकि लंबे समय से ड्यूटी मजिस्ट्रेट नहीं मिलने और पुलिस सुरक्षा नहीं मिलने जैसे बहाने अधिकारियों की ओर से बनाए जाते रहे है। ऐसे में कार्रवाई नहीं होना कुछ हद तक अधिकारियों की नियत को जाहिर करता है। शमशान की दुकानें गिराने के बाद लोगों को उम्मीद थी कि निगम के अधिकारी अवैध निर्माण को लेकर गंभीर होंगे। मगर, अधिकारियों का लचर रवैया शहर में अवैध निर्माण को बढ़ावा दे रहा है।
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यह है मामला : गुरुद्वारे की जमीन पर 10 कॉमर्शियल दुकानें बनाई गईं है। नक्शा पास न होने पर निगम प्रशासन ने इन्हें अवैध माना। निगम उपायुक्त की ओर से उन्हें 22 नवंबर 2018 को सील करने के आदेश दिए। इसके लिए खंड विकास पंचायत अधिकारी (बीडीपीओ) को ड्यूटी मजिस्ट्रेट नियुक्त किया गया। लेकिन सील करने की कार्रवाई नहीं की गई। ऐसे में 10 में से 8 दुकानदार कोर्ट पहुंच गए। अदालत में दुकानदारों की ओर से उनके अधिवक्ता गोपीचंद्र वर्मा ने तर्क दिया कि वे लंबे समय से इन दुकानों में अपना कारोबार कर रहे हैं और इन दुकान में बतौर किराएदार हैं। इसलिए उनकी दुकानों न तो सील किया और न तोड़ा जाए। लेकिन अदालत ने उन्हें राहत देने की बजाय जमीन मालिकान हक साबित करने के लिए 7 जनवरी, 2019 की तारीख दी थी।