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गुरमीत को भूख लगी ना प्यास, बैरक में गुमसुम टहलता रहा

ओपी वशिष्ठ, रोहतक पत्रकार छत्रपति हत्याकांड पर आए सीबीआइ अदालत के फैसले ने दुष्कर्म मामले

By JagranEdited By: Published: Sun, 13 Jan 2019 06:32 AM (IST)Updated: Sun, 13 Jan 2019 06:32 AM (IST)
गुरमीत को भूख लगी ना प्यास, बैरक में गुमसुम टहलता रहा
गुरमीत को भूख लगी ना प्यास, बैरक में गुमसुम टहलता रहा

ओपी वशिष्ठ, रोहतक

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पत्रकार छत्रपति हत्याकांड पर आए सीबीआइ अदालत के फैसले ने दुष्कर्म मामले में 20 साल की सजा काट रहे गुरमीत राम रहीम की रात की नींद और दिन का चैन छीन लिया है। सीबीआइ अदालत के दोषी ठहराने के बाद राम रहीम की बेचैनी बढ़ गई है। उसे न तो भूख लग रही और न ही प्यास। रातभर वह करवटें बदलता रहा। उसने सुबह ढंग से नाश्ता भी नहीं किया। इसके पीछे हत्या के मामले में सजा कड़ी मिलने का डर है। अब तो उसे 17 जनवरी को फैसले का इंतजार है।

सिरसा डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम को पंचकूला स्थित सीबीआइ की विशेष अदालत ने शुक्रवार को पत्रकार रामचंद्र छत्रपति हत्याकांड में दोषी करार दिया था। इस दौरान राम रहीम वीडियो कॉन्फ्रें¨सग के जरिए पेश हुआ। जज जगदीप ¨सह ने दोपहर बाद करीब तीन बजे फैसला सुनाया था। दोषी ठहराए जाने के बाद गुरमीत तनाव में आ गया। उसने न तो रात को ढंग से खाना खाया और न ही सुबह ठीक से नाश्ता किया। वहीं बैरक व उसके बाहर वह गुमसुम ही टहलता रहता है। नंबरदारों ने उसकी पहले से ज्यादा निगरानी शुरू कर दी है। नहीं मिला है मेहनताना

दुष्कर्म के मामले में सजा मिलने के बाद जेल प्रशासन ने उसे बागवानी का कार्य सौंपा गया था। जेल में वह अभी तक डेढ़ ¨क्वटल आलू उगा चुका है। वर्तमान में उसने पालक, गोभी और मूली की खेती की है। पालक और मूली तो जेल में इस्तेमाल भी की जा रही है। रोजाना कार्य के बदले उसे 40 रुपये मेहनताना मिलता है। राजपत्रित अवकाश और रविवार को छोड़कर सभी दिन राम रहीम को काम करना पड़ता है। अगस्त 2017 से लेकर अभी तक का मेहनताना राम रहीम को नहीं मिला है, क्यों कि उसके सभी बैंक खाते सील है। अभी तक जेल में जो खर्च हो रहा है, वह जेल नियमों के मुताबिक परिजनों द्वारा दिया जा रहा है। दुष्कर्म के मामले में 2037 तक हुई थी सजा

साध्वियों से दुष्कर्म मामले में रामरहीम को 20 साल की सजा सीबीआइ अदालत ने अगस्त 2017 में सुनाई थी। उसे जेल में वर्ष 2037 तक रहना होगा। जब तक सजा पूरी होगी, तब तक राम रहीम की उम्र 70 साल हो चुकी होगी। अगर पत्रकार हत्याकांड में उम्रकैद की सजा सुनाई गई तो रामरहीम को ¨जदगी भर जेल की रोटियां खानी पड़ेगी। शुरू में जेल में उसने काली से सफेद होती दाढ़ी को रंगने के लिए जेल प्रशासन से कलर भी मांगा था, लेकिन उस वक्त नहीं मिला। अब तो उसकी दाढ़ी पूरी तरह से सफेद हो चुकी है, जैसा कि उसके पूर्व चालक खट्टा ¨सह हत्याकांड में दोषी ठहराए जाने के बाद पत्रकारों के सामने बता चुके हैं।


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