जिन्होंने जमा करा दी जीएसटी की रिटर्न उन्हें भी भेजे जा रहे नोटिस, अधिवक्ता बोले भूल सुधारे विभाग
जागरण संवाददाता रोहतक वस्तु एवं सेवाकर(सेंट्रल व स्टेट जीएसटी) की खामियों को लेकर का
जागरण संवाददाता, रोहतक : वस्तु एवं सेवाकर(सेंट्रल व स्टेट जीएसटी) की खामियों को लेकर कारोबारियों, अधिवक्ताओं और चार्टेट अकाउंटेंट में नाराजगी सामने आ रही है। पिछले कई दिनों से उपभोक्ताओं के पास जीएसटी की रिटर्न बकाया बताई जा रही हैं। नोटिस भी पहुंचना शुरू हो गए हैं। ई-मेल, फोन नंबर और आनलाइन माध्यमों से कारोबारियों पर पहुंच रहे नोटिस में कहा जा रहा है कि छह-छह माह से रिटर्न जमा नहीं कराई। जबकि उपभोक्ताओं की रिटर्न पहले ही दाखिल की जा चुकी हैं।
सोनीपत स्टैंड के निकट धोबीघाट मार्केट के अधिवक्ता अशोक कुमार जांगड़ा ने बताया कि जीएसटी विभाग की तरफ से उपभोक्ताओं को नोटिस भेजे जा रहे हैं। इस कारण कारोबारी सहमे हुए हैं। उन्हें बेवजह ही किसी भी तरह के जुर्माने और कार्रवाई का डर सता रहा है। इन्होंने बताया कि कुछ ऐसे उपभोक्ताओं के ई-मेल पर नोटिस आए। इसके साथ ही रिटर्न दाखिल करने का मेल आया। विभागीय लापरवाही का हवाला देते हुए अधिवक्ता ने कहा कि कोरोना काल के दौरान भी उपभोक्ताओं को सताया जा रहा है। इस प्रकरण में अन्य कर सलाहाकारों और अधिवक्ताओं की आपातकालीन बैठक भी अगले दो-तीन दिनों के अंदर बुलाएंगे। अधिवक्ता का यह भी कहना है कि जीएसटी को लागू एक जुलाई 2017 को लागू किया गया था। लेकिन आज तक सरकार इसकी तकनीकी कमियों को पूरा नहीं कर पाई है। इस कारण हर माह जीएसटी साइट पर नई-नई तकनीकी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इस वजह से जीएसटी रिटर्न दाखिल करने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। अधिवक्ता जांगड़ा का कहना है कि इस प्रकरण में अन्य कर सलाहाकार रमेश शर्मा, दिनेश गोस्वामी से भी बातचीत की गई। इन अधिवक्ताओं ने भी बताया कि बताया कि उनके परिचितों के पास भी इस प्रकार के मैसेज आ रहे हैं। विभागीय अधिकारियों से मांग की गई है कि तरह की कोई तकनीकी खामियां हैं तो तत्काल ही इन्हें दूर किया जाए।