ऑटो व कमर्शियल वाहनों की लेट पासिग पर अवैध वसूली कर रही है सरकार : हुड्डा
राज्यसभा सदस्य दीपेंद्र सिंह हुड्डा प्रदेश के लाखों ऑटो रिक्शा और कमर्शियल वाहन चालकों के समर्थन में आगे आए हैं। उनका कहना है कि सरकार लगातार इन लाखों कामगारों की स्थिति को अनदेखा कर रही है। क्योंकि लोगों को रोज उनकी मंजिल तक पहुंचाने वाले ऑटो चालक आज ़खुद अधर में लटके हुए हैं। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन की वजह से करीब दो माह तक ऑटो सड़कों पर उतारने की मनाही के चलते इनकी आमदनी जीरो हो गई। अब सिर्फ दो सवारियों के साथ ऑटो चलाने की इजाजत मिली है। इससे बमुश्किल एक ऑटो वाला दिन में 100 रुपये ही कमा पाता है। लेकिन उसे लगातार फाइसेंस व लोन की किश्त घर का खर्च बच्चों की फीस रोड टैक्स और परमिट फीस भरनी पड़ रही है। ऊपर से सितम ये है कि सरकार गरीब ऑटो चालकों से पासिग लेट होने पर भारी भरकम जुर्माना वसूल रही है।
राज्यसभा सदस्य दीपेंद्र हुड्डा प्रदेश के लाखों ऑटो रिक्शा और कमर्शियल वाहन चालकों के समर्थन में आगे आए हैं। उनका कहना है कि सरकार लगातार इन लाखों कामगारों की स्थिति को अनदेखा कर रही है। क्योंकि लोगों को रोज उनकी मंजिल तक पहुंचाने वाले ऑटो चालक आज खुद अधर में लटके हुए हैं। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन की वजह से करीब दो माह तक ऑटो सड़कों पर उतारने की मनाही के चलते इनकी आमदनी जीरो हो गई। अब सिर्फ दो सवारियों के साथ ऑटो चलाने की इजाजत मिली है। इससे बमुश्किल एक ऑटो वाला दिन में 100 रुपये ही कमा पाता है। लेकिन उसे लगातार फाइनेंस व लोन की किश्त, घर का खर्च, बच्चों की फीस, रोड टैक्स और परमिट फीस भरनी पड़ रही है। ऊपर से सितम ये है कि सरकार गरीब ऑटो चालकों से पासिग लेट होने पर भारी भरकम जुर्माना वसूल रही है।
दरअसल, दो महीने तक लॉकडाउन में ऑटो, स्कूल बस या दूसरे कमर्शियल व्हीकल सड़कों पर उतारने की इजाजत नहीं थी। जिसकी वजह से वाहन चालक पासिग नहीं करवा पाए। सरकार ने कहा था कि अगर लॉकडाउन के दौरान कोई वाहन चालक पासिग नहीं करवा पाता है तो एक फरवरी से लेकर 30 जून तक उससे किसी तरह का जुर्माना नहीं लिया जाएगा। लेकिन इस आदेश के उलट, अब सरकार वाहन चालकों से प्रतिदिन 50 रुपये के हिसाब से हजारों रुपये जुर्माना लिया जा रहा है। राज्यसभा सदस्य ने कड़े शब्दों में इसकी निदा की है और इसे अवैध वसूली करार दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार को तत्काल इसपर रोक लगानी चाहिए।
ऑटो रिक्शा चालक कल्याण समिति ने सरकार ने भी सरकार से मांग की है कि उनके परिवारों को दिल्ली सरकार की तर्ज पर कम से कम पांच हजार रुपये प्रति आर्थिक मदद दी जाए। सरकार का फर्ज बनता है कि वो मुश्किल वक्त में आर्थिक तौर पर पिछड़े तबकों का सबसे ज्यादा ध्यान रखे। इसलिए प्रदेश सरकार को ऑटो चालकों के बिजली बिल और बच्चों की स्कूल फीस माफी का भी ऐलान भी करना चाहिए।