रोहतक में लव मैरिज करने वाली लड़की और सब इंस्पेक्टर को गोलियों से भूना
रोहतक कोर्ट परिसर में प्रेम विवाह रचाने वाली लड़की की दिनदहाड़े हत्या कर दी गई। लड़की पर फायरिंग के दौरान एक एसआइ भी इसकी जद में आ गया और उसकी भी जान चली गई।
जेएनएन, रोहतक। दिल्ली से सटे रोहतक में झूठी शान के नाम पर एक लड़की और उसकी सुरक्षा में तैनात सब इंस्पेक्टर को गोलिया से भून दिया गया। हत्यारों ने एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट से लेकर केंद्र और राज्य सरकार को चुनौती दे दी। क्या कर लोगे, हम तो जाति से बाहर विवाह करने वालों का यही हश्र करेंगे। जब राजधानी के कानून व्यवस्था का य़ह आलम है तो दूर-दराज के इलाकों में क्या होता होगा। हरियाणा के रोहतक में जिला कोर्ट परिसर में दिनदहाड़े कुछ लोगों पहले लड़की को निशाना बनाया। कुछ दिन पहले घर से भाग कर शादी करने वाली इस लड़की को नारी निकेतन से पेशी पर लेकर आए सब इंस्पेक्टर ने उसे बचाने की कोशिश की तो उसे भी ढेर कर दिया गया।
पति और उसके पिता जेल में
जिस लड़की की हत्या की गई है, उसका पति और पिता सुनारिया जेल में बंद हैं। सूत्रों के अनुसार पुलिस ने देर रात हत्या के मुख्य आरोपित रमेश को हिरासत में ले लिया है। हालांकि पुलिस इसकी पुष्टि नहीं कर रही। रमेश लड़की का फूफा है और उसे गोद लिया था। लड़की ने पिछले साल सिंहपुरा के युवक से अंतरजातीय प्रेम विवाह किया था। तब वह नाबालिग थी।
जानकारी के अनुसार, लड़की ममता को करनाल के नारी निकेतन से अदालत में पेशी के लिए एसआइ नरेंद्र और एक हेडकांस्टेबल लेकर आए थे। कोर्ट में लड़की का बयान दर्ज किए जाने के बाद दोनों पुलिसकर्मी उसे वापस करनाल ले जाने के लिए कोर्ट परिसर से निकले थे।
घटना के बाद जांच करती पुलिस।
ममता अपनी सास सरोज और देवर टिंकू उर्फ दिनेश के साथ कोर्ट से पैदल ही बस स्टैंड की ओर जा रही थी। उनके साथ सुरक्षा में तैनात एसआइ नरेंद्र और महिला हेड कांस्टेबल सुशील भी थी। नरेंद्र और सुशील ही उसे रोडवेज बस में रोहतक लेकर आए थे। सास सरोज और देवर टिंकू उर्फ दिनेश ममता से मिले कोर्ट पहुंचे थे।
पांचों लोग सिविल लाइंस थाने के पास से गुजर रहे थे कि पीछे से आए हमलावरों ने ममता को गोली मार दी। एसआइ नरेंद्र ने अपनी रिवॉल्वर निकालने का प्रयास किया तो हमलावरों ने तीन गोलियां उसकी गर्दन में मार दी। हमलावरों ने आठ फायर किए।
हेड कांस्टेबल सुशील ने सरोज और टिंकू को धक्का देकर गिरा गया, जिससे वे बच गए। हमलावर उन पर गोली चलाना चाहते थे, लेकिन उनकी गोलियां खत्म हो गई थीं। इसके बाद हमलावर हथियार लहराते हुए भाग निकले। हमलावरों के भाग जाने के बाद हेड कांस्टेबल सुशील, सरोज और टिंकू घायल ममता और नरेंद्र को लेकर पीजीआइ में पहुंचे, लेकिन दोनों को बचाया नहीं जा सका। घटना के बाद पुलिस ने पूरे क्षेत्र को घेर लिया और मामले की जांच कर रही है। अभी तक हमलावराें का कोई सुराग नहीं लगा है।
घटना के बाद जांच करती पुलिस।
जानकारी के अनुसार, ममता मूलरूप से गद्दी खेड़ी की रहने वाली थी और सिंघपुरा निवासी युवक सोमेन उर्फ सोमी से पिछले दिनों शादी की थी। बताया जाता है कि दोनों ने घर से भाग कर चंडीगढ़ में शादी कर ली थी। आरोप है कि लड़की के नाबालिग होने के बावजूद प्रेमी ने उसका फर्जी प्रमाण पत्र बनवाकर चंडीगढ़ में शादी कर ली थी। इसमें युवक के पिता की भी मिलीभगत का आरोप है।
बाद में मामले का खुलासा होने के बाद प्रेमी युवक को लड़की के साथ गिरफ्तार कर लिया गया। अदालत ने युवक सोमेन और उसके पिता को सुनारिया जेल भेज दिया। लड़की को नाबालिग होने के कारण करनाल नारी निकेतन में भेज दिया गया था।
ससुराल वालों ने कराई हत्या
सरोज और टिंकू का आरोप है कि ममता के पिता रमेश (फूफा) ने ही अपने साथियों के साथ मिलकर वारदात को अंजाम दिया है। वह पहले भी कई बार पूरे परिवार को मारने की धमकी दे चुका था। दोनों के मुताबिक हमलावरों की संख्या चार या पांच थी। ममता के अंतरजातीय विवाह करने से उसके पिता और परिवार के अन्य लोग खफा थे।
ममता को उसके फूफा ने ले रखा था गोद
रोहतक के ही गद्दीखेड़ी गांव की रहने वाली ममता को रोहतक शहर के हिसार रोड निवासी उसके फूफा रमेश ने गोद ले रखा था। पिछले साल ममता ने सिंहपुरा कलां गांव के अनुसूचित जाति से संबंधित सोमी के साथ घर से भागकर प्रेम विवाह कर लिया था।
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बेटी ने कई बार जान बख्श देने की गुहार लगाई, लेकिन गोद लेने वाले पिता को नहीं आई ममता
ममता ने अपने गोद लेने वाले पिता से कई बार जान बख्श देले की गंहार लगाई। उसने पिता को पत्र भी लिख कर कहा, ' पापा क्यों हमारी जान के दुश्मन बने हैं। मैं और सोमी अपनी जिंदगी से खुश हैं। हमारी जान बख्श दो, क्यों हमारे पीछे पड़े हो।'
ममता की सास सरोज ने बताया कि सोमी से प्रेम विवाह करने के बाद ममता ने कई बार अपने पिता से यह गुहार लगाई, लेकिन पिता एक ही बात कहता था कि परिवार की बेइज्जती कराई है एक दिन तो मरना पड़ेगा। सरोज ने बताया कि करीब दो साल पहले उसका बेटा सोमी प्रॉपर्टी का काम करता था। इस वजह से वह ममता के घर में रहता था। वहीं पर दोनों के बीच प्रेम-प्रसंग शुरू हुआ था। परिजनों को इसका पता चला तो उन्होंने विरोध कर दिया। इसके बाद पिछले वर्ष सर्दियों में दोनों घर से भाग गए थे और हाई कोर्ट में सुरक्षा की गुहार लगाकर प्रेम विवाह कर लिया था।
ससुराल वालों के पक्ष में गवाही देने के डर से की हत्या
ससुरालियों के अनुसार, शादी के समय ममता नाबालिग थी और वह इसी 10 जुलाई को वह बालिग हुई थी। बालिग होने के बाद बुधवार को कोर्ट में उसकी पहली पेशी थी। ममता के मायके वालों को डर था कि बालिग होने के बाद यदि ममता ने अपने ससुरालियों के पक्ष में गवाही दे दी तो वह जेल से बाहर आ जाएंगे और उन्हें खुद भी जेल हो सकती है। इसी डर की वजह से उन्होंने साजिश के तहत हत्याकांड को अंजाम दिया गया है।
घटना की कहानी, पीडि़त की जुबानी
देवर टिंकू उर्फ दिनेश ने बताया कि ममता की कोर्ट में गवाही का पता चलने के बाद मैं और मेरी मां सरोज भी उससे मिलने को पहुंच गए थे। गवाही होने के बाद सभी सोनीपत रोड चले गए। वहां पर मां को कुछ पैसे ममता को देने थे, जिससे नारी निकेतन में वह अपना खर्च चला सके। मां ने ममता को पैसे दे दिए थे और सभी एक दुकान पर जूस पीकर बाहर निकलकर सड़क पर आए थे। तभी पीछे से आकर कुछ लोगों ने पहले ममता को गोली मारी और फिर एसआइ नरेंद्र को गोली मार दी। हमलावरों में ममता का पिता रमेश और कई अन्य शामिल थे, जो पैदल ही वहां से भागे।
भाई और पिता की भी जेल में हो सकती है हत्या
दिनेश का कहना है कि ममता के मायके पक्ष के भी कई लोग किसी अन्य मामले को लेकर जेल में बंद है। वहां पर उसके भाई सोमी और पिता जयराज को भी लगातार धमकी दी जा रही है कि उन्हें मौत के घाट उतार देंगे। इस घटना के बाद डर सता रहा है कि उसके भाई और पिता की भी जेल में हत्या हो सकती है।