मछली पालन के तालाब को लेकर ग्रामीणों में रोष, रूकवाया काम
दत्तौड़ गांव में ग्राम पंचायत की जमीन पर मछली पालन के लिए खोदे जा रहे तालाब को लेकर ग्रामीणों ने विरोध जताया।
संवाद सहयोगी, सांपला : दत्तौड़ गांव में ग्राम पंचायत की जमीन पर मछली पालन के लिए खोदे जा रहे तालाब को लेकर ग्रामीणों ने विरोध जताया। पूर्व सरपंच रामानंद कौशिक, नवीन, तिलकराज, बलराम शर्मा, अंकित, कृष्ण, रणबीर और रामकिशन आदि ने बताया कि इससे पहले भी गांव के चार तालाबों को मत्स्य पालन के लिए किराये पर दिया जा चुका है। जबकि ग्रामीण शुरू से ही इसका विरोध कर रहे हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि जब भी कोई मवेशी इन तालाबों में पानी पीने जाता है तो मछली उनको काट रही है। जिससे मवेशी तो बीमार हो ही रहे है, वहीं मवेशी पालकों को भी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। इस बात को लेकर कई बार मत्स्य ठेकेदार व विभाग को शिकायत दी जा चुकी है। लेकिन समस्या का कोई स्थाई समाधान नहीं हुआ।
उधर, इस मामले को लेकर मत्स्य विभाग के एसडीओ अनिल कुमार का कहना है कि ग्राम पंचायत की करीब 3 एकड़ जमीन पर तालाब बनाया जाना है। इसके लिए सरकार की तरफ से करीब चार लाख 70 हजार रुपये का फंड आवंटित किया गया है। जमीन पर तालाब बनाने का प्रस्ताव ग्राम पंचायत ने पास कर विभाग के पास भेजा था। इसके बाद मंगलवार शाम को मत्स्य विभाग के ठेकेदार कर्मचारी साइट पर तालाब खोदने पहुंचे, लेकिन ग्रामीणों ने मना कर दिया। बुधवार ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया गया, लेकिन वह मानने को तैयार नहीं हुए। फिलहाल काम बंद कर दिया गया है।
पुल के घाट में घटिया सामग्री लगाने का आरोप
संवाद सहयोगी, महम: निदाना गांव के पास महम माइनर पर सैमाण वाले रास्ते पर बने पुल पर बनाए जाने वाले घाट पर ठेकेदार द्वारा घटिया सामग्री लगाए जाने का मामला प्रकाश में आया है। ग्रामीणों ने घटिया सामग्री लगाए जाने की शिकायत संबंधित विभाग के जेई को की। जेई ने ग्रामीणों की शिकायत पर मौके पर जाकर ठेकेदार को घटिया सामग्री न लगाने की बात कही, लेकिन निर्माण जारी रहा।
ग्रामीण अशोक कुमार, काला, रामफल व मनोज ने ठेकेदार को घटिया सामग्री का प्रयोग नहीं करने के लिए कहा। लेकि लेकिन वह नहीं माना । उन्होंने उसी समय संबंधित विभाग के जेई दीपक दांगी को बुलाया। जेई ने साईट पर जाकर ठेकेदार को घटिया ईंटे लगाने से मना किया। ठेकेदार ने काम को तुरंत बन्द कर दिया। कुछ देर बाद ग्रामीण व जेई के चले जाने के बाद ठेकेदार ने फिर से काम शुरू कर सभी घटिया ईंटों को घाट में लगवा दिया । ग्रामीणों को पता चला तो उन्होंने फिर से जेई दीपक को सूचना दी।