रामदेव पर हो केस या जांच, आज कोर्ट करेगा फैसला
सद्भावना सम्मेलन में आपत्तिजनक टिप्पणी के मामले में बाबा रामदेव की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। आज कोर्ट यह फैसला करेगी कि उनके खिलाफ 156(3) के तहत देशद्रोह का मुकदमा होगा या फिर जांच के आदेश होंगे।
रोहतक। सद्भावना सम्मेलन में आपत्तिजनक टिप्पणी के मामले में बाबा रामदेव की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। आज कोर्ट यह फैसला करेगी कि उनके खिलाफ 156(3) के तहत देशद्रोह का मुकदमा होगा या फिर जांच के आदेश होंगे। बृहस्पतिवार को कांग्रेस नेता व पूर्व मंत्री सुभाष बतरा ने वकील के माध्यम से एसीजेएम अश्वनी कुमार की अदालत में शिकायत दायर कर दी है।
सद्भावना सम्मेलन में आपत्तिजनक बयान देने पर बढ़ सकती हैं मुश्किलें
कोर्ट ने इसे स्वीकार करते हुए पूर्व मंत्री को आज बयान दर्ज कराने के लिए बुलाया है। इसके बाद अदालत अपना फैसला देगी। 3 अप्रैल को रोहतक की अनाज मंडी में सद्भावना सम्मेलन हुआ था। पूर्व मंत्री सुभाष बतरा का आरोप है कि सम्मेलन के मंच से बाबा रामदेव ने बयान दिया था कि कानून आड़े न आता तो भारत माता की जय न बोलने वालों का सिर कलम कर देते।
बयान को लेकर पूर्व मंत्री समेत नौ लोगों ने एसपी शशांक आनंद को शिकायत दी थी कि बाबा के खिलाफ देशद्रोह का केस दर्ज किया जाए। पुलिस ने केस दर्ज नहीं किया तो रामदेव के खिलाफ केस दर्ज कराने के लिए पूर्व मंत्री ने कोर्ट का सहारा लिया। बृहस्पतिवार को पूर्व मंत्री व कांग्रेस नेता के वरिष्ठ अधिवक्ता ओपी चुघ और वीके चुघ ने बताया कि केस दर्ज कराने के लिए उन्होंने एसीजेएम अश्वनी कुमार मेहता की अदालत में शिकायत की है।
इन धाराओं में केस दर्ज कराने के लिए दी शिकायत
पूर्व मंत्री बतरा के वरिष्ठ अधिवक्ता ओपी चुघ ने बताया कि अदालत से मांग की है कि बाबा के खिलाफ 124ए, 153, 153एबीसी और 153बी आइपीसी में मुकदमा दर्ज होना चाहिए।
शिकायत में इस बयान का दिया हवाला
आराेप है कि सम्मेलन के दौरान स्वामी रामदेव कहा था- 'कोई टोपी पहनकर खड़ा हो जाता है और कहता है भारत माता की जय नहीं बोलूंगा। चाहे मेरा सिर काट लिया जाए। कानून न होता तो ऐसा बोलने वाले लाखों के लोगों के सिर काट देते।'