रोहतक PGIMS में हड़ताल भूले रेजिडेंट डाक्टर, सड़क हादसे में घायल 37 लोगों के इलाज के लिए ट्रामा दौड़े
रोहतक जींद रोड पर जुलाना में बस व ट्रक में टक्कर हो गई। हादसे में 37 लोग घायल होकर पीजीआइ के ट्रामा सेंटर पहुंचे। हादसे की सूचना मिलते ही आपात सेवाएं छोड़ने का ऐलान कर चुके रेजिडेंट डाक्टर मानवीय संवेदनाओं को महत्व देते हुए ट्रामा सेंटर की ओर दौड़ पड़े।
रोहतक, जागरण संवाददाता। चिकित्सकों को आखिर यूं ही धरती का भगवान नहीं कहा जाता। चिकित्सकों ने इस कहावत को कोविड के बाद एक बार फिर शनिवार को चरितार्थ करके दिखाया है। शनिवार सुबह जुलाना में बस व ट्रक में टक्कर हो गई। हादसे में 37 लोग घायल होकर पीजीआइ के ट्रामा सेंटर पहुंचे। हादसे की सूचना जैसे ही आपात सेवाएं छोड़ने का ऐलान कर चुके रेजिडेंट डाक्टरों को मिली तो उन्हाेंने मानवीय संवेदनाओं को महत्व देते हुए ट्रामा सेंटर की ओर दौड़ लगा दी।
फर्स्ट एड ट्रेनर ने घायल होते हुए भी बस से निकाले करीब सात-आठ लोग
अचानक से हुए घटनाक्रम के बाद हर रेजिडेंट डाक्टर ट्रामा सेंटर में घायलों को उपचार देने में जुटा हुआ था। कोई उनकी एडमिशन फाइल तैयार करवा रहा था तो कोई मरीजों को एक्सरे या एमआरई के लिए शिफ्ट कर रहा था। शनिवार को सुबह एकबारगी भी ऐसा नहीं लगा कि डाक्टर हड़ताल के कारण किसी मरीज को कोई दिक्कत हुई हो। आरडीए प्रधान अंकित गुलिया ने घटना की सूचना मिलते ही तुरंत सभी को ट्रामा सेंटर पहुंचने का संदेश जारी कर दिया था। वे खुद भी ट्रामा सेंटर में व्यवस्था बनवाने के लिए पहुंचे।
हादसे में ये लोग हुए घायल
पीजीआइ के ट्रामा सेंटर पहुंचने वालों में झज्जर जिले के दुल्हेड़ा गांव निवासी अंशु, मानवी, कीर्ति, ललिता, पुलिस लाइन से प्रोमिला, आर्यनगर से आंचल, बहादुरगढ़ से सिमरन, ज्योति, सुशीला, सुनीता, पि्रया व इशिका, जसौर खेड़ी से निकिता, कसार गांव से निधि शामिल हैं। वहीं गुरुग्राम से विक्रम, राजेश, अंकित, राजकुमार, प्रियंका, जतिन, राकी, नेहा, अर्पित, रामकिशन, नितिन, रोहताश व प्रिया शामिल हैं। जींद से कृष्ण, सुरेखा व चरखी दादरी से साहिल शामिल रहे।
घायलों से मिलने पहुंचे कुलपति व निदेशक
पीजीआइ में घायल मरीजों का देखरेख के लिए चिकित्सा अधीक्षक डा. ईश्वर सिंह पहुंच गए थे। जब तक घायलों का उपचार हुआ, वे ट्रामा सेंटर में मौजूद रहे। वहीं घायलों का हालचाल जानने व व्यवस्था का जायजा के लिए कुलपति डा. अनिता सक्सेना, निदेशक डा. एसएस लोहचब भी पहुंचे। वहीं जिला प्रशासन की ओर से एसडीएम राकेश सैनी ने भी ट्रामा सेंटर में मरीजों का हालचाल जाना।
फर्स्ट एड ट्रेनर ने निकाले सात-आठ लोग
गुरूग्राम रेडक्रास के जिला प्रशिक्षण अधिकारी नितिन शर्मा ने हादसे के समय बच्चों को समझाया कि वे किसी तरह से घबराएं नहीं। उसके बाद उन्होंने खुद घायल होते हुए सात-आठ लोगों को बस से निकाला। नितिन शर्मा के नाक से खून बह रहा था। पीजीआइ में जांच के दौरान पाया गया कि उनके नाक की हड्डी टूटी हुई है।