सेक्टर-6 में भी प्रॉपर्टी टैक्स के बिलों में खामियां, शिकायतों के बाद भी नहीं हो सका समाधान
प्रॉपर्टी टैक्स में खामियों की शिकायतें आने लगी हैं। कुछ पुराने मामलों में अभी भी तक कार्रवाई नहीं हो सकी है। सनसिटी सेक्टर-36ए के बाद अब सेक्टर-6 के लोगों ने भी शिकायत की है। सेक्टर वालों का दावा है कि लगातार शिकायतें कर रहे हैं। अधिकारियों से मिले लेकिन यही जवाब मिला कि सभी सेक्टर वाले लिखित में शिकायत दें। कुछ लोगों ने शिकायत दी लेकिन उनकी समस्याओं का समाधान नहीं हो सका। यही वजह है कि सेक्टर वालों के ऊपर बेवजह ही लाखों रुपये का बिल भुगतान का दबाव बढ़ गया है।
प्रॉपर्टी टैक्स में खामियों की शिकायतें आने लगी हैं। कुछ पुराने मामलों में अभी भी तक कार्रवाई नहीं हो सकी है। सनसिटी सेक्टर-36ए के बाद अब सेक्टर-6 के लोगों ने भी शिकायत की है। सेक्टर वालों का दावा है कि लगातार शिकायतें कर रहे हैं। अधिकारियों से मिले, लेकिन यही जवाब मिला कि सभी लिखित में शिकायत दें। कुछ लोगों ने शिकायत दी, लेकिन उनकी समस्याओं का समाधान नहीं हो सका। यही वजह है कि सेक्टर वालों के ऊपर बेवजह ही लाखों रुपये का बिल भुगतान का दबाव बढ़ गया है।
सेक्टर-6 में कुल 699 प्लाट हैं। सेक्टर-6 की रेजीडेंट वेलफेयर एसोसिएशन के प्रधान रमेश खासा के मुताबिक, हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण ने 298 प्लाट पर कब्जा दे दिया है। इनका दावा है कि अभी तक सेक्टर में करीब 35 प्लाट निर्मित हो चुके हैं। प्रधान खासा का दावा है कि ज्यादातर प्लाट मालिकों को 2010-2011 से 2019-2020 तक के प्रॉपर्टी टैक्स जमा कराने के लिए बिल मिल चुके हैं। इन्होंने उदाहरण दिया कि पिछले साल जब बिल पहुंचे तो नगर निगम कार्यालय में शिकायत की गई कि खामियों को दूर कराएं। क्योंकि किसी के घर 50 हजार तो किसी के यहां एक लाख रुपये का बिल जमा कराने के लिए नोटिस पहुंच गए। सेक्टर वालों का दावा, 2013 में सेक्टर काटा गया
प्रधान खासा का दावा है कि 2010-2011 से 2019-2020 तक के बिल जमा कराने के लिए भेज दिए। जबकि सेक्टर-6 2013 में काटा गया। ज्यादातर सेक्टर वालों ने 2016 से घरों का निर्माण कार्य शुरू किया। तमाम लोग अभी भी खाली पड़े प्लाटों का निर्माण करा रहे हैं। सेक्टर वालों का दावा है कि बिलों की खामियों को दूर किया जाए। सेक्टर वालों को यह भी चिता है कि कहीं नए बिल आने के बाद रकम का बोझ ज्यादा न बढ़ जाए। जल्द आनलाइन बैठक बुलाने का फैसला लिया है। खुद प्रधान के आवास का आया डेढ़ लाख का बिल
प्रधान खासा का दावा है कि उनके आवास का करीब एक लाख 60 हजार रुपये के प्रॉपर्टी टैक्स का बिल आ चुका है। 2020-21 का नया बिल मिला नहीं है। इनका यह भी दावा है कि जब गलत बिल पहुंचे तो कुछ अन्य सेक्टर वालों ने भी इस प्रकरण में शिकायत की। इसलिए नगर निगम के आयुक्त प्रदीप गोदारा, क्षेत्रीय कराधान अधिकारी जगदीश चंद्र से भी शिकायत की गई। अधिकारियों की तरफ से कहा गया है कि सभी प्लाट मालिकों के बिल और लिखित में शिकायत दें। इनका यह भी दावा है कि लिखित में शिकायत दी गई, लेकिन कोई समाधान नहीं हुआ। 22 मार्च के बाद से कार्यालयों में काम बंद हो गया, अब फिर से शिकायत करेंगे। वर्जन
सेक्टर-6 के प्लाट मालिकों की तरफ से कोई लिखित में शिकायत नहीं दी। अब आनलाइन सेवाओं का भी लोग फायदा उठा सकते हैं।
जगदीश चंद्र, क्षेत्रीय कराधान अधिकारी, नगर निगम