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जवानों का आभार प्रकट करने के लिए मनाया जाता है झंडा दिवस : डीसी

डीसी कैप्टन मनोज कुमार ने कहा है कि भारतीय सेना के जवानों का आभार प्रकट करने के उद्देश्य से हर वर्ष सशस्त्र सेना झंडा दिवस मनाया जाता है। डीसी मंगलवार को झंडा दिवस के अवसर पर लघु सचिवालय के सभागार में पूर्व सैनिकों से बातचीत कर रहे थे।

By JagranEdited By: Published: Tue, 07 Dec 2021 07:20 PM (IST)Updated: Tue, 07 Dec 2021 07:20 PM (IST)
जवानों का आभार प्रकट करने के लिए मनाया जाता है झंडा दिवस : डीसी
जवानों का आभार प्रकट करने के लिए मनाया जाता है झंडा दिवस : डीसी

जागरण संवाददाता, रोहतक : डीसी कैप्टन मनोज कुमार ने कहा है कि भारतीय सेना के जवानों का आभार प्रकट करने के उद्देश्य से हर वर्ष सशस्त्र सेना झंडा दिवस मनाया जाता है। डीसी मंगलवार को झंडा दिवस के अवसर पर लघु सचिवालय के सभागार में पूर्व सैनिकों से बातचीत कर रहे थे। पूर्व सैनिकों ने धन संग्रह सशस्त्र सेना के प्रतीक चिन्ह झंडे के स्टीकर उपायुक्त समेत अन्य अधिकारियों को लगाये और धनराशि एकत्रित की। इस झंडे में तीन रंग (लाल, गहरा नीला और हल्का नीला) तीनों सेनाओं को प्रदर्शित करते है।

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कैप्टन मनोज कुमार ने सरकार ने साल 1949 से सशस्त्र सेना झंडा दिवस मनाने का निर्णय लिया। देश की सुरक्षा में शहीद हुए सैनिकों के आश्रितों के कल्याण हेतु सशस्त्र सेना झंडा दिवस मनाया जाता है। इस दिन झंडे की खरीद से होने वाली आय शहीद सैनिकों के आश्रितों के कल्याण में खर्च की जाती है। सशस्त्र सेना झंडा दिवस की ओर से एकत्रित की गई राशि युद्ध वीरांगनाओं, सैनिकों की विधवाओं, भूतपूर्व सैनिक, युद्ध में अपंग हुए सैनिकों व उनके परिवार के कल्याण पर खर्च की जाती है।

उपायुक्त ने कहा कि सात दिसंबर, 1949 से शुरू हुआ यह सफर आज तक जारी है। आजादी के तुरंत बाद सरकार को लगने लगा कि सैनिकों के परिवार वालों की भी जरूरतों का ख्याल रखने की आवश्यकता है और इसलिए उसने सात दिसंबर को झंडा दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया। इसके पीछ सोच थी कि जनता में छोटे-छोटे झंडे बांट कर दान अर्जित किया जाएगा जिसका फायदा शहीद सैनिकों के आश्रितों को होगा। शुरूआत में इसे झंडा दिवस के रूप में मनाया जाता था, लेकिन 1993 से इसे सशस्त्र सेना झंडा दिवस का रूप दे दिया गया।


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