कोर्ट ने की एसआइटी की अपील नामंजूर, आरोपितों पर चार्ज तय
रोहतक ओवरलोड वाहनों से अवैध वसूली के मामले में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्
जागरण संवाददाता, रोहतक : ओवरलोड वाहनों से अवैध वसूली के मामले में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश जसबीर सिंह की कोर्ट में बृहस्पतिवार को सुनवाई हुई। इसमें एसआइटी ने केस की जांच पूरी नहीं होने का हवाला दिया और कोर्ट से अपील करते हुए कहा कि अभी आरोपितों पर चार्ज तय न किए जाएं, लेकिन बचाव पक्ष के अधिवक्ता की बहस के बाद कोर्ट ने एसआइटी की अपील को नामंजूर करते हुए आरोपितों पर चार्ज तय कर दिए।
रोहतक पुलिस ने मई में ओवरलोड वाहनों से अवैध वसूली करते हुए दो दलाल बहादुरगढ़ के खरमाणा गांव निवासी रविद्र उर्फ काला, रोहतक के डेयरी मुहल्ला निवासी सुरेंद्र राठी को पकड़ा था। पूछताछ के बाद एसआइटी ने चरखी दादरी आरटीए के सहायक सचिव मनीष मदान, क्लर्क अमित और चरखी दादरी जिले के तत्कालीन डीसी अजय तोमर के पीए सुरेश कुमार को गिरफ्तार किया था। आरोपितों ने बयान दिया था कि डीसी अजय तोमर और उनकी पत्नी एडीसी संगीता तेतरवाल को भी वसूली की रकम भेजी जाती थी। इसके बाद एसआइटी ने आइएएस दंपती को जांच में शामिल किया है। बचाव पक्ष का तर्क- जांच अधूरी तो आरोपितों को दी जाए जमानत
बृहस्पतिवार को सुनवाई के दौरान पांचों आरोपितों को कोर्ट में पेश किया गया। एसआइटी की तरफ से डीएसपी कोर्ट में पेश हुए। एसआइटी ने कोर्ट से अपील करते हुए कहा कि अभी मामले की जांच जारी है। इसलिए आज की सुनवाई में आरोपितों पर चार्ज तय न किए जाएं। इस मामले में अभी सप्लीमेंटरी चार्जशीट भी पेश होनी है। एसआइटी के इस तर्क पर आरोपित रविद्र उर्फ काला के अधिवक्ता आरसी दलाल ने तर्क रखा कि जब मामले की जांच पूरी नहीं हुई तो आरोपित को जमानत दी जाए। इस पर कोर्ट ने एसआइटी की अपील को नामंजूर करते हुए पांचों आरोपितों पर चार्ज तय कर दिए। हालांकि एसआइटी ने आरोपितों की आवाज के नमूने लेने के लिए कोर्ट में आवेदन किया है। कोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए 13 सितंबर की तारीख दी है। आइएएस दंपती ने नहीं दिए सभी सवालों के जवाब
एसआइटी ने चरखी दादरी जिले के तत्कालीन डीसी अजय तोमर और उनकी पत्नी संगीता तेतरवाल से करीब 18 सवाल पूछे थे। इसमें कुछ सवालों के जवाब आइएएस दंपती ने दे दिए और बाकी सवालों के जवाब देने के लिए एसआइटी से समय मांगा है।