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वेबिनार में शोध की प्रासंगिकता की व्याख्या

महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय के अंग्रेजी एवं विदेशी भाषा विभाग की ओर से इंटरप्रेटिग थियरी एंड अप्लाइड रिसर्च मैथेडलॉजी विषय पर आयोजित वेबिनार का आयोजन किया गया।

By JagranEdited By: Published: Tue, 27 Oct 2020 08:02 AM (IST)Updated: Tue, 27 Oct 2020 08:02 AM (IST)
वेबिनार में शोध की प्रासंगिकता की व्याख्या
वेबिनार में शोध की प्रासंगिकता की व्याख्या

रोहतक : महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय (एमडीयू) के अंग्रेजी एवं विदेशी भाषा विभाग की ओर से इंटरप्रेटिग थियरी एंड अप्लाइड रिसर्च मैथेडलॉजी विषय पर आयोजित वेबिनार में विवि के निदेशक जनसंपर्क कार्यालय और असिस्टेंट प्रोफेसर सुनित मुखर्जी ने व्याख्यान दिया। उन्होंने विभिन्न साहित्यिक कृतियों की चर्चा करते हुए उन कृतियों के वर्तमान संदर्भ में निहितार्थ और प्रासंगिकता की व्याख्यान की। साहित्य के प्रेरणादायी पहलुओं की जानकारी दी। शोधार्थी सोनिया फौगाट ने शोध पत्र कैसे लिखें, रजत वशिष्ठ ने शोध की मूल अवधारणा, रूचिका हुड्डा ने नकल से कैसे बचें, मीनू रूहिल ने शोध प्रविधि, दीक्षा ने शोध पत्र कैसे लिखें विषय पर जानकारी दी। इस मौके पर प्रो. रश्मि मलिक, प्रो. लवलीन सिंह, मीनू रूहिल, दीक्षा, स्वाति शर्मा, प्रवीन आदि मौजूद रहे।

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