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शिक्षा ही महिला सशक्तीकरण की कुंजी : प्रो. पूनिया

महिला सशक्तीकरण की आवाज को बुलंद करते हुए शनिवार महर्षि दया

By JagranEdited By: Published: Sun, 18 Nov 2018 06:55 AM (IST)Updated: Sun, 18 Nov 2018 06:55 AM (IST)
शिक्षा ही महिला सशक्तीकरण की कुंजी : प्रो. पूनिया
शिक्षा ही महिला सशक्तीकरण की कुंजी : प्रो. पूनिया

जागरण संवाददाता, रोहतक : महिला सशक्तीकरण की आवाज को बुलंद करते हुए शनिवार महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय (एमडीयू) के इंस्टीट्यूट ऑफ होटल एंड टूरिज्म मैनेजमेंट (आइएचटीएम) में राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। सत्कार एवं पर्यटन उद्योग में महिला सशक्तीकरण विषयक इस राष्ट्रीय संगोष्ठी में वक्ताओं ने प्राचीन समय से वर्तमान समय तक महिला सशक्तीकरण की अवधारणा एवं परंपरा पर प्रकाश डाला। कुलपति प्रो. बिजेंद्र कुमार पूनिया ने संगोष्ठी में अध्यक्षीय भाषण में कहा कि शिक्षा सशक्तीकरण की कुंजी है। उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा एवं कौशल विकास के माध्यम से महिलाएं जीवन के हर क्षेत्र में अपना परचम लहरा रही हैं। उन्होंने कहा कि 17 नवंबर को अंतर्राष्ट्रीय विद्यार्थी दिवस के तौर पर मनाया जाता है, ऐसे में ये दिन इस संगोष्ठी के लिए उपयुक्त है।

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इस संगोष्ठी के उद्घाटन सत्र के मुख्य अतिथि प्रतिष्ठित नेत्र विशेषज्ञ एवं गुरुग्राम विश्वविद्यालय, गुरुग्राम के कुलपति प्रो. मारकंडेय आहूजा ने कहा कि महिलाएं अपने आप में सशक्त हैं। महिलाओं को अपनी प्रतिभा, अपनी शक्ति को पहचानना होगा।

इससे पूर्व, निदेशक आइएचटीएम प्रो. आशीष दहिया ने स्वागत भाषण दिया, तथा अतिथि वक्ताओं का परिचय प्रस्तुत किया। प्रो. आशीष ने कहा कि होटल उद्योग में 90 प्रतिशत शेफ पुरुष हैं, जबकि जीवन जीवन में इससे इतर महिलाएं रसोई का जिम्मा संभालती हैं। जरूरत है कि होटल उद्योग में भी लैंगिक समता लाई जाए। सत्कार-होटल उद्योग में जेंडर आड़े नहीं आता : रीतिका

प्रतिष्ठित सेफ रीतिका गिल (करी ¨सग किचन्स) ने कहा कि सत्कार-होटल उद्योग में जेंडर आड़े नहीं आ सकता। उन्होंने कहा कि यदि जज्बा-जुनून है तो कामयाबी अवश्य मिलेगी। वैदिक सभ्यता में महिलाओं की सम्मानजनक स्थिति थी : जैदी

जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी, नई दिल्ली के इतिहास एवं संस्कृति विभाग की प्रोफेसर डा. सुनीता जैदी ने कहा कि वैदिक सभ्यता में महिलाओं की सम्मानजनक स्थिति थी। उन्होंने कहा कि महिला सशक्तिकरण में शिक्षण की विशेष भूमिका है। मंच संचालन एवं आभार प्रदर्शन प्राध्यापिका डा. गुंजन मलिक ने किया। इस संगोष्ठी का संयोजन-समन्वयन डा. गुंजन, डा. ज्योति एवं डा. शिल्पी ने किया। इस संगोष्ठी में प्राचार्या डा. सुरेश बूरा, प्रो. सोनिया मलिक, डा. श्वेता हुड्डा तथा डा. शेफाली नागपाल तथा डा. इनायत अली जैदी विशेष रूप से उपस्थित रहे। 125 प्रतिभागियों ने किया शोध पत्र प्रस्तुत

आइएचटीएम की इस राष्ट्रीय संगोष्ठी में 125 प्रतिभागियों ने शोध पत्र प्रस्तुत किया। इस अवसर पर आइएचटीएम के फैकल्टी सदस्य- डा. संदीप मलिक, डा. रणबीर ¨सह, डा. संजीव कुमार, डा. गोल्डी पुरी, डा. मनोज, डा. शैली, डा. शिल्पी, डा. अनूप, विवेक बाल्याण, गौरव त्यागी समेत निदेशक जनसंपर्क सुनित मुखर्जी, पीआरओ पंकज नैन आदि उपस्थित रहे।


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