मैकाले की शिक्षा नीति से देश को बचाना होगा : डा. रवींद्र शुक्ल
हिदी साहित्य भारती और वैश्य महाविद्यालय की ओर से हिदी दिवस के मौके पर भव्य तरंग संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का प्रारंभ सरस्वती वंदना और मातृ वंदना से की गई।
जागरण संवाददाता, रोहतक : हिदी साहित्य भारती और वैश्य महाविद्यालय की ओर से हिदी दिवस के मौके पर भव्य तरंग संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का प्रारंभ सरस्वती वंदना और मातृ वंदना से की गई। हिदी साहित्य भारती, रोहतक के अध्यक्ष डा. अंजना गर्ग ने तरंग संगोष्ठी में मौजूद सभी हिदी प्रेमियों का स्वागत किया।
संगोष्ठी में हिदी साहित्य भारती के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष डा. रविद्र शुल्क मुख्य अतिथि के तौर पर रहे। उन्होंने मैकाले की शिक्षा नीति से सावधान होकर राष्ट्र को षड्यंत्र से बचाने की बात कही। उन्होंने कहा यह संस्था भारत के सभी प्रांतों में स्थापित होकर, प्रत्येक जिलों में सक्रिय हो रही है। वहीं बाहर के 28 देशों में गतिशील होकर वैश्विक चर्चा का आधार बन रही है। जब यह विश्व की सबसे बड़ी साहित्यिक संस्था बन गई तो हिदी को भारत देश की राष्ट्रभाषा बनाने का अवसर मिलेगा ही। अपने में राष्ट्रीयता जगाएं सफलता तो अवश्य मिलेगी। हिदी साहित्य भारती के उपाध्यक्ष, डा. सुरेश बूरा और डा. राजल गुप्ता, अध्यक्ष हिदी विभाग वैश्य महाविद्यालय ने हिदी को खुल मन से प्रयोग करने की बात कही।
कार्यक्रम में चर्चित भाषाविद, हिदी साहित्य भारती हरियाणा के अध्यक्ष डा. नरेश मिश्र ने सबको आत्मविश्वास और स्वाभिमान के लिए हिदी प्रयोग करने का आह्वान किया। उन्होंने हिदी भाषा के शुद्ध ही नहीं उसके एकरूपता देने वाली मानकीकरण प्रक्रिया के बारे में बताया। महाविद्यालय के प्राचार्य डा. डीपी गोयल ने संगोष्ठी में मौजूद सभी लोगों का आभार जताया। संगोष्ठी का संचालन डा. राजल गुप्ता व डा. उन्मेष मिश्र ने किया।