सरकारी अस्पतालों में तैनात चिकित्सकों ने शुरू की हड़ताल, उपचार के लिए भटके मरीज
जागरण संवाददाता रोहतक एचसीएमएस (हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विसेज) के चिकित्सकों की हड़
जागरण संवाददाता, रोहतक : एचसीएमएस (हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विसेज) के चिकित्सकों की हड़ताल के चलते बृहस्पतिवार को सरकारी अस्पतालों में मरीजों को उपचार के लिए भटकना पड़ा। स्थिति यह रही कि मरीज उपचार के लिए अस्पताल तो पहुंचे, लेकिन चिकित्सकों द्वारा उन्हें परामर्शन नहीं दिया गया। सरकारी अस्पतालों में चिकित्सकों की हड़ताल का असर पीजीआइ की ओपीडी में देखने को मिला। जानकारी के अनुसार सामान्य दिनों की अपेक्षा बृहस्पतिवार को ओपीडी में करीब दस फीसद तक की वृद्धि देखने को मिली। फिलहाल चिकित्सकों की मांगों पर कोई विचार न होने के चलते हड़ताल अभी जारी है।
बृहस्पतिवार से एचसीएमएस के चिकित्सकों ने मांगों को लेकर हड़ताल शुरू कर दी। सुबह आठ बजे सामान्य दिनों में जहां मरीजों की भीड़ गैलरी में लग जाती थी, वहां दिन भर इक्का-दुक्का मरीज ही नजर आए। सरकारी अस्पतालों में उपचार के लिए मरीज अपना पर्चा बनवाने के लिए पहुंचे। बताया जा रहा है कि सुबह के समय में कुछ मरीजों को पर्चे बनवाए गए थे। इसके बाद जब मरीज उपचार के लिए चिकित्सकों के कक्ष के बाहर पहुंचे तो वहां पर हड़ताल की जानकारी दी गई। घंटों तक चिकित्सकों के कमरे में न पहुंचने के चलते परेशान होकर मरीज इधर-उधर चक्कर लगाने लगे। इसके बाद पंजीकरण काउंटर पर भी पर्चे बनाने बंद कर दिए गए। परेशान मरीज उपचार के लिए भटकते रहे, लेकिन चिकित्सक एक कमरे में बैठकर हड़ताल की योजना बनाते रहे। बताया जा रहा है कि मरीजों ने अस्पताल के अधिकारियों के पास पहुंचकर इलाज की गुहार लगाई, लेकिन उनकी भी एक न चल सकी। इसके बाद करीब 10 बजे चिकित्सकों ने ओपीडी गैलरी से बाहर निकलकर मांगों को लेकर प्रदर्शन किया। चिकित्सकों ने नारेबाजी करते हुए सरकार से मांग की कि विशेषज्ञ चिकित्सकों को विशेष भत्तों समेत अन्य मांगों को पूरा किया जाए। ओपीडी के बाहर गेट पर चिकित्सकों ने प्रदर्शन किया। प्रदर्शन में डा. विक्रम, डा. दिनेश गर्ग समेत अन्य चिकित्सक मौजूद रहे। पीजीआइ की ओपीडी में लगीं मरीजों की लंबी लाइन
सरकारी अस्पतालों में चिकित्सकों की हड़ताल के कारण पीजीआइ की ओपीडी में मरीजों की संख्या में इजाफा देखने को मिला। बताया जा रहा है कि पीजीआइ में बृहस्पतिवार को सामान्य दिनों की अपेक्षा करीब 1200 मरीजों का अधिक पंजीकरण हुआ। जिसके चलते पंजीकरण की संख्या 8700 के पार पहुंच गई। मरीजों की भीड़ के कारण चिकित्सकों को भी मरीजों का उपचार करने में पसीने छूट गए। क्या बोले मरीज
छाती की बीमारी के चलते चिकित्सकों के पास उपचार के लिए आया था। अस्पताल पहुंचने पर चिकित्सकों की हड़ताल की जानकारी हुई। चिकित्सक हड़ताल कर रहे हैं, इसके बारे में कुछ नहीं किया जा सकता है, सामान्य दिनों में आकर उपचार कराने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। - संतलाल बीमार बच्चे के उपचार के लिए सिविल अस्पताल पहुंची थी। अस्पताल में चिकित्सकों ने किसी भी मरीज का उपचार नहीं किया। इमरजेंसी में भी मरीज को नहीं देखा गया, चिकित्सकों ने कहा कि मरीज इतना गंभीर नहीं है कि इमरजेंसी में उपचार किया जाए। -- मोनिका ईएनटी विशेषज्ञ चिकित्सक से कान की बीमारी के उपचार के लिए आई थी। चिकित्सकों से दवाई देने की गुहार भी लगाई, लेकिन चिकित्सकों ने उपचार से इनकार कर दिया। कान में अधिक दर्द होने के चलते परेशानी झेलनी पड़ी। --- कमला बच्चे को बुखार होने के चलते बाल रोग विशेषज्ञ से बच्चे का उपचार चल रहा था। बृहस्पतिवार को परामर्श के लिए चिकित्सकों ने मिलने का समय भी दिया था। हड़ताल के कारण चिकित्सक कमरे में नहीं मिले, मजबूरीवश बिना उपचार कराए वापस लौटना पड़ रहा है। --- डिपी
वर्जन ---
मांगों को लेकर पूर्व में दी गई चेतावनी के मुताबिक चिकित्सकों ने हड़ताल की। जब तक मांगें पूरी नहीं हो जाती हैं, तब तक चिकित्सक लगातार हड़ताल करेंगे। ---- डा. जसवीर परमार, प्रदेश अध्यक्ष हरियाणा सिविल मेडिकल एसोसिएशन।