चिकित्सक आत्महत्या मामला : रात भर बवाल, पूरा दिन रही हड़ताल, मरीज बेहाल
जागरण संवाददाता रोहतक पीजीआइएमएस के पीडियाट्रिक विभाग के चिकित्सक द्वारा आत्महत्या करने
जागरण संवाददाता, रोहतक : पीजीआइएमएस के पीडियाट्रिक विभाग के चिकित्सक द्वारा आत्महत्या करने के बाद बृहस्पतिवार को पूरी रात जमकर बवाल हुआ। रातभर हंगामे के बाद शुक्रवार पूरा दिन चिकित्सक हड़ताल पर रहे। हड़ताल के चलते इलाज के लिए पहुंचे मरीज बेहाल भयंकर गर्मी के चलते परेशान और बेबस नजर आए। स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह से प्रभावित हो गई। ओपीडी भी घटकर 50 फीसद रह गई
हालात ऐसे थे कि शुक्रवार को न तो ट्रामा सेंटर में इलाज हुआ और न ही ऑपरेशन हो सके। इतना ही नहीं ओपीडी भी घटकर 50 फीसद रह गई थी। मृतक चिकित्सक के परिजन भी पीजीआइएमएस में पहुंच गए थे। शिशुरोग विभागाध्यक्ष डा. गीता गठवाला के खिलाफ पीजीआइएमएस थाना पुलिस ने आत्महत्या के लिए परेशान करने का केस दर्ज किया गया है।
बृहस्पतिवार की देर रात पीडियाट्रिक विभाग के पीजी तृतीय वर्ष के चिकित्सक डा. ओमकार ने फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली थी। चिकित्सक के आत्महत्या करने के बाद अन्य चिकित्सकों ने पीजीआइ में रातभर मांगों को लेकर हंगामा रखा। कुलपति डा. ओपी कालरा व शिशु रोग विभागाध्यक्ष डा. गीता गठवाला समेत अन्य अधिकारी व चिकित्सक करीब डेढ़ किलोमीटर पैदल चलकर पीजी हॉस्टल पहुंचे। चिकित्सकों ने विभागाध्यक्ष डा. गीता पर एफआइआर दर्ज कराने की मांग करते हुए शव को उठाने नहीं दिया। तड़के करीब साढ़े चार बजे शव को ट्रॉमा सेंटर में रखवाया गया। इसके बाद शुक्रवार को चिकित्सकों ने हड़ताल शुरू कर दी। दिनभर पीजी व यूजी चिकित्सकों ने कोई काम नहीं किया। दोपहर करीब तीन बजे मृतक के मौसेरे भाई महंताश ने मीडिया से बातचीत करते हुए बताया कि मृतक उससे अकसर फोन पर बात करता रहता था।
11 व 12 जून को भी उसने फोन पर बात की थी। इस दौरान उसने डा. गीता गठवाला द्वारा शोषण करने का आरोप लगाया था। महंताश ने विवि प्रबंधन से मांग की कि आरोपित चिकित्सकों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। उसने बताया कि मृतक दो भाई और एक बहन थी। जिसमें डा. ओमकार सबसे छोटा और उसकी बहन दूसरे नंबर की थी। 12 जून को हुई थी बहन की शादी
मृतक के एक साथी चिकित्सक ने बताया कि 12 जून को डा. ओमकार की बहन की शादी हुई थी। जिसमें जाने को लेकर उसकी 11 जून को विभागाध्यक्ष से कहासुनी भी हुई थी। इसके बाद भी उसे शादी में जाने के लिए छुट्टी नहीं दी गई थी। जबकि उसके घर से लगातार फोन आ रहे थे, कि शादी का इंतजाम उसे ही करना है। शादी में न जाने के चलते वह तनाव में चल रहा था। बताया कि एक दोस्त द्वारा भी अपनी बहन की शादी के लिए रोहतक से ही शॉपिग की थी। जिसके चलते डा. ओमकार ने भी शादी के लिए रोहतक से ही शॉपिग की थी। जिसमें बहन के लिए साड़ी समेत अन्य प्रकार के वस्त्र भी खरीदे थे। डा. गीता को सस्पेंड कराने की मांग को लेकर अड़े रहे चिकित्सक
पीडियाट्रिक विभाग के चिकित्सक द्वारा आत्महत्या करने के मामले में शुक्रवार को चिकित्सकों ने आरोपित को सस्पेंड करने की मांग को लेकर हड़ताल शुरू कर दी। सीनियर, जूनियर और इंटर्न चिकित्सकों की हड़ताल से पीजीआइ में हड़कंप मच गया। आनन फानन में छुट्टी पर गए सभी चिकित्सकों की छुट्टियां रद कर दी गईं। जिसके बाद अधिकतर चिकित्सकों ने शुक्रवार को ड्यूटी ज्वाइन कर मरीजों को परामर्श दिया। चिकित्सकों द्वारा हड़ताल शुरू किए जाने के चलते ओपीडी, ट्रॉमा सेंटर, इमरजेंसी, वार्डों में चिकित्सकों की कमी हो गई। इलाज न मिलने से परेशान मरीज निजी अस्पतालों की ओर रुख कर गए। पूरे दिन में ट्रॉमा सेंटर में करीब 50 मरीज ही भर्ती किए जा सके, जबकि बताया जा रहा है कि सामान्य स्थिति में प्रतिदिन 300 मरीजों का ट्रॉमा सेंटर में उपचार होता है। इसके अलावा ओपीडी में भी मरीजों का उपचार करने के लिए चिकित्सकों की कमी होने के चलते सन्नाटा पसरा रहा। मेडिसिन विभाग की ओपीडी में मरीजों की भीड़ लगी हुई थी, लेकिन उपचार करने के लिए चिकित्सकों की कमी मरीजों के लिए परेशानी का सबब बनी रही। आनन-फानन में चिकित्सकों की छुट्टियां रद
पीजीआइ के करीब 150 चिकित्सक इन दिनों गर्मी की छुट्टियों पर गए हुए थे। शुक्रवार को चिकित्सकों की हड़ताल के बाद आनन-फानन में पंडित भगवत दयाल शर्मा स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय के वीसी डा. ओपी कालरा ने आदेश जारी करते हुए सभी चिकित्सकों को वापस ड्यूटी पर बुला लिया। इसके बाद सभी चिकित्सकों ने अपने-अपने विभागों में बैठकर मरीजों का उपचार किया।