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जेल में सजा काट रहे गुरमीत राम रहीम को फिर लगा झटका, पत्‍नी की अर्जी भी नहीं आई काम

डेरा सच्‍चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम को एक बार फिर झटका लगा है और पैराेल की उसकी उम्‍मीद फिर टूट गई है। उसकी पत्‍नी द्वारा अर्जी को खारिज कर दिया गया है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Fri, 09 Aug 2019 04:31 PM (IST)Updated: Sat, 10 Aug 2019 10:55 AM (IST)
जेल में सजा काट रहे गुरमीत राम रहीम को फिर लगा झटका, पत्‍नी की अर्जी भी नहीं आई काम
जेल में सजा काट रहे गुरमीत राम रहीम को फिर लगा झटका, पत्‍नी की अर्जी भी नहीं आई काम

रोहतक, जेएनएन। यहां सुनारिया जेल में सजा काट रहे डेरा सच्‍चा सौदा के प्रमुख राम रहीम की पैराेल की अर्जी पर फैसला आ गया है। गुरमीत की पैराेल की उम्‍मीद टूट गई है। इस बारे में दी गई अर्जी खारिज कर दी गई है। इस बारे में गुरमीत की पत्‍नी ने हाई कोर्ट में अर्जी दी थी। हाई कोर्ट ने इस बारे में सुनारिया जेल के अधीक्षक को निर्णय लेने को कहा था।

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बता दें कि गुरमीत राम रहीम दो साध्वियां से दुष्‍कर्म और पत्रकार रामचंद्र छत्रपति की हत्‍या के मामले में रोहतक की सुनारिया जेल में सजा काट रहा है। गुरमीत को साध्वियों से दुष्‍कर्म के मामले में 20 साल कैद और छत्रपति हत्‍याकांड में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। उसे 28 अगस्‍त 2017 से जेल में बंद है।

गुरमीत राम रहीम ने इससे पहले दो बार पैरोल के लिए अर्जी दी थी। उसने बाद में ये अर्जियां वापस ले ली थी। इसके बाद राम रहीम की पत्‍नी हरजीत कौर हाई कोर्ट में याचिका देकर पति को पैरोल दिए जाने का आदेश देने की मांग की थी। हाई कोर्ट ने अर्जी पर सुनवाई के बाद सुनारिया जेल के अधीक्षक को इस पर पांच दिनों के अंदर निर्णय लेने को कहा था। सुनारिया जेल के अधीक्षक ने शुक्रवार इस बारे में निर्णय लेते हुए गुरमीत राम रहीम को पैरोल देने से इन्‍कार कर दिया।

बता दें कि हरजीत कौर ने हाई कोर्ट में दी अर्जी में राम रहीम की मां की बीमारी का हवाला देते हुए पैरोल दिए जाने की मांग की थी।  हरजीत कौर ने हाई कोर्ट में याचिका में कहा था कि गुरमीत राम रहीम की मां यानी उसकी सास नसीब कौर बीमार हैं और उनकी आयु 85 साल है। नसीब कौर को पिछले दिनों को हार्ट अटैक भी आया था, लेकिन वह अपना इलाज नहीं करवा रही हैं। कुछ दिन बाद उसकी एंजीयोग्राफी होनी है। ऐसे में उनकी इच्छा है कि गुरमीत  उसके पास हो। नसीब कौर की जिद है कि जब तक उसका बेटा उनके पास नहीं आएगा वह इलाज नही कराएंगी। इसी वजह से उन्होने रोहतक जेल के जेल अधीक्षक को 29 जुलाई को एक मांगपत्र देकर गुरमीत सिंह को पैरोल देने की मांग की थी। मगर जेल प्रशासन उनकी मांग पर कोई विचार नहीं कर रहा।

हाई कोर्ट में हरजीत कौर की तरफ से गुरमीत के बेटे जसमीत सिंह ने पैरवी की। हाई कोर्ट ने सुनारिया जेल के अधीक्षक को आदेश दिया कि वह जेल विभाग द्वारा जारी 2014 के नियमों के तहत अच्छे आचरण के तहत गुरमीत को पैरोल देने पर विचार करें और इस पर पांच दिन में निर्णय लें।

ज्ञात रहे कि इससे पहले भी गुरमीत राम रहीम ने अपनी दत्तक बेटी की शादी में जाने के लिए पैरोल की मांग को लेकर हाई कोर्ट से गुहार लगाई थी जो बाद में उसने वापस ले ली थी। उसके बाद उसने खेती के लिए जेल अधीक्षक से पैरोल मांगा, लेकिन वह अर्जी भी बाद में वापस ले ली गई थी।

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