Move to Jagran APP

एमडीयू की सुरक्षा में सेंध, छात्राओं की प्राइवेसी को भी खतरा

जागरण संवाददाता रोहतक महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय (एमडीयू) के ग‌र्ल्स हॉस्टल कांप्लेक्स के ऊप

By JagranEdited By: Published: Sat, 24 Aug 2019 01:43 AM (IST)Updated: Sat, 24 Aug 2019 06:35 AM (IST)
एमडीयू की सुरक्षा में सेंध, छात्राओं की प्राइवेसी को भी खतरा
एमडीयू की सुरक्षा में सेंध, छात्राओं की प्राइवेसी को भी खतरा

जागरण संवाददाता, रोहतक : महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय (एमडीयू) के ग‌र्ल्स हॉस्टल कांप्लेक्स के ऊपर रात को दो ड्रोन मंडराने से जहां विवि की सुरक्षा में सेंध लग गई है, वहीं छात्राओं की प्राइवेसी को भी खतरे में डाल दिया है। इस मामले को लेकर छात्राओं ने विरोध करते हुए हॉस्टल के गेट पर बृहस्पतिवार आधी रात को ही धरना दे दिया। शुक्रवार सुबह धरने को खत्म किया गया। छात्राओं का आरोप है कि ड्रोन रात को ज्यादा सक्रिय है और यह स्थिति करीब बीस दिन से बनी हुई है। उधर, प्रशासन ने इस मामले की जांच बैठा दी है।

loksabha election banner

हॉस्टल के ऊपर रात के समय ड्रोन दिखाई देने से छात्राएं दहशत में हैं। छात्राओं का आरोप है कि सुबूत के तौर पर वीडियो दिखाने पर भी विवि प्रशासन ड्रोन की संभावना से इन्कार कर रहा है। डरी-सहमी छात्राओं ने हॉस्टल अधिकारियों से इसकी शिकायत की। हालांकि अधिकारियों के ढीले रवैये को देखते हुए छात्राएं कुलपति से मिलने पर अड़ गई। जैसे ही छात्राएं कुलपति निवास पर पहुंचीं। वहां तैनात सुरक्षाकर्मी व मुख्य सुरक्षा अधिकारी ने चीफ वार्डन की मौजूदगी में छात्राओं को रोका। छात्राओं ने मुख्य सुरक्षा अधिकारी पर अभद्रता का आरोप लगाया है। कुलपति आवास पर रात 12 बजे के करीब कुलसचिव गुलशन लाल तनेजा पहुंचे व सुरक्षा का भरोसा दिलाया। हालांकि छात्राएं आश्वस्त नजर नहीं आई। कुलपति से मुलाकात नहीं होने पर छात्राओं ने रातभर विवि के मुख्य गेट पर धरना दिया। छात्राओं ने बताया कि धरनास्थल पर ग‌र्ल्स हॉस्टल के सभी वार्डन बारी-बारी पहुंचे। लेकिन सुरक्षा व्यवस्था पर बात करने की बजाय नाम नोट करके चले गए। छात्राओं ने मुख्य सुरक्षा अधिकारी व चीफ वार्डन को पद से हटाने और सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम की मांग की है। छात्राओं ने बताया कि जब तक ड्रोन के मामले में पुख्ता जांच के साथ ही बेहतर सुरक्षा इंतजाम नहीं किए जाते तब तक हर रात ऐसे ही धरना दिया जाएगा।

ग‌र्ल्स हॉस्टल जुड़ी साल की चौथी बड़ी घटना, विवि प्रशासन की कार्यप्रणाली पर उठे सवाल

एमडीयू के ग‌र्ल्स हॉस्टल से जुड़ी यह साल की चौथी बड़ी घटना है। इससे ए-प्लस ग्रेड प्राप्त विवि के अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठ रहे हैं। इस साल जारी की गई नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिग फ्रेमवर्क में विवि को टॉप 100 में जगह मिली है। हालांकि अलग-अलग मानकों में विवि को परशेप्शन (संस्थान के प्रति एलुमनाई व अन्य लोगों का नजरिया) मानक में 100 में से सिर्फ 2.41 अंक ही प्राप्त हो सके थे। गौरतलब है कि परशेप्शन मानक में एमडीयू टॉप 100 में शामिल प्रदेश के अन्य विवि से पीछे रहा था। इस तरह की घटनाएं नहीं थमती हैं तो साल 2020 की रैंकिग में एमडीयू पिछड़ भी सकता है। केस नंबर 1 :

12 जून को विवि में एमफार्मेसी द्वितीय वर्ष की छात्रा ने ग‌र्ल्स हॉस्टल के कमरे में फांसी लगाकर सुसाइड कर लिया था। जिसपर राज्य महिला आयोग की टीम ने संज्ञान लिया था। आयोग की चेयरपर्सन प्रतिभा सुमन ने हॉस्टल में छात्राओं की नियमित काउंसिलिग नहीं होने पर नारजागी जाहिर की थी। साथ ही छात्राओं के लिए बेहतर काउंसिलिग के इंतजाम के निर्देश विवि प्रशासन को दिए थे। केस नंबर 2 :

विवि के मेघना ग‌र्ल्स हॉस्टल की छात्राओं ने जून माह के आखिरी सप्ताह में वीसी को ई-मेल के जरिए एक छात्रा के लिग परिर्वतन करा लड़का बनने के बाद भी ग‌र्ल्स हॉस्टल में रहने की शिकायत की थी। छात्राओं ने आरोप लगाया था कि हॉस्टल अधिकारियों को कई बार शिकायत करने पर भी कार्रवाई नहीं की गई थी। मामले की अभी तक आंतरिक जांच चल रही है। केस नंबर 3 :

हॉस्टल अलॉट नहीं किए जाने पर आठ अगस्त को दो छात्राएं विवि के मुख्य प्रवेश द्वार पर भूख हड़ताल पर बैठ गई थी। छात्राओं का आरोप था कि ग‌र्ल्स हॉस्टल में कमरे खाली होने पर भी अलॉट नहीं किए जा रहे हैं। सिर्फ चहेतों को कमरे अलॉट हो रहे हैं। विभिन्न विद्यार्थी संगठनों के कड़े विरोध के बाद छात्राओं को हॉस्टल अलॉट किया गया था।

छात्राओं ने लगाए भेदभाव के आरोप

छात्राओं ने विवि अधिकारियों पर लैंगिक भेदभाव के भी आरोप लगाए हैं। एलएलएम छात्रा किरण व मोनिका का कहना है कि मांगों को लेकर प्रदर्शन करना छात्र-छात्राओं का हक है। बातचीत के बाद जब जायज मांगें नहीं मानी जाती तो विद्यार्थी के पास धरने व प्रदर्शन ही हथियार बचते हैं। छात्रों के प्रदर्शन उग्र भी हो जाए तो ज्यादातर विवि स्तर पर ही निपटारा कर दिया जाता है। लेकिन छात्राओं के आवाज उठाने पर परिजनों को झूठी सूचना देकर धमकाने की कोशिश की जाती है। छात्राओं को डराने के लिए यह कदम उठाया जा रहा है। विवि प्रशासन समस्या के समाधान की बजाए उनपर गलत कार्रवाई करने पर ज्यादा जोर दे रहा है। छात्राओं की सुरक्षा को अधिकारी गंभीरता से नहीं ले रहे हैं।

छात्राओं की सुरक्षा हमारे लिए सर्वोपरि है। रात के समय हॉस्टल में सुरक्षाकर्मियों की संख्या बढ़ा दी गई है। अभी ड्रोन दिखाई देने की बात पर ज्यादा कुछ नहीं कहा जा सकता। पहले भी एक जांच इस विषय पर कर चुके हैं। लेकिन ऐसा कुछ सामने नहीं आया। हालांकि छात्राओं की शिकायत पर कुलपति ने जांच के आदेश दिए हैं। मेरे सामने किसी भी छात्रा के साथ अभद्रता नहीं की गई।

- प्रो. राजेश धनखड़, चीफ वार्डन, एमडीयू ग‌र्ल्स हॉस्टल।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.