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सरकार ने किलोमीटर स्कीम के जरिए किया 900 करोड़ का घपला : दीपेंद्र हुड्डा

रोहतक पूर्व सांसद व कांग्रेस कार्यसमिति सदस्य दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि ह

By JagranEdited By: Published: Wed, 24 Jul 2019 09:00 AM (IST)Updated: Thu, 25 Jul 2019 06:34 AM (IST)
सरकार ने किलोमीटर स्कीम के जरिए किया 900 करोड़ का घपला : दीपेंद्र हुड्डा
सरकार ने किलोमीटर स्कीम के जरिए किया 900 करोड़ का घपला : दीपेंद्र हुड्डा

जागरण संवाददाता, रोहतक : पूर्व सांसद व कांग्रेस कार्यसमिति सदस्य दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि हर साल रोडवेज के बेड़े में 1000 बसें जोड़ने का कोरा वादा करने वाली भाजपा सरकार ने किलोमीटर स्कीम घोटाले के जरिये 10 साल में 900 करोड़ रुपये का घपला करने का इंतजाम कर लिया था। अब हाई कोर्ट ने चोरी पकड़ ली, तो मुख्यमंत्री सारा ठीकरा रोडवेज कर्मचारियों पर फोड़ने में जुट गए हैं, जबकि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने लगातार इस घोटाले के बारे में आवाज उठाई, लेकिन सरकार अपनी मनमानी करने में जुटी रही। उन्होंने कहा कि इस घोटाले में केवल परिवहन महकमे के अधिकारी ही नहीं, बल्कि ऊपर तक के लोग शामिल हैं। उन्होंने इस घोटाले की जांच हाईकोर्ट की निगरानी में सीबीआइ से कराने की मांग की है। दीपेंद्र मंगलवार को जिले में आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों में हिस्सा लेने के बाद पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।

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पूर्व सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि किलोमीटर स्कीम के विरोध में पिछले साल अक्टूबर-नवंबर में 18 दिन तक रोडवेज कर्मचारियों ने हड़ताल की थी। यह रोडवेज की अब तक की सबसे बड़ी हड़ताल थी और लगभग दो लाख कर्मचारी इस योजना के विरोध में सड़कों पर उतर गए थे। तब मुख्यमंत्री जी समेत भाजपा सरकार के अधिकांश मंत्री इस योजना को पारदर्शी और फायदेमंद बताकर जल्दबाजी में इसे लागू कराने को आतुर नजर आ रहे थे। अब सच्चाई सामने आई तो पूरा प्रदेश देख रहा है कि आखिर ये जल्दबाजी किसके लिए फायदेमंद थी। उस समय भी सूबे की सरकार ने एस्मा आदि लगाकर दमनात्मक कार्रवाई करके रोडवेज कर्मचारियों की आवाज को दबा दिया था। यदि यह घोटाला पकड़ में नहीं आता तो राज्य के खजाने को हर साल 90 करोड़ रुपये के हिसाब से करीब 900 करोड़ रुपये का चूना लग जाता, क्योंकि इस योजना के तहत निजी बस ऑपरेटरों से मिलीभगत करके 510 बसों के लिए 10 साल का अनुबंध किया गया था।

दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि खुद मुख्यमंत्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके माना कि इस योजना के तहत 510 बसों की टेंडर प्रक्रिया में व्यापक अनियमितताएं बरती गई और 510 निजी बसें हायर करने के रेट और बाद में 190 बसों के टेंडर के दौरान आए रेट में भारी अंतर है। दीपेंद्र ने कहा कि भाजपा सरकार के पांच साल का कार्यकाल खत्म होने के करीब है और यह सरकार दर्जनों घपले-घोटालों में घिरी हुई है।


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