महिला को आपत्तिजनक इशारा करना दंडनीय अपराध : राजबीर
संवाद सहयोगी, कलानौर : महिला अधिकारों के संबंध में जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण के द्वारा
संवाद सहयोगी, कलानौर :
महिला अधिकारों के संबंध में जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण के द्वारा सिविल अस्पताल में निशुल्क कानूनी जागरूकता और साक्षरता कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
वरिष्ठ अधिवक्ता राजबीर कश्यप ने महिला अधिकारों की जानकारी देते हुए बताया कि आज महिलाएं कामयाबी की बुलंदियों को छू रही हैं। वह हर क्षेत्र में अपनी प्रतिभा और क्षमता का लोहा मनवा रही हैं। इस दौर में महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए लिए भारतीय दंड संहिता की धारा 294 के तहत कोई व्यक्ति महिला के लिए अभद्र भाषा, गाने या आपत्तिजनक इशारा करता है, तो यह दंडनीय अपराध है। धारा 312-315 के तहत जबरन गर्भ धारण या गर्भपात दंडनीय अपराध है। धारा 406 के तहत यदि महिला अपना सामान, गहने अगर रखने के लिए देती है तो वापिस न मिलने पर अपनी शिकायत दर्ज करा सकती है। उन्होंने बताया कि धारा 493 के तहत महिला से शादी का झांसा, शारीरिक व मानसिक शोषण दंडनीय अपराध है। आत्महत्या के लिए उकसाना धारा 306 के तहत दंडनीय अपराध है। वहीं महिला के सम्मान को ठेस पहुंचाना धारा 499 के तहत दंडनीय है। इसके इलावा समान वेतन का अधिकार, काम पर उत्पीड़न के खिलाफ अधिकार, घरेलू ¨हसा के खिलाफ अधिकार, संपत्ति पर अधिकार, रात मे गिरफ्तार न होने का अधिकार, गरिमा और शालीनता के लिए अधिकार और मुफ्त कानूनी सहायता का अधिकार दिया गया है। ऐसे में देश के हर नागरिक का यह कर्तव्य है कि वह महिलाओं के अधिकारों का सम्मान करे।
इस दौरान पीएलवी माया देवी, डा. नरेश कुमार अरोड़ा, स्टाफ नर्स विनती, सुमन, पर¨वदर कौर, बिमलेश, रामकिशन, कंवलजीत मौजूद रहे।