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शिक्षिका के कमरे का ताला तोड़कर सामान खुर्द-बुर्द, धमकी

- मेरठ में है महिला का ससुराल झज्जर के बेरी गांव में मायका - समरगोपालपुर गांव के स्कूल में कार्यरत लॉकडाउन की वजह से थी मायके में - शिक्षिका का आरोप सरपंच दे रहे हैं धमकी गांव में नहीं करने देंगे नौकरी जागरण संवाददाता रोहतक समरगोपालपुर गांव के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में कार्यरत महिला शिक्षिका ने सरपंच समेत अन्य लोगों पर मकान का ताला तोड़कर सामान खुर्द-बुर्द करने और धमकी देने का आरोप लगाया है। पुलिस ने सरपंच समेत अन्य के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 21 Apr 2020 05:26 PM (IST)Updated: Wed, 22 Apr 2020 06:14 AM (IST)
शिक्षिका के कमरे का ताला तोड़कर सामान खुर्द-बुर्द, धमकी
शिक्षिका के कमरे का ताला तोड़कर सामान खुर्द-बुर्द, धमकी

जागरण संवाददाता, रोहतक : समरगोपालपुर गांव के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में कार्यरत महिला शिक्षिका ने सरपंच समेत अन्य लोगों पर मकान का ताला तोड़कर सामान खुर्द-बुर्द करने और धमकी देने का आरोप लगाया है। पुलिस ने सरपंच समेत अन्य के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस को दी गई शिकायत में मेरठ के दादरी गांव की रहने वाली अनुबाला ने बताया कि वह समरगोपालपुर गांव के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में अंग्रेजी शिक्षिका के पद पर कार्यरत है। अनुबाला ने समरगोपालपुर गांव में ही सुरेंद्र उर्फ देवीलाल का मकान किराए पर ले रखा है। मकान मालिक अपने परिवार के साथ टिटौली गांव में रहता है। कोरोना महामारी की वजह से 19 मार्च को शिक्षिका अपने मायके बेरी में चली गई थी। इसके बाद लॉकडाउन की वजह से वहीं पर रूकना पड़ा। 18 अप्रैल को मकान मालिक का निधन हो गया। इसी दौरान मकान मालिक के रिश्तेदार वहां पर आ गए और शिक्षिका के कमरों का ताला तोड़कर सारा सामान इस्तेमाल करने लगे। हालांकि बाद में शिक्षिका ने वहां पहुंचकर एक अलग कमरे में अपना सामान रखवाया और ताला लगा दिया। आरोप है कि रविवार को गांव के सरपंच शिवकुमार, विद्यालय में कार्यरत मिडिल हेड राजेश कुमार और मकान मालिक के पारिवारिक सदस्यों ने उस कमरे का ताला तोड़कर सारा सामान खुर्द-बुर्द कर दिया। शिक्षिका का कहना है कि सरपंच उसे धमकी दे रहे हैं कि वह गांव में नौकरी नहीं करने देंगे, अपना सामान यहां से उठाकर चली जाओ। शिकायत के आधार पर सदर थाना पुलिस ने सरपंच समेत अन्य के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। उधर, इस मामले को लेकर जब जागरण की तरफ से सरपंच का पक्ष जानने के लिए फोन किया तो किसी अन्य ने कॉल रिसीव की और कहा कि सरपंच यहां नहीं है।

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