रोहतक में तीन साल में घटे महिला विरूद्ध अपराध, थाने पहुंचे कम मामले
साल 2020 भले ही कोरोना महामारी को लेकर सुर्खियों में रहा हो।
विनीत तोमर, रोहतक : साल 2020 भले ही कोरोना महामारी को लेकर सुर्खियों में रहा हो। कोरोना महामारी की वजह से अधिकतर लोग इस साल का अशुभ मानते हैं, लेकिन 2020 में राहत देने वाली खबर भी सामने आई है। जिले में पिछले तीन साल के आंकड़ों पर नजर डालें तो महिला विरूद्ध अपराध की संख्या घटी है। वर्ष 2018 में दुष्कर्म के 103 मामले पुलिस तक पहुंचे तो वहीं वर्ष 2020 में 70 मामले ही सामने आए हैं। इसी तरह पॉक्सो एक्ट के 106 मामले 2018 में दर्ज किए गए थे, लेकिन 2020 में इनकी संख्या मात्र 77 रही। इसके अलावा छेड़छाड़, दहेज हत्या और अपहरण के मामलों में भी कमी आई है। महिला विरूद्ध अपराध कम होने के पीछे की वजह कोरोना काल कहें या फिर पुलिस की सतर्कता यह बात अलग है। क्योंकि कोरोना महामरी की वजह से करीब दो माह तक लॉकडाउन भी रहा। कारण भले ही कोई भी हो, लेकिन जिस तरह महिला विरूद्ध अपराध के कमी आई है वह राहत देने वाली बात है।
यह मामला रहा सुर्खियों में
पिछले साल हनीट्रैप का एक मामला काफी सुर्खियों में रहा था। शहर की एक कालोनी के रहने वाले युवक ने अपने दोस्त के साथ करनाल घूमने का प्लान बनाया। जो साथ में अपनी पत्नी और पत्नी की मामी को भी लेकर चला गया। वहां पर चारों होटल में रूके। रोहतक आने के बाद मामी ने युवक के दोस्त पर दुष्कर्म का आरोप लगाया और ब्लैकमेल कर रुपये मांगे थे। इसमें युवक और उसकी पत्नी भी शामिल थी। हालांकि पीड़ित दोस्त पुलिस के पास पहुंचा, तब जाकर रुपये लेते समय रंगेहाथ पकड़े गए थे। कुछ ऐसा रहा आंकड़ा
वर्ष : 2018
दुष्कर्म : 103
पॉक्सो : 106
छेड़छाड़ : 272
दहेज हत्या : 12
अपहरण : 131 वर्ष : 2019
दुष्कर्म : 96
पॉक्सो : 95
छेड़छाड: 197
दहेज हत्या : 13
अपहरण : 112
वर्ष : 2020
दुष्कर्म : 70
पॉक्सो - 77
छेड़छाड़ :185
दहेज हत्या : 14
अपहरण : 88
नोट : यह आंकड़ा केवल महिला थाने में दर्ज हुए केस का है। 2018 और 2019 के मुकाबले 2020 में महिला विरूद्ध अपराध में काफी कमी है। जो भी मामले थाने पहुंचे उनकी तुरंत जांच कर आरोपित को सलाखों के पीछे भेजा गया और पीड़िता को न्याय दिलाया गया। महिला विरूद्ध अपराध को लेकर सख्त हिदायत है कि इसमें कोई लापरवाही नहीं होनी चाहिए।
- सुशीला, डीएसपी