रोहतक की कालोनियां बनी कोरोना हॉट स्पॉट, फील्ड में उतारे कार्यालय में बैठे चिकित्सक
कोरोना के बढ़ते केसों ने स्वास्थ्य विभाग की चिता बढ़ा दी है। स्थिति यह है कि शहरी क्षेत्र में ही 11 कालोनियों को हॉट स्पॉट घोषित करना पड़ा।
पुनीत शर्मा, रोहतक
कोरोना संक्रमण के बढ़ते केसों ने स्वास्थ्य विभाग की चिता बढ़ा दी है। स्थिति यह है कि शहरी क्षेत्र में ही 11 कालोनियों को हॉट स्पॉट घोषित करना पड़ा। इन कालोनियों में बड़े स्तर पर कोरोना के केस सामने आ रहे हैं। जिसके चलते स्वास्थ्य विभाग को दफ्तर में बैठे चिकित्सकों को भी सैंपलिग के लिए फील्ड में उतारना पड़ गया। फिलहाल स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी दावा कर रहे हैं एंटीजन और आरटीपीसीआर के माध्यम से करीब 700 लोगों की प्रतिदिन जांच की जा रही है।
कोरोना संक्रमण की रफ्तार जिले में लगातार बढ़ रही है। इस माह 12 दिनों में ही 400 से अधिक केस आ चुके हैं। जिसके चलते अब स्वास्थ्य विभाग ने भी एक्टिव मोड पर काम करना शुरू कर दिया है। स्वास्थ्य विभाग की शहर में पांच और सभी सीएचसी पर आठ टीमें लोगों के स्वास्थ्य की जांच में जुटी हुई हैं। फिलहाल जिन क्षेत्रों में सबसे अधिक सैंपलिग की जा रही है, उन्हें कोरोना हॉट स्पॉट घोषित किया गया है। चिकित्सकों के मुताबिक हॉट स्पॉट एरिया में टीम द्वारा एंटीजन प्रक्रिया से करीब 300 लोगों की प्रतिदिन सैंपलिग करते हुए आधा घंटे में ही रिपोर्ट दी जा रही है। अभी तक स्वास्थ्य विभाग की ओर से एंटीजन प्रक्रिया से 2783 लोगों के सैंपल लेकर जांच की गई है, इनमें से 50 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। जबकि पीजीआइएमएस में आरटीपीसीआर के माध्यम से करीब 350 मरीजों के सैंपल की प्रतिदिन जांच की जा रही है।
यह कालोनियां बनाई गई हॉट स्पॉट
अधिक मरीज मिलने पर 11 कालोनियों को हॉट स्पॉट बनाया गया है। इनमें गांधी कैंप, जवाहर नगर, डीएलएफ, कृष्णा कालोनी, कायस्थान कालोनी, पाड़ा मुहल्ला, बाबरा मुहल्ला, सन सिटी, श्री नगर कालोनी, जनता कालोनी, सन सिटी सेक्टर 34 कालोनी शामिल हैं। इसके अलावा खेड़ी साध, खरावड़, ईस्माईला, नयाबांस, सांपला, भैणी भैरो, भैणी चंद्रपाल, टिटौली, चांदी, चमारिया और बोहर गांव में भी अधिक से अधिक लोगों के सैंपल करने के लिए चिकित्सकों को निर्देश दिए गए हैं। वर्जन ----
जिले में प्रतिदिन करीब 300 मरीजों की एंटीजन प्रक्रिया से कोविड जांच की जा रही है। प्रतिदिन टीमों को हॉट स्पॉट एरिया में भेजा जा रहा है। इसके अलावा अधिक मरीजों वाले गांवों को भी चिह्नित करते हुए उनमें भी सैंपलिग बढ़ाने के आदेश चिकित्सकों को दिए हैं।
- डा. अनिल बिरला, सिविल सर्जन