तिरपाल डालकर ही करना होगा इमारतों का निर्माण, कचरे में आग जलाने पर होगा जुर्माना
बढ़ते हुए प्रदूषण को देखते हुए नगर निगम ने निर्माण कार्य कराने वालों के नियम तय कर दिए हैं। इमारतों का निर्माण करने के दौरान ग्रीन तिरपाल का उपयोग करना होगा।
जागरण संवाददाता, रोहतक : बढ़ते हुए प्रदूषण को देखते हुए नगर निगम ने निर्माण कार्य कराने वालों के नियम तय कर दिए हैं। इमारतों का निर्माण करने के दौरान ग्रीन तिरपाल का उपयोग करना होगा। जिससे धूल कम उड़े। वहीं, बढ़ते हुए प्रदूषण को देखते हुए निगम आयुक्त ने मंगलवार से पहले चरण में दो दमकल की गाड़ियों से पानी का छिड़काव कराने का फैसला लिया है। जरूरत पड़ने पर दो अन्य गाड़ियों को पानी के छिड़काव के कार्य में लगाया जाएगा।
नगर निगम के आयुक्त प्रदीप गोदारा ने बताया कि कुछ स्थानों पर लोग और कर्मचारी भी कचरे में आग लगा देते हैं। यही वजह है कि ऐसी घटनाओं को सख्ती से रोकने के लिए जुर्माने के प्रावधान का सख्ती से पालन कराया जाएगा। यदि जनता कचरे में आग लगाएगी तो उनके खिलाफ जुर्माने की कार्रवाई होगी। वहीं, निगम का कोई कर्मचारी इस तरह की गलती करते हुए पकड़ा गया तो उनका वेतन काटा जाएगा। दूसरी सख्त कार्रवाई भी की जा सकती है। निर्माण सामग्री बिक्री करने वालों के खिलाफ होगी सख्ती
वहीं, निर्माण सामग्री बिक्री करने वालों के चालान काटने के आदेश दिए गए हैं। आयुक्त ने बताया कि निर्माण सामग्री पर बगैर त्रिपाल के वाहन में भेजने या फिर मंगाने पर सीधे तौर से कार्रवाई होगी। निर्माण सामग्री उड़े नहीं, इसके लिए पानी का छिड़काव कराया जाएगा। जो भी निर्माण सामग्री विक्रेता ऐसा नहीं करेंगे उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। आयुक्त ने यह भी बताया कि पिछले सप्ताह भी पालिका कालोनी के निकट निर्माण सामग्री बेचने वालों के खिलाफ कार्रवाई की गई थी।
नगर निगम ने प्रदूषण से निपटने यह लिए हैं फैसले :::
1. इमारतों के निर्माण में ग्रीन त्रिपाल लगानी होगी, बिल्डिग ब्रांच निगरानी करेगी।
2. निर्माण सामग्री जिन स्थानों पर पड़ी होंगी वहां पानी का छिड़कना करना होगा।
3. निर्माण सामग्री लेकर निकलने वाले वाहनों को त्रिपाल से ढकना होगा।
4. निर्माण कार्यों के कारण उड़ने वाली धूल को रोकने के लिए इंतजाम करने होंगे।
5. कचरा व अन्य सामग्री को जलाने पर रोक, नियम तोड़ने पर जुर्माना होगा।