स्वामीनाथन रिपोर्ट दबाए रखने वाले न पूछें हमसे सवाल : मनोहर
रोहतक में आयोजित एग्री लीडरशिप समिट में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर जमकर निशाने साधे।
जेएनएन, रोहतक। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के गढ़ रोहतक में तीसरे कृषि नेतृत्व सम्मेलन (एग्री लीडरशिप समिट) में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कांग्रेस पर तीखे राजनीतिक प्रहार किए। मनोहर लाल ने कहा कि चार साल तक स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट दबाकर रखने वाले भी उनकी सरकार पर रिपोर्ट लागू करने को सवाल कर रहे हैं।
हुड्डा के गढ़ में सीएम मनोहर लाल का कांग्रेस पर निशाना
उन्होंने कहा कि आयोग की रिपोर्ट वर्ष 2010 में आ गई थी और तब केंद्र व राज्य में कांग्रेस की सरकार थी। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने वर्ष 2014 तक स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू करने के लिए न तो खुद कुछ किया और न ही तत्कालीन केंद्र सरकार से कुछ करवाया। इसलिए उनको भाजपा से सवाल करने का कोई अधिकार नहीं है।
रोहतक में तीसरे कृषि नेतृत्व सम्मेलन के उद्घाटन मौके पर तीखे तेवरों में नजर आए सीएम
मुख्यमंत्री ने कहा कि मौजूदा केंद्र और राज्य सरकार किसानों के हित में काम कर रही है। स्वामीनाथन आयोग ने किसान की लागत मूल्य से डेढ़ गुणा फसल कीमत दिलवाने की संस्तुति की थी। पहली बार केंद्र सरकार ने बजट में यह प्रावधान किया कि किसान को फसल लागत का डेढ़ गुणा न्यूनतम सरकारी मूल्य मिले। किसान को खेत के लिए पानी, खाद और खेती उपकरणों पर सब्सिडी देने का काम भाजपा सरकार ने किया है।
मुख्यमंत्री मनोहरलाल ड्रा द्वारा किसानों के इनामी प्रतियोगिता के विजेताओं का ऐलान करते हैं।
विपक्ष ने किसानों को हमेशा वोट बैैंक माना
मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्ष ने किसानों को हमेशा वोट बैंक माना है। कभी किसानों के 300 टेल तक पानी पहुंचाने का काम नहीं किया। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने 300 रजवाहों के अंतिम छोर तक पानी पहुंचाया है। यह कार्य भूपेंद्र ङ्क्षसह हुड्डा भी कर सकते थे मगर उन्होंने ऐसा नहीं किया।
गन्ना किसानों को नहीं मिलता था भुगतान
गन्ना किसानो का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि गन्ना किसानों को चार-चार साल तक फसल का पैसा नहीं मिलता था। किसान अपना गन्ना उत्तर प्रदेश बेचकर आते थे। अब राज्य सरकार ने गन्ने का न्यूनतम भाव 330 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है। किसान का कोई पैसा इस समय बकाया नहीं है। वहीं उत्तर प्रदेश के किसान भी अपना गन्ना बेचने हरियाणा में आ रहे हैं।