एमडीयू में उच्च शिक्षा में सुधार के लिए बैठक कर किया मंथन
जागरण संवाददाता रोहतक गुणवत्तापरक शिक्षा की संस्कृति विकसित करने तथा शैक्षणिक उत्कृ
जागरण संवाददाता, रोहतक : गुणवत्तापरक शिक्षा की संस्कृति विकसित करने तथा शैक्षणिक उत्कृष्टता को उच्च शिक्षा का पर्याय बनाने के लिए सोमवार को एमडीयू के राधाकृष्णन सभागार में बैठक का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में एमडीयू के नैक द्वारा ए प्लस ग्रेडिग को सराहा गया तथा उच्च शिक्षा में सुधारों पर मंथन हुआ। विश्वविद्यालय के वीसी प्रो. राजबीर ने स्टाफ से आह्वान किया कि उच्चतर शिक्षा को गुणवत्तापरक बनाना, न केवल विश्वविद्यालय शैक्षणिक विभागों का बल्कि प्रत्येक संबद्ध महाविद्यालय का मिशन होना चाहिए।
सोमवार को महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय के राधाकृष्णन सभागार में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दौरान विवि के वीसी प्रो. राजबीर सिंह ने कहा कि नैक टीम द्वारा विवि को ए प्लस ग्रेड दिया गया है। इसके बाद भी अभी तक विवि में शैक्षणिक गुणवत्ता समेत अन्य प्रकार की सुविधाओं को और बेहतर बनाना है। नैक ए प्लस ग्रेडिग का लक्ष्य संबद्ध महाविद्यालयों के विद्यार्थियों को भी मिलेगा, क्योंकि उनको विद्यार्थियों की डिग्री पर ए प्लस ग्रेडिग अंकित होगा। डीन एकेडमिक एफेयर्स प्रो. एके राजन ने कहा कि गुणवत्तापरक शिक्षा समय की जरूरत है। उन्होंने विश्वविद्यालय के विजन, मिशन, कोर वैल्युज का उल्लेख करते हुए नैक प्रक्रिया की जानकारी दी। उन्होंने उच्चतर शिक्षा में गुणवत्ता की प्रासंगिकता के बारे में जानकारी दी। कार्यक्रम में दिल्ली विश्वविद्यालय के डा. आदित्य सक्सेना ने चॉइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम के महत्व पर प्रकाश डाला। कसोर्टियम ऑफ एजुकेशनल कम्युनिकेशन (सीईसी) के संयुक्त निदेशक नागेश्वर नाथ ने डिजिटल लर्निंग के बारे में व्याख्यान दिया। नागेश्वर नाथ ने कहा कि डिजिटल लर्निंग समय की जरूरत है। उन्होंने कहा कि डिजिटल लर्निंग के जरिए ग्रॉस एनरोलमेंट रेशो (जीईआर) बढ़ाया जा सकता है। उच्चतर शिक्षा विभाग, हरियाणा के उप-निदेशक डा. हेमंत वर्मा ने कहा कि हरियाणा के महाविद्यालयों की नैक एक्रीडिटेशन तथा ग्रेडिग का प्रयास करना होगा। उन्होंने एमडीयू को उत्कृष्ट शैक्षणिक उपलब्धि के लिए बधाई दी। इस अवसर पर निदेशक, यूनिवर्सिटी कंप्यूटर सेंटर डा. जीपी सरोहा, एमडीयू वाईआरसी कार्यक्रम समन्वयक प्रो. रणदीप राणा, लाइब्रेरियन डा. सतीश मलिक, फैकल्टी के डीन, विभागाध्यक्ष, संबद्ध महाविद्यालयों के प्राचार्य तथा प्राध्यापक, एमडीयू के ब्रांच अधिकारी, विश्वविद्यालय के प्राध्यापकगण आदि उपस्थित रहे।