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चेयरमैन भालौठ विभागों से लिखित में आश्वासन मिलने पर ही खत्म करेंगे धरना

जिप चेयरमैन सतीश भालौठ के धरने ने अधिकारियों की सांसे फुलाकर रख दी हैं। फिलहाल अधिकारी धरना समाप्त कराने के लिए चेयरमैन से वार्ता करने की कोशिश में जुटे हैं।

By JagranEdited By: Published: Thu, 17 Sep 2020 09:32 AM (IST)Updated: Thu, 17 Sep 2020 09:32 AM (IST)
चेयरमैन भालौठ विभागों से लिखित में आश्वासन मिलने पर ही खत्म करेंगे धरना
चेयरमैन भालौठ विभागों से लिखित में आश्वासन मिलने पर ही खत्म करेंगे धरना

जागरण संवाददाता, रोहतक : जिला परिषद चेयरमैन के धरने ने अधिकारियों की सांसे फुलाकर रख दी हैं। फिलहाल अधिकारी धरना समाप्त कराने के लिए चेयरमैन से वार्ता करने की कोशिश में जुटे हैं, लेकिन बात नहीं बनी। पूरे मामले में डीसी के साथ भी वार्ता हुई है। लेकिन धरना समाप्त करने पर सहमति नहीं बन सकी। चेयरमैन ने प्रशासन के समक्ष एक ही शर्त रखी है। जब तक संबंधित विभाग कार्य कराने के लिए समय निर्धारित करके लिखित में आश्वासन नहीं देंगे तब तक धरना समाप्त नहीं किया जाएगा। दूसरी ओर चेयरमैन ने 21 सितंबर को जिला परिषद हाउस की बैठक बुलाई है।

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जिला विकास भवन स्थित जिला परिषद कार्यालय में चेयरमैन सतीश भालौठ ने तीसरे दिन भी धरना दिया। धरने के दौरान कुछ संगठन भी समर्थन देने के लिए पहुंचे। चेयरमैन ने खुद के कार्यालय में फर्श पर बैठकर ही जनता के मामलों की सुनवाई की। बताया गया है कि किसी गोपनीय स्थान पर डीसी कैप्टन मनोज कुमार के साथ चेयरमैन की बैठक हुई थी। प्रशासन ने धरना समाप्त कराने के लिए कहा, लेकिन चेयरमैन ने वह सभी सात मुद्दे गिना दिए जिन्हें लेकर धरना दिया जा रहा है। यह भी कहा कि अधिकारियों की मनमानी किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं करेंगे। इस दौरान वाइस चेयरमैन राजेंद्र वाल्मीकि, जिला पार्षद जेपी भाली आदि मौजूद रहे। वर्जन

डीसी के साथ वार्ता हुई थी। अब 21 सितंबर को मैंने हाउस की बैठक बुलाई है। मेरी लड़ाई सरकार से नहीं है। यह लड़ाई उन अधिकारियों के खिलाफ है, जोकि जनता के कार्यों को कराने के बजाय लगातार अड़चन खड़ी कर रहे हैं।

सतीश भालौठ, चेयरमैन, जिला परिषद

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यह बात सही है कि करीब साढ़े चार साल के कार्यकाल में तमाम एजेंडे पास हुए हैं। लेकिन अधिकारियों की अनदेखी ही कहेंगे कि उन एजेंडों पर आज तक अमल नहीं कराया गया है। जनता ने हमें चुनकर भेजा है, इसलिए जनता हमसे ही जवाब मांगती है।

राजेंद्र वाल्मीकि, वाइस चेयरमैन, जिला परिषद

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हाउस की बैठक में अधिकारियों से जवाब मांगेंगे। ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना जैसी महा बीमारी के दौर में स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर नहीं हैं। पेयजल आपूर्ति तक के बेहतर इंतजाम नहीं हैं। जिम्मेदार अधिकारी काम कराने के बजाय उलटे आंख दिखाते हैं।

जेपी भाली, जिला पार्षद, जिला परिषद


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