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सीबीआइ का रोहतक में छापा, जीएसटी के चार अधिकारी फंसे, एक गिरफ्तार, 65 लाख बरामद

सोनीपत की एक दवा कंपनी से रिश्वत मामले में सीबीआइ ने रोहतक जीएसटी कार्यालय में दबिश दी। मामले में दो सुपरिटेंडेंट व दो इंस्पेक्टरों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Mon, 17 Aug 2020 11:39 AM (IST)Updated: Mon, 17 Aug 2020 11:39 AM (IST)
सीबीआइ का रोहतक में छापा, जीएसटी के चार अधिकारी फंसे, एक गिरफ्तार, 65 लाख बरामद
सीबीआइ का रोहतक में छापा, जीएसटी के चार अधिकारी फंसे, एक गिरफ्तार, 65 लाख बरामद

जेएनएन, रोहतक। सोनीपत की एक दवा कंपनी से रिश्वत के मामले में सीबीआइ और एंटी करप्शन ब्रांच ने रोहतक के केंद्रीय वस्तु एवं सेवाकर विभाग (जीएसटी) में दबिश दी। विभाग के दो सुपरिटेंडेंट (अधीक्षक) व दो निरीक्षकों के खिलाफ केस दर्ज कराया गया है। सेक्टर-3 निवासी अधीक्षक कुलदीप हुड्डा को सीबीआइ ने गिरफ्तार कर लिया है। 27 घंटे चली जांच में करीब 65 लाख रुपये और जेवरात बरामद किए गए हैं। हालांकि रकम और जेवरात को लेकर सीबीआइ ने पुष्टि नहीं की है। एक अन्य बड़े अधिकारी का नाम भी सामने आ रहा है।

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सीबीआइ की तरफ से दर्ज किए गए मामले के मुताबिक मनोज कालरा की राई में रिसर्च मेडिसिन प्राइवेट लिमिटेड नाम से तीन कंपनियां हैं। कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर (एमडी) मनोज व डायरेक्टर चंद्रमोहन की शिकायत पर केस दर्ज हुआ है। एमडी मनोज कालरा की तरफ से दर्ज कराए केस के मुताबिक राई स्थित कंपनी में 6 अगस्त को रोहतक जीएसटी कार्यालय में तैनात अधीक्षक गुरविंदर सिंह सोहल और कुलदीप हुड्डा व निरीक्षक रोहित मलिक और प्रदीप कंपनी में जांच करने के लिए पहुंचे।

18 फीसद के बजाय 12 फीसद की दर से जीएसटी जमा कराने का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की बात कही। यह भी कहा है कि फैक्ट्रियों में रॉ मेटेरियल ज्यादा है, लेकिन स्टॉक में कम दिखाया है। इसी मामले को आधार बनाकर सख्त कार्रवाई की धौंस दिखाई। इसे लेकर भारी जुर्माना भी लगाने की बात कही। बाद में इन अधिकारियों ने 12 लाख की डिमांड की। कंपनी के एमडी ने रकम देने से इन्कार कर दिया। हालांकि जांच करने पहुंचे जीएसटी के अधिकारी व कर्मचारियों ने कहा कि अधीक्षक गुरविंदर सिंह सख्त अधिकारी हैं, पैसा नहीं देंगे तो सख्ती होगी।

बाद में 12 लाख के बजाय नौ लाख रुपये देने की बात पर अधिकारी अड़ गए। एडवांस में उसी दिन चार लाख रुपये रिश्वत के तौर पर लिए गए। हालांकि कंपनी के एमडी ने पोलिथिन में बंद करके चार के बजाय तीन लाख रुपये ही दिए। शेष रकम देने के लिए 11 अगस्त को दिल्ली बाईपास के निकट जीएसटी आयुक्तालय में कंपनी के एमडी व डायरेक्टर मिलने आए। बाद में 14 अगस्त को सोनीपत में आरोपित जीएसटी के अधीक्षक कुलबीर सिंह एक अन्य व्यक्ति के साथ पहुंचे। यहां शक हो गया तो वह नोट फेंककर वहां से भाग खड़े हुए।

रुपयों से भरा बैग पड़ोसी के घर फेंका

जीएसटी की टीम 14 अगस्त को सेक्टर-3 स्थित जीएसटी के अधीक्षक कुलदीप हुड्डा के आवास पर पहुंच गई थी। रातभर जांच की गई। पड़ोस के एक घर में भी बैग में भरकर पैसे फेंक दिए। बाद में रकम जब्त कर ली। पड़ोसियों से भी पूछताछ की गई। सेक्टर-3 में शनिवार की रात करीब तीन बजे तक सीबीआइ की टीम पड़ोसियों ने देखी। वहीं, 15 अगस्त को भी पड़ोसियों से लेकर जाट भवन के निकट जीएसटी रोहतक आयुक्तालय में जांच की। जीएसटी कार्यालय में शनिवार की सुबह करीब 10.15 टीम पहुंची और रात करीब आठ बजे तक यहां सीबीआइ की टीम ने ब्योरा खंगाला। कुछ दस्तावेज भी जब्त किए गए हैं। जो पूरे मामले से जुड़े हुए बताए जा रहे हैं।

आयुक्त बोले- मुझे ज्यादा जानकारी नहीं

रोहतक जीएसटी आयुक्तालय के आयुक्त विजय मोहन जैन का कहना है कि अवकाश होने के कारण में कार्यालय में नहीं था, इसलिए ज्यादा जानकारी नहीं है। सीबीआइ ने क्या कार्रवाई की है, इसे लेकर लिखित में जो भी मिलेगा, उसी हिसाब से कार्रवाई करेंगे। लिखित में कार्रवाई को लेकर कुछ मिलेगा तो विभागीय जांच शुरू करेंगे। यदि किसी अधिकारी का नाम सामने आ रहा है तो हो सकता कुछ संलिप्तता हो। इसकी भी जांच कराएंगे। इससे अधिक मुझे जानकारी नहीं है।


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