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अाइएएस टॉपर अनु और रितु ने कहा, खत्म होना चाहिए जाति-पाति का भेदभाव

आइएएस परीक्षा में दूसरा स्‍थान प्राप्‍त करने वाली अनु और 141 वां स्‍थान प्राप्त करने वाली रीतू ने कहा कि समाज की उन्‍नति के लिए जाति-पाति का भेदभाव खत्‍म होना चाहिए।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Sat, 26 May 2018 10:58 AM (IST)Updated: Sat, 26 May 2018 01:12 PM (IST)
अाइएएस टॉपर अनु और रितु ने कहा, खत्म होना चाहिए जाति-पाति का भेदभाव
अाइएएस टॉपर अनु और रितु ने कहा, खत्म होना चाहिए जाति-पाति का भेदभाव

जेएनएन, पानीपत।  संघ लोकसेवा आयोग की परीक्षा (आइएएस) में दूसरा स्थान प्राप्त करने वाली अनु और 141वां रैंक प्राप्त करने वाली रितु ने कहा कि समाज से जाति-पाति खत्‍म होना चाहिए। बदले समय में जाति-पाति का भेदभाव प्रगति में सबसे बड़ी बाधा है।

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वे अखिल भारतीय रोड़ महासभा की ओर से जीटी रोड स्थित रोड़ धर्मशाला में आयोजित सम्‍मान समरोह मेंबेल रही थीं। उनका शाल ओढ़ाकर सम्मान किया गया। महासभा ने दोनों के परिजनों, ननिहाल के सदस्यों सहित 21वें राष्ट्रमंडल खेलों के दौरान स्वर्ण पदक जीतने वाले नीरज चोपड़ा के चाचा भीम सिंह का भी सम्मान किया।

अनु ने कहा, मैं जाट हूं और रितु रोड़। खुशी इस बात की है कि रोड़ महासभा ने सम्मान करने के लिए दोनों को एक मंच पर बुलाया है। पिछले दिनों जाट महासभा ने भी ऐसा ही किया था। समाज से जाति-पाति की भावना मिटनी चाहिए, जो भी काबिल है उसे सम्मान  मिलना चाहिए। उन्होंने अपनी कामयाबी का पूरा श्रेय माता-पिता व मौसी को दिया।

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अनु ने कहा कि मां मेरे चार साल के बेटे को नहीं संभालती तो मैं परीक्षा की तैयारी नहीं कर पाती। उन्होंने समाज को संदेश देने हुए कहा कि लड़कियों को पढ़ने और बढ़ने का पूरा अवसर दें, खासकर लड़के ऐसा प्रयास करें कि लड़की उनके सामने से गुजरते हुए डरे नहीं। लड़कियों के भाई बनें ताकि कोई दूसरा लड़का भी लड़की ओर गलत नजरों से देख सके। उन्होंने स्कूल के बच्चों के प्रश्नों के उत्तर भी दिए।

रितु ने कहा कि मेरी कामयाबी के पीछे जितना रोल माता-पिता का है उतना ही ननिहाल का है। सिविल सर्विस की पूरी तैयारी दिल्ली में मामा के घर रहकर ही कर सकी। क्या अच्छा है और क्या बुरा, यह सामाजिक शिक्षा मुझे ननिहाल से ही मिली है।

रितु ने कहा, मैंने सोचा था के यूपीएससी की परीक्षा पास करने के बाद अच्छी नौकरी और खुशहाल जिंदगी होगी। सम्मान समारोह में जाने के बाद मुझे लगा कि समाज के प्रति मेरी बड़ी जिम्मेदारी है। सम्मान समारोह में जाट-रोड़ एकता और 46 बिरादरी के भाईचारे का नारा भी गूंजा। घरौंडा के विधायक एवं हैफेड के चेयरमैन हरविंद्र कल्याण ने कहा कि बेटियां किसी भी क्षेत्र में बेटों से कम नहीं हैं। हरियाणा की बेटियों ने इसे साबित कर दिखाया है।


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