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कस्टमर केयर बनकर करते थे लोगों को कॉल, फिर ऑपरेट करते थे ओएलएक्स अकाउंट

- सीआइए-1 की टीम ने फरीदाबाद के एक आरोपित को ले रखा है रिमांड पर - राजस्थान के भरतपुर जिले के कई गांवों से ऑपरेट होता है ठगी का धंधा जागरण संवाददाता रोहतक ओएलएक्स पर ठगी करने वाले आरोपित से पूछताछ के बाद पुलिस को अहम जानकारी मिली है। आरोपित न केवल फर्जी नंबर का इस्तेमाल करते थे बल्कि कस्टमर केयर के बहाने किसी भी व्यक्ति को फोन करते थे और फिर उससे ओटीपी मंगाकर उसी के नंबर पर ओएलएक्स अकाउंट ऑपरेट करते थे। गिरोह में कई अन्य लोगों के नाम सामने आए हैं।

By JagranEdited By: Published: Sun, 19 May 2019 08:27 PM (IST)Updated: Sun, 19 May 2019 08:27 PM (IST)
कस्टमर केयर बनकर करते थे लोगों को कॉल, फिर ऑपरेट करते थे ओएलएक्स अकाउंट
कस्टमर केयर बनकर करते थे लोगों को कॉल, फिर ऑपरेट करते थे ओएलएक्स अकाउंट

जागरण संवाददाता, रोहतक : ओएलएक्स पर ठगी करने वाले आरोपित से पूछताछ के बाद पुलिस को अहम जानकारी मिली है। आरोपित न केवल फर्जी नंबर का इस्तेमाल करते थे, बल्कि कस्टमर केयर के बहाने किसी भी व्यक्ति को फोन करते थे और फिर उससे ओटीपी मंगाकर उसी के नंबर पर ओएलएक्स अकाउंट ऑपरेट करते थे। गिरोह में कई अन्य लोगों के नाम सामने आए हैं।

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बता दें, कि पिछले सप्ताह सीआइए-1 की टीम ने ओएलएक्स पर ठगी करने वाले आरोपित फरीदाबाद निवासी मुबारिक को गिरफ्तार किया था। जिसे रिमांड पर लेकर पूछताछ की जा रही है। पूछताछ में सामने आया है कि आरोपित की ससुराल राजस्थान के भरतपुर जिले में है, जहां के अधिकतर लोग इस धंधे में जुड़े हुए हैं। आरोपित ने अपने पत्नी के चाचा के बेटे की सहायता से पहली बार यह ठगी की थी। आरोपित ने फर्जी आइडी की सिम पर ओएलएक्स अकाउंट बनाकर बुलेट बाइक बेचने का विज्ञापन डाला था। इसके बाद उसने 59 हजार 200 रुपये ठग लिए थे। खास बात यह है कि इस धंधे को करने के लिए वह सबसे पहले फर्जी आइडी पर सिम खरीदते हैं। इसके बाद ऐसे मोबाइल नंबरों की तलाश करते हैं, जिस पर ओएलएक्स अकाउंट चल रहा है। आरोपित उस नंबर पर कस्टमर केयर बनकर फोन करते हैं। बातों में उलझाकर उनके मोबाइल पर आए ओटीपी नंबर को पूछ लेते थे और फिर उस ओटीपी के माध्यम से अपने मोबाइल में ओएलएक्स अकाउंट चलाते थे। फर्जी आइडी पर लिए गए सिम पर ही पेटीएम अकाउंट केवाइसी एक्टिवेट कर लेते थे, जिसके बाद पेटीएम में रुपये मंगाकर उन्हें अपने खातों में ट्रांसफर कर लेते थे। फिलहाल पुलिस गिरोह के बाकी आरोपितों की तलाश में लगी हुई है।

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