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बेरोजगारी से परेशान बीटेक के छात्र ने फांसी लगाकर दी जान

संवाद सहयोगी, सांपला : खरावड़ गांव में बेरोजगारी से तंग आकर रेलवे कर्मचारी के बीटेक पास

By JagranEdited By: Published: Sun, 25 Feb 2018 03:00 AM (IST)Updated: Sun, 25 Feb 2018 03:00 AM (IST)
बेरोजगारी से परेशान बीटेक के छात्र ने फांसी लगाकर दी जान
बेरोजगारी से परेशान बीटेक के छात्र ने फांसी लगाकर दी जान

संवाद सहयोगी, सांपला : खरावड़ गांव में बेरोजगारी से तंग आकर रेलवे कर्मचारी के बीटेक पास बेटे ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। परिजन उसे आनन-फानन में पीजीआइएमएस लेकर पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। सूचना मिलने पर पुलिस पीजीआइएमएस में पहुंची और शव का पोस्टमार्टम कराकर परिजनों को सौंप दिया। मृतक के भाई ने बयान दिया है कि नौकरी नहीं मिलने के कारण उसका भाई परेशान था, इस वजह से आत्महत्या करने पर मजबूर हुआ।

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खरावड़ गांव निवासी 24 वर्षीय सुधीर पुत्र संतराज बीटेक पास था। सुधीर का पिता रेलवे में कार्यरत है। परिजनों के अनुसार, रोजाना की भांति सुधीर शुक्रवार रात भी मकान की छत पर बने कमरे में जाकर सो गया। शनिवार तड़के वह उठकर नीचे आ गया और अपनी मां शकुंतला के पास लेट गया। सुबह होने पर जब उसकी मां की नींद खुली तो पता चला कि सुधीर वापस अपने कमरे में चला गया। दिन निकलने के बाद भी वह नीचे नहीं आया। इस पर उसकी मां नींद से जगाने के लिए ऊपर कमरे में गई। कमरे का दरवाजा अंदर से बंद था। काफी देर तक दरवाजा खटखटाने के बाद भी गेट नहीं खुला। जिसके बाद उसकी मां ने खिड़की से झांककर देखा। इस पर उसकी आंखें फटी की फटी रह गई। अंदर कमरे की छत पर लगे कुंडे में रस्सी डालकर सुधीर उस पर लटका हुआ था। आनन-फानन में परिवार के अन्य लोग मौके पर पहुंचे और सुधीर को नीचे उतारकर पीजीआइएमएस में लेकर पहुंचे। वहां पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। पीजीआइएमएस की तरफ से जानकारी मिलने पर सांपला थाना पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने शव का पंचनामा कर पोस्टमार्टम करा परिजनों को सौंप दिया।

बड़े भाई ने यह दिया पुलिस को बयान

पुलिस को दिए बयान में मृतक के बड़े भाई जितेंद्र ने बताया कि सुधीर बीटेक पास था। वह काफी दिनों से नौकरी की तलाश कर रहा था, लेकिन नौकरी नहीं मिल रही थी। इस कारण वह परेशान रहता था। बेरोजगारी से तंग होकर ही उसने यह कदम उठाया है। कुछ दिनों के लिए सुधीर ने प्राइवेट कंपनी में नौकरी भी की थी, लेकिन वह संतुष्ट नहीं हुआ और फिलहाल घर पर ही रह रहा था।

चार भाई-बहनों में तीसरे नंबर का था सुधीर

परिजनों के अनुसार, सुधीर चार भाई-बहनों में तीसरे नंबर का था। सबसे बड़ा भाई जितेंद्र एक प्राइवेट कंपनी में नौकरी करता है। जबकि छोटे भाई-बहन अपनी पढ़ाई कर रहे हैं। सुधीर की मौत के बाद परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।

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सुधीर के भाई ने बयान दिया है कि बेरोजगारी से परेशान होकर यह कदम उठाया है। पुलिस ने कानूनी प्रक्रिया पूरी कर शव का पोस्टमार्टम कराया और परिजनों को सौंप दिया।

- जयभगवान मलिक, चौकी इंचार्ज खरावड़


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