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रंजीत का टूट गया परिवार, दादी और मां का इकलौता सहारा चला गया, बहन और चार बेटियां हो गईं बेसहारा

अरुण शर्मा रोहतक कच्चाबेरी रोड स्थित डिस्पोजल पर हुए हादसे के बाद के इकलौते कमाने वाले

By JagranEdited By: Published: Thu, 27 Jun 2019 01:11 AM (IST)Updated: Thu, 27 Jun 2019 06:36 AM (IST)
रंजीत का टूट गया परिवार, दादी और मां का इकलौता सहारा चला गया, बहन और चार बेटियां हो गईं बेसहारा
रंजीत का टूट गया परिवार, दादी और मां का इकलौता सहारा चला गया, बहन और चार बेटियां हो गईं बेसहारा

अरुण शर्मा, रोहतक

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कच्चाबेरी रोड स्थित डिस्पोजल पर हुए हादसे के बाद के इकलौते कमाने वाले रंजीत का पूरा परिवार बुरी तरह से टूट गया है। मां मीना के साथ ही दादी फूलमती दहाड़े मारकर रोने को विवश थीं। कभी आसमान की तरफ निहारते हुए उम्मीद करती हैं कि कोई पास में आकर कह दे कि सब झूठ है। मृतक रंजीत की पत्नी काजल गर्भवती हैं। उन्हें संभालने के लिए समूची पालिका कालोनी की महिलाएं साथ-साथ खड़ी थीं। फिर भी काजल के आंसू नहीं थम रहे थे। अब यही चिता है कि चारों बेटियों के भविष्य का क्या होगा। मां मीना को यह भी चिता है कि रंजीत तो चला गया, अब उनकी बेटी (रंजीत की बहन) के हाथ कौन पीले करेगा। दादी फूलमती कहती हैं कि कई साल पहले रंजीत के दादा खईनाम की मौत हो गई थी। उस समय उम्मीद थी कि बेटा जगदीश (रंजीत के पिता) और पोता तो हैं। दो साल पहले जगदीश की बीमारी के चलते मौत हो गई। अब इकलौते पोते की मौत की खबर पर दादी व परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट गया। कालोनी वालों का कहना है कि रंजीत सीवरेज की सफाई का कार्य करते थे। कालोनी वाले कहते हैं कि डिस्पोजल पर मौत खींच लाई। क्योंकि डिस्पोजल पर कार्य करने के लिए पहली बार आए थे। धर्मेंद्र डेढ़ साल पहले नौकरी से हटाए थे, मंगलवार को ही आया था काम पर लौटने का संदेश

कच्चाबेरी रोड स्थित डिस्पोजल पर हुए हादसे ने सभी को झकझोर कर रख दिया है। हादसे को लेकर जनस्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं। परिजनों के आरोप हैं कि शौराकोठी के मृतक कर्मचारी धर्मेंद्र को लेकर बड़े सवाल खड़े हो गए हैं। परिजनों का दावा है कि डेढ़ साल पहले तक धर्मेंद्र इसी डिस्पोजल पर कार्यरत थे। इससे धर्मेंद्र के पिता धर्मपाल यहीं कार्यरत थे। रिटायर होने के बाद ठेके पर धर्मेंद्र नौकरी करने लगे। भजीते रोहित और भाई मनोज का दावा है कि डेढ़ साल पहले नौकरी से निकाल दिया गया। इसका कारण भी नहीं बताया गया। जबकि मंगलवार को विभाग के अधिकारियों का काम पर लौटने का संदेश आया। लेकिन फिर वह वापस नहीं जा सके। धर्मेंद्र के तीन बच्चे हैं। पंप ऑपरेटर अनिल की डेढ़ साल पहले ही लगी थी नौकरी

मृतक पंप ऑपरेटर अनिल सैनी की करीब डेढ़ साल पहले ही नौकरी लगी थी व रोहतक में तैनाती मिली। अनिल मूलरूप से कैथल स्थित चंदाना गेट निवासी थे। रोहतक में सबसे पहले पीरबोधी पर तैनाती मिली। कुछ माह से कच्चाबेरी रोड स्थित डिस्पोजल पर तैनात हुए थे। मृतक अनिल के महम निवासी बहनोई राकेश कुमार ने बताया है कि यह समझ से परे है कि पंप ऑपरेटर चैंबर में क्यों उतरा। जांच होनी चाहिए। इनका कहना है कि शुरूआत में महम में अनिल रहे। बाद में मामा के बेटे आजाद के साथ विशाल नगर में रहने लगे। अनिल के दो बच्चे हैं। वहीं, रायबरेली के ऊंचाहार निवासी संजय अपने कुछ रिश्तेदारों के साथ रोहतक में रहते थे।


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