Citizenship Amendment Act: जैन बोले- रोहिंग्या देश में नहीं रहेंगे, उत्पीड़न के शिकार अल्पसंख्यकों को मिलेगी नागरिकता
Citizenship Amendment Act हरियाणा प्रभारी डा. अनिल जैन ने कहा कि इस कानून से रोहिंग्या देश में नहीं रहेंगे उत्पीड़न के शिकार अल्पसंख्यकों को नागरिकता मिलेगी।
जेएनएन, रोहतक। Citizenship Amendment Act: हरियाणा प्रभारी डा. अनिल जैन ने कहा कि बंटवारे के समय साल 1947 में महात्मा गांधी ने कहा था कि पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के हितों का ध्यान रखना भारत की जिम्मेदारी होगी। अब कांग्रेसी महात्मा गांधी की राजघाट स्थित समाधि पर देश को गुमराह करने के लिए नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ धरना दे रहे हैं। इससे बढ़कर हास्यास्पद स्थिति नहीं हो सकती।
भाजपा लोगों के बीच जनसंपर्क करके अधिनियम के बारे में समझाएगी। इस देश में रोहिंग्या नहीं रहेंगे, वहीं पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान में धार्मिक उत्पीड़न के शिकार अल्पसंख्यकों को यहां सम्मान के साथ रहने का मौका मिलेगा। जैन बृहस्पतिवार को दिल्ली रोड स्थित एक मैरिज पैलेस में नागरिकता संशोधन अधिनियम पर जनजागरण को लेकर भाजपा की ओर से आयोजित कार्यशाला में बोल रहे थे।
पत्रकारों से बातचीत में डा. अनिल जैन ने बताया है कि विपक्ष के पास कोई मुद्दा नहीं, कार्यशाला में तय हुए एजेंडों पर कहा कि छह बिंदुओं पर देशभर और हरियाणा में कार्यक्रम चला जाएंगे। डा. जैन ने बताया है कि तीन करोड़ लोगों के बीच देशभर में पहुंचकर उन्हें इस प्रकरण में एक प्रपत्र सौपेंगे, जिससे इस अधिनियम को आसानी से समझा जा सके। हरियाणा में 10 लाख लोगों के बीच पहुंचा जाएगा।
केंद्र सरकार के इस फैसले के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम एक करोड़ धन्यवाद पत्र भेजे जाएंगे। संवाद कार्यक्रमों के माध्यम से विचार गोष्ठी, पत्रकारवार्ता, चर्चाएं आयोजित होंगी। सामाजिक संवाद समाज के विभिन्न बुद्धजीवियों के साथ जैसे अधिवक्ता, इंजीनियर, व्यापारी आदि के साथ किए जाएंगे। 30 दिसंबर को सोशल मीडिया पर ट्वीट किए जाएंगे, जिसमें अधिनियम के बारे में व्यापक प्रचार किया जाएगा। बड़ी-बड़ी रैलियां भी आयोजित होगी।
12 जनवरी को मैराथन या फिर दूसरे आयोजन देशभर में आयोजित किए जाएंगे। झारखंड के चुनाव परिणाम पर कहा कि अधिनियम को लेकर यह चुनाव नहीं लड़ा गया, हार के कारणों की पार्टी समीक्षा कर रही है। प्रेसवार्ता के दौरान प्रदेश अध्यक्ष सुभाष बराला, गृहमंत्री अनिल विज, जवाहर यादव, सांसद नायब सिंह सैनी, मीडिया प्रभारी शमशेर खरक आदि मौजूद रहे।
यदि उत्पीडऩ नहीं तो पाकिस्तान में कैसे कम हुए अल्पसंख्यक
डॉ. अनिल जैन ने यह भी कहा कि साल 2006 तक इस अधिनियम में कई बार बदलाव किए गए, लेकिन किसी ने आवाज नहीं उठाई। अब पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश में प्रताडि़त किए गए अल्पसंख्यकों जिसमें बड़ी संख्या में अनुसूचित जाति के लोग शामिल हैं, उन्हें सम्मानजनक जीवन जीने के लिए पहल की गई तो विपक्ष घबरा गया। डा. जैन ने दावा किया है कि पाकिस्तान में बंटवारे के दौरान 23 फीसद हिंदू थे, लेकिन अब तीन फीसद ही बचे हैं। बांग्लादेश में 22 फीसद में अब 7.8 फीसद और अफगानिस्तान में सिख सिर्फ 500 परिवार ही बचे हैं। यदि उत्पीडऩ नहीं हुआ है तो इन देशों में अल्पसंख्यक कैसे कम हो गए।
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