Move to Jagran APP

भाजपाई जिप चेयरमैन सतीश भालौठ का धरना, अफसरों पर अनदेखी के आरोप

भाजपा नेता एवं जिला परिषद के चेयरमैन सतीश भालौठ ने अपनी ही सरकार के अफसरों पर मनमानी के आरोप लगाए हैं। अधिकारियों की तरफ से सुनवाई न करने के आरोप लगाए।

By JagranEdited By: Published: Tue, 15 Sep 2020 09:45 AM (IST)Updated: Tue, 15 Sep 2020 09:45 AM (IST)
भाजपाई जिप चेयरमैन सतीश भालौठ का धरना, अफसरों पर अनदेखी के आरोप
भाजपाई जिप चेयरमैन सतीश भालौठ का धरना, अफसरों पर अनदेखी के आरोप

जागरण संवाददाता, रोहतक : भाजपा नेता एवं जिला परिषद के चेयरमैन ने अपनी ही सरकार के अफसरों पर मनमानी के आरोप लगाए हैं। अधिकारियों की तरफ से सुनवाई न करने के आरोप लगाते हुए सोमवार को जिला परिषद के चेयरमैन धरने पर बैठ गए। कुर्सी के बजाय फर्श पर बैठकर ही कार्यालय चलाया किया।

prime article banner

4 सितंबर को चेयरमैन सतीश भालौठ और 10 जिला पार्षदों ने चेतावनी वाला मांग-पत्र एडीसी महेंद्रपाल को सौंपा था। यह भी चेतावनी दी थी कि 10 दिनों के अंदर सभी मांगें पूरी नहीं हुईं तो अनिश्चितकाल के लिए धरना देंगे। रविवार को चेयरमैन भालौठ जिला विकास भवन स्थित अपने कार्यालय में सुबह 10.30 बजे पहुंचे और 11 बजे उन्होंने पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया है। यह धरना नियमित तौर से सुबह 11 बजे से शाम पांच बजे तक होगा। चेयरमैन ने कड़ी नाराजगी जताते हुए कहा कि जब मेरी और जिला पार्षदों की सुनवाई नहीं होती है तो आमजन न्याय की उम्मीद कैसे कर सकता है। दूसरी ओर ग्रामीण क्षेत्रों में सैनिटाइजर और मास्क बांटने में लापरवाही को लेकर भी कड़ी नाराजगी जताई है। धरने के दौरान वाइस चेयरमैन राजेंद्र वाल्मीकि, जिला पार्षद जेपी भाली, लक्ष्मी, दिनेश करौंधा आदि मौजूद रहे।

डीसी का आया फोन, विभागों से लिखित में मांगे पत्र

चेयरमैन ने कहा कि मेरे पास डीसी कैप्टन मनोज कुमार का फोन आया था। डीसी ने समस्याएं निस्तारित करने का आश्वासन दिया है। हालांकि चेयरमैन ने कहा है कि संबंधित विभागों के जिम्मेदार अधिकारी जैसे स्वास्थ्य विभाग के सीएमओ, शिक्षा विभाग की डीईओ, सिचाई विभाग के एसई, टावर प्रकरण में जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी आदि लिखित में सभी मामलों को लेकर कार्य पूरे कराने या फिर कितने दिनों में कार्य हो जाएंगे पत्र लिखें तभी धरना खत्म होगा। वर्जन

मुझे जनता ने उम्मीद के साथ चुनकर भेजा था, इसलिए इस्तीफा देने का सवाल नहीं। जनता के हक की आवाज उठाऊंगा। जरूरत पड़ी तो टेंट लगाकर धरना दूंगा। जब तक लिखित में कार्य कराने के लिए आश्वासन नहीं मिलेगा तब तक धरना समाप्त नहीं होगा। हां, अधिकारी चाहें तो 10 दिन उन्हें दिए जा सकते हैं।

सतीश भालौठ, चेयरमैन, जिला परिषद

--

पंचायत चुनाव इस साल के आखिर या फिर अगले साल जनवरी-फरवरी में हो सकते हैं। पंचायत चुनाव निकट आते देखकर यह सब ड्रामा किया जा रहा है। जनता को न्याय दिलाने की इतनी ही सुध थी तो साढ़े साल तक चेयरमैन और उनके चहेते जिला पार्षद कहां सोए हुए थे।

राजीत, जिला पार्षद

-- इन सात मुद्दों को लेकर शुरू किया धरना

1. ग्रामीण क्षेत्रों में खेतों से जल निकासी के इंतजाम हों

ग्रामीण क्षेत्रों में खेतों से जल निकासी के इंतजाम नहीं हो सके। बरसाती पानी की निकासी के गांवों में पंप लगवाकर और कुआं खोदकर जल निकासी के इंतजाम की मांग की थी। सिचाई विभाग पर लापरवाही के आरोप लगाकर कहा कि विभाग की लापरवाही के चलते हर साल सैकड़ों एकड़ फसलें बर्बाद हो रहीं।

स्टेटस : चेयरमैन का दावा, सिचाई विभाग के एसडीओ स्तर के अधिकारियों ने जवाब भेजा है। एसई लिखित में समस्या निस्तारित करने का पत्र दें।

--

2. सीएमओ बताएं, आखिर गांवों में कब तक दुरुस्त होंगी स्वास्थ्य सेवाएं

जिला परिषद की 29 मई को हुई बैठक का हवाला देते हुए कहा है कि ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल हैं। बेहतर सुविधाएं हों इसके लिए ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित प्राथमिक और सामुदायिक केंद्रों पर दवाओं की उपलब्धता और उनके नाम हिदी-अंग्रेजी में मुख्य गेट पर चस्पा किए जाएं। चिकित्सकों के नाम, मोबाइल नंबर भी चस्पा होने चाहिए। दवाओं की उपलब्धता को लेकर चेयरमैन, जिला पार्षदों व पंच-सरपंचों के वाट्सएप नंबर पर ब्योरा दिया जाए। आरोप अफसर ब्योरा नहीं दे रहे।

--

3. निजी स्कूलों की मनमानी पर लगाम नहीं

निजी स्कूलों पर मनमानी के आरोप लगाए हैं। नाराजगी जताई कि हाउस की बैठक में फैसला लिया गया था कि निजी स्कूलों के मुख्य गेट पर फीस का पूरा ब्योरा दर्शाया जाएगा। निजी स्कूलों की तरफ से आज तक इस निर्देश का पालन नहीं किया गया। शिक्षा विभाग ने भी अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की, जवाब भी नहीं दिया।

--

4. मिलीभगत के चलते गांवों में लगे टॉवर

संचार कंपनियों की तरफ से जिले में लगाए गए टावरों की जांच रिपोर्ट में भारी गड़बड़ियों के आरोप हैं। चेयरमैन व पार्षदों ने दावा किया है कि 236 टावर लगे हुए हैं। इनमें से सिर्फ 61 टावरों की 19 लाख रुपये की फीस ही मिली है। अधिकारियों के मिलीभगत के आरोप लगाते हुए कहा कि कुछ अधिकारी जिम्मेदारों को बचाने का कार्य कर रहे हैं। उदाहरण दिया कि अधिकारियों को नोटिस गलत पतों पर भेजे। राजस्व के आर्थिक नुकसान की भरपाई व जिम्मेदारों पर कार्रवाई की मांग की है।

--

5. कोविड में कितनी सब कमेटियां, जवाब दें अफसर

डीसी के नाम लिखे पत्र में चेयरमैन व जिला पार्षदों ने नाराजगी जाहिर की है। चेयरमैन ने आरोप लगाए कि कोविड-19 महामारी से बचाव के लिए सब कमेटियों का गठन किया गया। कितने सब कमेटियां बनाईं, खरीद का ब्योरा, कहां से क्या सामान खरीदा आदि बिदुओं पर जानकारी मांगी, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला।

--

6. ब्याज के पैसों से कराए जाएं विकास कार्य

जिला परिषद के बैंक खातों में ब्याज की करीब 24-25 लाख रुपये जमा हैं। इस रकम से विकास कार्य कराने की मांग की गई है। यह भी कहा है कि ग्रामीण क्षेत्रों में 10 लाख रुपये की लागत से मास्क वितरित करने का प्रस्ताव पास किया गया था। फिर भी इस प्रकरण में अधिकारियों ने कोई कार्य नहीं किया।

--

7. हाउस में पास एजेंडे, धरातल पर फेल

भालौठ ने कहा कि करीब 10 माह पहले मैं चेयरमैन बना हूं, इससे पहले जिला पार्षद था। करीब साढ़े चार साल में सैकड़ों एजेंडे हाउस की बैठक में पास हुए, धरातल पर सभी फेल हैं। आमजन से जुड़े एजेंडों पर धरातल पर काम क्यों नहीं हुआ, कौन-कौन अधिकारी जिम्मेदार हैं। इसका भी अधिकारियों से जवाब मांगा है। वर्जन

चेयरमैन व जिला पार्षदों की तरफ से मांगपत्र सौंपा गया था। हमने संबंधित विभागों को पत्र लिखकर जवाब मांगा है। कुछ विभागों से जवाब आ गए हैं। कुछ विभागों के जवाब मंगलवार तक आने की उम्मीद है। उनके मांगपत्र पर गंभीरता से काम हो रहा है।

सतीश यादव, सीईओ, जिला परिषद, रोहतक


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.