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बलियाणा और बोहर रहा सबसे संवेदनशील, बूथों पर दौड़ते रहे आइजी और एसपी

रोहतक : पुलिस के तमाम बंदोबस्त के बीच बलियाणा और बोहर गांव के मतदान कें

By JagranEdited By: Published: Mon, 17 Dec 2018 05:00 AM (IST)Updated: Mon, 17 Dec 2018 05:00 AM (IST)
बलियाणा और बोहर रहा सबसे संवेदनशील, बूथों पर दौड़ते रहे आइजी और एसपी
बलियाणा और बोहर रहा सबसे संवेदनशील, बूथों पर दौड़ते रहे आइजी और एसपी

जागरण संवाददाता, रोहतक : पुलिस के तमाम बंदोबस्त के बीच बलियाणा और बोहर गांव के मतदान केंद्र सबसे अधिक संवेदनशील रहे। इन मतदान केंद्रों पर अन्य केंद्रों के मुकाबले दोगुनी फोर्स लगाई गई थी। हालात यह थे कि चुनाव को शांतिपूर्ण कराने के लिए खुद आइजी और एसपी मतदान केंद्रों पर दौड़ते नजर आए।

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बलियाणा गांव में दो प्रत्याशियों के समर्थकों में शनिवार को टकराव हो गया था। इसके बाद दोनों पक्षों ने पुलिस में मामला दर्ज कराया था। गांव में तनाव की स्थिति को देखते हुए वहां पर भारी फोर्स तैनात कर दी गई थी। इसके अलावा बोहर गांव में भी प्रत्याशियों के समर्थकों के बीच टकराव की आशंका थी। इन दोनों गांवों को लेकर पुलिस भी पूरी तरह से अलर्ट थी। अधिकारियों ने वहां की पल-पल की रिपोर्ट ली और स्थिति पर नियंत्रण बनाए रखने के लिए दिशा-निर्देश देते रहे।

वहीं, चुनाव के मद्देनजर आइजी संदीप खिरवार और एसपी जश्नदीप ¨सह रंधावा फोर्स के साथ मतदान केंद्रों पर मुआयना करते नजर आए। दोनों अधिकारियों के काफिले ने दोपहर तक शहर के मतदान केंद्रों पर डेरा डाले रखा। जनता कालोनी से लेकर सुखपुरा चौक और गांधी कैंप आदि स्थानों पर अधिकारियों ने निरीक्षण किया। दोपहर बाद अधिकारियों ने ग्रामीण क्षेत्रों के बूथों पर मुआयना किया। अधिकारियों ने पुलिसकर्मियों को भी निर्देश दिए कि चुनाव को लेकर कोई भी लापरवाही नहीं होनी चाहिए। सख्त हिदायत देते हुए कहा कि यदि कोई माहौल बिगाड़ने का प्रयास करता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। निकाला गया फ्लैग मार्च

आइजी और एसपी के नेतृत्व में फोर्स ने शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में फ्लैग मार्च भी निकाला। इस दौरान अधिकारियों ने कई मतदान केंद्रों पर जाकर मतदाताओं से बातचीत भी की। उन्हें आश्वासन दिया कि वह खुलकर मतदान करें। किसी से भी डरने की जरूरत नहीं है। आचार संहिता का हुआ उल्लंघन

चुनाव को लेकर प्रशासन की तरफ से धारा-144 लागू की गई थी। इसके चलते प्रत्याशियों को भी निर्देश दिए गए थे कि मतदान केंद्रों के 100 मीटर के दायरे में वह टेंट नहीं लगा सकेंगे। फोर्स को भी अलर्ट किया गया था कि इस अवधि में कोई भी प्रचार सामग्री नहीं लगनी चाहिए। यदि कोई प्रत्याशी ऐसा करता है तो उस पर तत्काल कार्रवाई की जाए, लेकिन चुनाव के दौरान अधिकारियों के यह आदेश हवा-हवाई दिखाई दिए। जाट भवन में मतदान केंद्र बनाया गया था, जबकि उसके सामने ही रोड की दूसरी तरफ प्रत्याशियों ने अपने टेंट लगाए हुए थे। वहां से अधिकारियों का भी आवागमन रहा, लेकिन किसी ने भी इस तरफ ध्यान नहीं दिया।


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